झालावाड़. पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. अब तक कोरोना की वेक्सीन नहीं बन पाने के कारण बचाव को ही उपचार माना जा रहा है. इसमें फ्रंटलाइनर के तौर पर जहां स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. वहीं प्रशासन का सबसे ज्यादा जोर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने और मास्क पहने पर रहता है. लेकिन कई जगहों पर लोगों के पास मास्क की कमी देखी गई है.
मास्क की कमी को पूरा करने के लिए 5वीं कक्षा की निराली ने अपने नन्हें कदम आगे बढ़ाए. जिसके बाद झालावाड़ में सुनेल की निराली ने खुद से ही मास्क बनाना शुरू कर दिया. इस नन्हीं बेटी ने अपने छोटे-छोटे हाथों से घर पर ही सिलाई मशीन से कोरोना योद्धाओं के लिए मास्क बनाने शुरू किया और अब तक 1 हजार से अधिक मास्क बनाकर वितरित कर भी कर चुकी है. निराली खुद के बनाये मास्क को सुनेल, पिड़ावा और झालावाड़ में पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों को भेंट कर चुकी है.
सुनेल और पिड़ावा में मास्क भेंट करने के बाद जब निराली जिला कलेक्टर के पास पहुंची तो वो निराली के प्रयासों को देखकर गदगद हो गए और मौके पर ही बिना मास्क पहने वाले लोगों को निराली के साथ मास्क का वितरण करने लगे. इस दौरान जिला कलेक्टर ने भी निराली के प्रयासों की खूब प्रशंसा की.
इनको कर चुकी है मास्क का वितरण
बता दें की झालावाड़ में कोरोना का सबसे पहला हॉट स्पॉट पिड़ावा कस्बा था. ऐसे में पिड़ावा में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं के लिए निराली ने डिप्टी एसपी धन्नाराम को मास्क भेंट किये थे. इसके अलावा निराली सुनेल में भी थानाधिकारी को मास्क भेंट कर चुकी है. वहीं निराली ने पिड़ावा एसडीएम ऑफिस और मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों को भी मास्क भेंट किए है.
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माता-पिता से मिली मास्क बनाने की प्रेरणा
निराली ने बताया कि मास्क बनाने की प्रेरणा उनको अपने माता पिता से मिली है. साथ ही कहा कि कोरोना के खिलाफ पूरा विश्व जंग लड़ रहा है. इस जंग में कई लोग अपने परिवार की चिंता छोड़कर इस महामारी से निपटने के लिए 24 घंटे कार्य कर रहे हैं. इनके लिए हमारी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. इस लिए वो कोरोना योद्धाओं और आमजनता के लिए में मास्क बना रही है.