अलवर. मकर संक्रांति के पर्व पर हर साल की तरह इस साल भी अलवर जिले में दान पुण्य की गंगा बहेगी और युवाओं का जोश खेल मैदानों में देखने को मिलेगा. इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों के अलावा संस्थाओं द्वारा जिले भर में दान शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोग गौशालाओं में गायों को हरा चारा, गुड़ आदि का दान करेंगे. वहीं, मकर संक्रांति के दिन जिले में खेलों की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें युवाओं का उत्साह देखने लायक होगा.
दान पुण्य और धार्मिक उत्सव का महत्व: पंडित विजय कुमार सारस्वत के अनुसार, मकर संक्रांति के पर्व पर अलवर के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. लोग भगवान को खिचड़ी, तिल, लड्डू और अन्य मिष्ठान अर्पित करते हैं, जबकि दुकानदार भी इस दिन के लिए विशेष तैयारियां करते हैं. इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व है, और बड़ी संख्या में लोग इस अवसर पर दान करते हैं.
खेल की दुकानों में बढ़ी खरीदारी : मकर संक्रांति के दौरान अलवर में खेलों के प्रति युवाओं का खासा रुझान होता है. खेल सामग्री की दुकानों पर बैट, बल्ले, गेंद और राउंडल (लकड़ी का बैट) की बिक्री काफी बढ़ जाती है. खेल सामग्री बेचने वाले दुकानदार राजेश ने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से मकर संक्रांति के अवसर पर दुकान लगा रहे हैं और हर साल की तरह इस साल भी इन खेल सामग्री की अच्छी बिक्री हो रही है. उन्होंने बताया कि इस बार राउंडल खेल के लिए भी युवाओं में अधिक खरीदारी देखने को मिल रही है. तिलगुड़ व गाजक के दुकानदारों का कहना है कि मकर संक्रांति को देखते हुए अच्छी खरीददारी हो रही है, साथ ही पिछले कुछ दिनों से मौसम में ठंडक के चलते भी दुकानदारी बढ़ी है.
खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन : मकर संक्रांति के दिन जिले के विभिन्न खेल मैदानों में क्रिकेट और राउंडल खेल की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. युवाओं की टीम कई दिनों पहले से प्रैक्टिस में जुट जाती है. अलवर के प्रमुख स्थानों जैसे सागर, सिटी पैलेस, आर आर कॉलेज मैदान और इंद्रा गांधी स्टेडियम में युवाओं का हुजूम सुबह से ही नजर आता है. खासकर लाल डिग्गी पर राउंडल खेलने वाले युवाओं की टोली मकर संक्रांति से पहले ही अपनी प्रैक्टिस करती है.