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SPECIAL : कोरोना से बचने के लिए ग्रामीणों के अनोखे जतन...खेड़ा बालाजी से लेकर घास भैरू तक की शरण में ग्रामीण

आस्थाएं कब अंधविश्वास में तब्दील हो जाती हैं, कह नहीं सकते. कोरोना से बचने के लिए झालावाड़ में ग्रामीण लोक देवताओं और मान्यताओं की शरण में हैं. कहीं ये आस्था नजर आती है तो कहीं अंधविश्वास.

Corona in rural areas in Jhalawar
गांवों में कोरोना और अंधविश्वास
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Published : May 30, 2021, 7:32 PM IST

झालावाड़. झालावाड़ जिले में कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण धार्मिक आयोजन कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने जिले के तीन उपखंड क्षेत्रों में कोरोना को भगाने के नाम पर हुए धार्मिक आयोजनों को कवर किया. कहीं उज्जैनी की जा रही है तो कहीं हनुमान चालीसा के पाठ.

गांवों में कोरोना और अंधविश्वास

मांडा गांव में उज्जैनी

झालावाड़ उपखंड क्षेत्र की झालरापाटन तहसील के मांडा गांव में लोग कोरोना को भगाने के लिए और देवताओं को मनाने के लिए खेतों में जाकर पूजा पाठ और हवन कर रहे हैं. ग्रामीण इसे उज्जैनी कहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल भी उन्होंने उज्जैनी की थी, जिससे गांव में एक भी व्यक्तिक कोरोना संक्रमित नहीं हुआ.

Corona in rural areas in Jhalawar
खेड़ा बालाजी की शरण में गांव

लिहाजा इस बार भी दोगुने उत्साह और आस्था के साथ उज्जैनी कार्यक्रम किया जा रहा है. इसके तहत हवन के साथ-साथ पैड़ पौधों की पूजा करके भोजन प्रसादी बांटी गई. इस दौरान लोगों ने कोविड गाइडलाइन का पालन भी किया.

पढ़ें- एहतियात: कोविड मरीजों में आई कमी लेकिन सरकार की सख्ती बढ़ी, वीकेंड कर्फ्यू तीन दिन होने से दुकानों पर हो रही भीड़

आकोदिया गांव में घास भैरू की सवारी

झालावाड़ के खानपुर उपखंड क्षेत्र के आकोदिया गांव में कोरोना के भगाने के लिए ग्रामीणों ने घास भैरू की सवारी निकाली. लोक मान्यता के मुताबिक यूं तो घास भैरू की सवारी गांव में बारिश के लिए निकाली जाती है. लेकिन इस बार विपदा कोरोना की है. तो इस बार की सवारी कोरोना के समूल नाश के लिए निकाली गई. लेकिन इस सवारी के दौरान सैंकड़ों ग्रामीण जुट गए. न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और न ही लोगों ने सुरक्षा के लिए मास्क लगा रखे थे. लोग हुजूम की शक्ल में घास भैरू की सवारी लेकर गांव भर में घूमे.

Corona in rural areas in Jhalawar
घास भैरू की सवारी

गांव के सभी लोगों ने घास भैरू के रूप में पत्थर की पूजा की. उसे ट्रैक्टर के पीछे बांधकर पूरे गांव में घुमाया. इस दौरान घास भैरू के जयकारे लगते रहे. घास भैरू की मूर्ति को गांव के बाहर नियत स्थान पर ले जाकर सवारी का समापन किया गया.

मकोड़िया गांव में घरों पर ताला, खेत में भोजन

झालावाड़ जिले के गंगधार उपखण्ड क्षेत्र के मकोड़िया गांव में ग्रामीणों ने 12 घण्टे का संपूर्ण लॉकडॉउन लगाया. गांव के सभी रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. सभी ग्रामीणों ने अपने घरों को ताले लगाए और खेतों में चले गए. वहीं भोजन बनाया-खाया.

Corona in rural areas in Jhalawar
घर पर ताला, खेत में खाना

12 घंटे खेत में गुजार कर ही ग्रामीण वापस लौटे. इससे पहले पूरा दिन वे खेड़ा बालाजी की पूजा करते हुए कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ करते रहे.

झालावाड़. झालावाड़ जिले में कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण धार्मिक आयोजन कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने जिले के तीन उपखंड क्षेत्रों में कोरोना को भगाने के नाम पर हुए धार्मिक आयोजनों को कवर किया. कहीं उज्जैनी की जा रही है तो कहीं हनुमान चालीसा के पाठ.

गांवों में कोरोना और अंधविश्वास

मांडा गांव में उज्जैनी

झालावाड़ उपखंड क्षेत्र की झालरापाटन तहसील के मांडा गांव में लोग कोरोना को भगाने के लिए और देवताओं को मनाने के लिए खेतों में जाकर पूजा पाठ और हवन कर रहे हैं. ग्रामीण इसे उज्जैनी कहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल भी उन्होंने उज्जैनी की थी, जिससे गांव में एक भी व्यक्तिक कोरोना संक्रमित नहीं हुआ.

Corona in rural areas in Jhalawar
खेड़ा बालाजी की शरण में गांव

लिहाजा इस बार भी दोगुने उत्साह और आस्था के साथ उज्जैनी कार्यक्रम किया जा रहा है. इसके तहत हवन के साथ-साथ पैड़ पौधों की पूजा करके भोजन प्रसादी बांटी गई. इस दौरान लोगों ने कोविड गाइडलाइन का पालन भी किया.

पढ़ें- एहतियात: कोविड मरीजों में आई कमी लेकिन सरकार की सख्ती बढ़ी, वीकेंड कर्फ्यू तीन दिन होने से दुकानों पर हो रही भीड़

आकोदिया गांव में घास भैरू की सवारी

झालावाड़ के खानपुर उपखंड क्षेत्र के आकोदिया गांव में कोरोना के भगाने के लिए ग्रामीणों ने घास भैरू की सवारी निकाली. लोक मान्यता के मुताबिक यूं तो घास भैरू की सवारी गांव में बारिश के लिए निकाली जाती है. लेकिन इस बार विपदा कोरोना की है. तो इस बार की सवारी कोरोना के समूल नाश के लिए निकाली गई. लेकिन इस सवारी के दौरान सैंकड़ों ग्रामीण जुट गए. न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और न ही लोगों ने सुरक्षा के लिए मास्क लगा रखे थे. लोग हुजूम की शक्ल में घास भैरू की सवारी लेकर गांव भर में घूमे.

Corona in rural areas in Jhalawar
घास भैरू की सवारी

गांव के सभी लोगों ने घास भैरू के रूप में पत्थर की पूजा की. उसे ट्रैक्टर के पीछे बांधकर पूरे गांव में घुमाया. इस दौरान घास भैरू के जयकारे लगते रहे. घास भैरू की मूर्ति को गांव के बाहर नियत स्थान पर ले जाकर सवारी का समापन किया गया.

मकोड़िया गांव में घरों पर ताला, खेत में भोजन

झालावाड़ जिले के गंगधार उपखण्ड क्षेत्र के मकोड़िया गांव में ग्रामीणों ने 12 घण्टे का संपूर्ण लॉकडॉउन लगाया. गांव के सभी रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. सभी ग्रामीणों ने अपने घरों को ताले लगाए और खेतों में चले गए. वहीं भोजन बनाया-खाया.

Corona in rural areas in Jhalawar
घर पर ताला, खेत में खाना

12 घंटे खेत में गुजार कर ही ग्रामीण वापस लौटे. इससे पहले पूरा दिन वे खेड़ा बालाजी की पूजा करते हुए कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ करते रहे.

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