झालावाड़. दिल में पढ़ लिखकर कुछ करने का जज्बा हो और परिवार का सहयोग भी उसमें मिल जाए तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है झालावाड़ की बेटी शाईना अगवान ने. जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ब्रिटिश काउंसिल की ओर से विज्ञान के क्षेत्र में छात्राओं को दी जाने वाली स्कॉलरशिप हासिल की है वो भी दो दो यूनिवर्सिटीज से. ऐसा करने वाली शाईना झालावाड़ और राजस्थान की एकमात्र बेटी है.
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बता दें कि यूके की ब्रिटिश काउंसिल की ओर से विज्ञान के क्षेत्र में छात्राओं को बढ़ावा देने के लिए सम्पूर्ण देश से 5 छात्राओं का चयन किया गया. जिसमें राजस्थान के झालावाड़ जिले के झालरापाटन कस्बे से शाईना अगवान को चयनित किया गया है. ब्रिटिश कॉउंसिल की ओर से शाईना को 15 महीने रिन्यूएबल एनर्जी कोर्स में MS के लिए 40 लाख रूपये की स्कॉलरशिप प्रदान की गई है. जिसमे शाईना का वीजा, ट्यूशन फीस, रहने से लेकर आने-जाने और पढ़ाई आदि सभी का खर्चा कॉउंसिल की ओर से उठाया जाएगा. इस खबर के झालरापाटन पहुंचने के बाद शाईना के परिवार सहित पूरे कस्बे मे हर्ष का माहौल है.
गौरतलब है कि यूके की 5 यूनिवर्सिटी को भारत से 1-1 छात्राओं का चयन करना था, जिसमे शाईना का 2 यूनिवर्सिटी की ओर से चयन किया गया, यूके की स्ट्रेथ क्लाइड ग्लासगो और एडिनबर्घ नैपियर यूनिवर्सिटी से इन्हें स्कॉलरशिप प्राप्त हुई है. वहीं, 3 अन्य यूनिवर्सिटीज का रिजल्ट आना अभी बाकी है. इनमें भी अपने सिलेक्शन को लेकर शाईना पूरी तरह आश्वस्त हैं. इस दौरान शाईना ने बताया उनके पिता इशाक मोहम्मद जो कि झालावाड़ के खानपुर में डीएसपी ऑफिस में ASI के पद पर कार्यरत है और माता रेहाना अगवान बैंगल्स का कारोबार करती है.
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वहीं, शाईना के 2 भाई बहन भी है. इन सभी ने उनका हमेशा से पूर्ण सहयोग दिया है. इसी के कारण आज लाखों लोगों में से उनका चयन हुआ है. ऐसे में उन्होंने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता पिता को दिया है. शाईना ने बताया कि वह बचपन से ही विज्ञान के क्षेत्र में जाना चाहती थी. इसके लिए उन्होंने शुरू से ही बहुत कड़ी मेहनत की है. वह 10th क्लास में टॉपर रही.
इसके अलावा बीटेक के दौरान भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया. ऐसे में अब उनका चयन स्कॉलरशिप के लिए यूके की दो यूनिवर्सिटीज द्वारा किया गया है. जैसे ही उनके पास इसका मेल आया वह काफी खुश हो गई. उन्होंने बताया कि स्कॉलरशिप मिलने से वह अब आगे की पढ़ाई जारी रख पाएंगी. उन्होंने बताया कि आज वह बहुत खुश हैं कि उन्होंने जो सारी मेहनत की थी उसका फल मिल गया है.
वहीं, उनके पिता इशाक मोहम्मद का कहना है कि उनकी बेटी शाईना बचपन से ही बहुत मेहनती है. इसकी पढ़ाई के लिए उनसे जितना बन पड़ता था वो उन्होंने किया और उसी का परिणाम है कि आज उन्होंने न सिर्फ उनके परिवार का बल्कि पूरे राजस्थान का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि आज वो अपनी बेटी की सफलता से काफी खुश है. उनका कहना है कि बेटियों को दबाकर नही बल्कि उन्हें हमेशा पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.