झालावाड़. शतायुपार संत धर्मदास महाराज का शानिवार सुबह 104 साल की उम्र में देवलोक गमन हो गया.मृत्यु की सूचना उनके अनुयायियों को मिलते ही आश्रम में भारी भीड़ जमा हो गई. जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए.
जिसके बाद रूपनगर स्थित संत कुटिया में चकडोल फूलों से सजा कर धर्मदास महाराज की रामधुन के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होकर पीपा धाम पहुंची. जहां पर उनका विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. धर्मदास महाराज की अंतिम यात्रा में पीपाधाम के संत पीठाधीश्वर झंनकारेश्वरदास त्यागी महाराज, संत, पुजारी, शहर के व्यापारी व सामाजिक संगठनों सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.