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झालरापाटन में लगातार बढ़े राजे के मत, क्या इस बार भी मिलेंगे पिछली बार से ज्यादा वोट?

Rajasthan Assembly Election Result 2023, झालरापाटन में वसुंधरा राजे के सामने हर बार कांग्रेस ने प्रत्याशी बदला है. इस बार उनके सामने रामलाल चौहान थे, जबकि राजे के सामने रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह जैसे दिग्गज भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन कोई उन्हें हरा नहीं पाया.

Rajasthan Assembly Election Result 2023
Rajasthan Assembly Election Result 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 3, 2023, 5:01 AM IST

झालावाड़. राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनाव लड़ती हैं. वो हाड़ौती से भाजपा का प्रतिनिधित्व करती हैं और यहां की जनता हर बार उनकी झोली वोटों से भरते आ रही है. हालांकि, जब पहली बार वो यहां से चुनाव लड़ी तब उन्हें 72760 वोट मिले थे. उसके बाद 2008 और 2013 में लगातार उनका वोट प्रतिशत बढ़ता रहा है, जबकि 2018 के चुनाव में उन्हें 116484 वोट मिले थे. इस बार 2 लाख 31320 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ऐसे में राजे को अबकी कितने वोट मिलते हैं, ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा, लेकिन क्षेत्र के लोगों की मानें तो वो इस बार क्लीन स्वीप कर सकती हैं.

रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह को भी मात दे चुकी हैं राजे : वहीं, इस सीट पर हर कांग्रेस चेहरा बदलते रही है और इस बार भी पार्टी ने राजे के सामने रामलाल चौहान को मैदान में उतार बड़ा दांव खेला था, लेकिन हकीकत यह है कि वसुंधरा यहां रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को भी मात दे चुकी हैं. यही वजह है कि इस क्षेत्र को राजे का गढ़ कहा जाता है.

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पहली बार रमा पायलट को मात देकर बनी थीं सीएम : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनावी मैदान में हैं. वो यहां से चार बार विधायक रह चुकी हैं और पांचवीं बार मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस ने रामलाल चौहान को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन झालरापाटन सीट की बात की जाए तो यहां से कांग्रेस लगातार प्रत्याशियों को बदलती आई है. सबसे पहले 2003 में रमा पायलट को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था, जो पार्टी के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मां हैं और उन्हें राजे ने चुनावी मुकाबले में मात दी थी.

दूसरी बार 2008 में कांग्रेस ने मोहनलाल और तीसरी बार 2013 में मीनाक्षी चंद्रावत को मैदान में उतरा था, लेकिन ये नेता भी राजे के सामने टिक नहीं पाए थे और आखिरकार इन्हें भी पराजय का मुंह देखना पड़ा था. वहीं, 2018 के चुनाव में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद व दिवंगत नेता जसवंत सिंह जसोल के बेटे मानवेंद्र सिंह को पार्टी ने मैदान में उतारा था, लेकिन वो भी यहां राजे को हरा नहीं पाए.

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2003 से 2013 तक बढ़ा जीत का प्रतिशत, 2018 में हुआ कम : वसुंधरा राजे के जीत का आंकड़ा लगातार 2003 से 2013 तक बढ़ता रहा, लेकिन 2018 में ये कम हुआ. फिर भी काफी ज्यादा अंतर से उनकी जीत हुई थी. साल 2003 में कुल 172100 वोटर पड़े थे. इनमें से 72760 वोट वसुंधरा राजे को मिले, जबकि रमा पायलट को 45385 वोट गए थे और वो राजे से 27375 वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थीं. दूसरे चुनाव में कुल 209603 वोट पड़े, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल को 49012 मत हासिल हुए, जबकि राजे को 81593 वोट मिले थे और वो 32581 वोटों से विजयी हुई थीं.

बात अगर तीसरे चुनाव की करें तो इस चुनाव में राजे को कुल 228894 वोटों में से 114384 वोट मिले थे और वो 60896 मतों से चुनाव जीती थीं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी चंद्रावत को 53488 वोट पड़े थे. वहीं, 2018 में क्षेत्र में कुल 263393 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इनमें से राजे को 116484 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 81504 वोट पड़े थे. ऐसे में वसुंधरा 34980 वोटों से चुनाव जीती थीं.

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अबकी 77.67 फीसदी हुआ मतदान : क्षेत्र में 2023 के चुनाव में कुल 297810 मतदाता थे, जिसमें से 231320 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है यानी इस बार यहां 77.67 प्रतिशत मतदान हुआ है. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 146216 रही, जिसमें से 109702 ने मतदान किया है. वहीं, पुरुष मतदाताओं की बात की जाए तो 151590 मतदाताओं में से 121617 ने वोट डाला. वहीं, चार थर्ड जेंडर मतदाता थे, जिनमें से एक ने इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.

झालावाड़. राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनाव लड़ती हैं. वो हाड़ौती से भाजपा का प्रतिनिधित्व करती हैं और यहां की जनता हर बार उनकी झोली वोटों से भरते आ रही है. हालांकि, जब पहली बार वो यहां से चुनाव लड़ी तब उन्हें 72760 वोट मिले थे. उसके बाद 2008 और 2013 में लगातार उनका वोट प्रतिशत बढ़ता रहा है, जबकि 2018 के चुनाव में उन्हें 116484 वोट मिले थे. इस बार 2 लाख 31320 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ऐसे में राजे को अबकी कितने वोट मिलते हैं, ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा, लेकिन क्षेत्र के लोगों की मानें तो वो इस बार क्लीन स्वीप कर सकती हैं.

रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह को भी मात दे चुकी हैं राजे : वहीं, इस सीट पर हर कांग्रेस चेहरा बदलते रही है और इस बार भी पार्टी ने राजे के सामने रामलाल चौहान को मैदान में उतार बड़ा दांव खेला था, लेकिन हकीकत यह है कि वसुंधरा यहां रमा पायलट और मानवेंद्र सिंह जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को भी मात दे चुकी हैं. यही वजह है कि इस क्षेत्र को राजे का गढ़ कहा जाता है.

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पहली बार रमा पायलट को मात देकर बनी थीं सीएम : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनावी मैदान में हैं. वो यहां से चार बार विधायक रह चुकी हैं और पांचवीं बार मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस ने रामलाल चौहान को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन झालरापाटन सीट की बात की जाए तो यहां से कांग्रेस लगातार प्रत्याशियों को बदलती आई है. सबसे पहले 2003 में रमा पायलट को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था, जो पार्टी के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मां हैं और उन्हें राजे ने चुनावी मुकाबले में मात दी थी.

दूसरी बार 2008 में कांग्रेस ने मोहनलाल और तीसरी बार 2013 में मीनाक्षी चंद्रावत को मैदान में उतरा था, लेकिन ये नेता भी राजे के सामने टिक नहीं पाए थे और आखिरकार इन्हें भी पराजय का मुंह देखना पड़ा था. वहीं, 2018 के चुनाव में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद व दिवंगत नेता जसवंत सिंह जसोल के बेटे मानवेंद्र सिंह को पार्टी ने मैदान में उतारा था, लेकिन वो भी यहां राजे को हरा नहीं पाए.

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2003 से 2013 तक बढ़ा जीत का प्रतिशत, 2018 में हुआ कम : वसुंधरा राजे के जीत का आंकड़ा लगातार 2003 से 2013 तक बढ़ता रहा, लेकिन 2018 में ये कम हुआ. फिर भी काफी ज्यादा अंतर से उनकी जीत हुई थी. साल 2003 में कुल 172100 वोटर पड़े थे. इनमें से 72760 वोट वसुंधरा राजे को मिले, जबकि रमा पायलट को 45385 वोट गए थे और वो राजे से 27375 वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थीं. दूसरे चुनाव में कुल 209603 वोट पड़े, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल को 49012 मत हासिल हुए, जबकि राजे को 81593 वोट मिले थे और वो 32581 वोटों से विजयी हुई थीं.

बात अगर तीसरे चुनाव की करें तो इस चुनाव में राजे को कुल 228894 वोटों में से 114384 वोट मिले थे और वो 60896 मतों से चुनाव जीती थीं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी चंद्रावत को 53488 वोट पड़े थे. वहीं, 2018 में क्षेत्र में कुल 263393 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इनमें से राजे को 116484 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 81504 वोट पड़े थे. ऐसे में वसुंधरा 34980 वोटों से चुनाव जीती थीं.

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अबकी 77.67 फीसदी हुआ मतदान : क्षेत्र में 2023 के चुनाव में कुल 297810 मतदाता थे, जिसमें से 231320 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है यानी इस बार यहां 77.67 प्रतिशत मतदान हुआ है. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 146216 रही, जिसमें से 109702 ने मतदान किया है. वहीं, पुरुष मतदाताओं की बात की जाए तो 151590 मतदाताओं में से 121617 ने वोट डाला. वहीं, चार थर्ड जेंडर मतदाता थे, जिनमें से एक ने इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.

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