झालावाड़. इन बीते 5 वर्षों में पंचायतों में क्या-क्या विकास कार्य हुए हैं इनको लेखा जोखा करने के लिए ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'सरपंच साहब रो रिपोर्ट कार्ड' के तहत झालावाड़ जिले की घाटोली ग्राम पंचायत में पहुंची. घाटोली ग्राम पंचायत मध्य प्रदेश की सीमा पर लगी हुई है और मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश द्वार भी मानी जाती है. इसके अलावा यहां पर केलखोयरा महादेव मंदिर भी है जो हाड़ौती के साथ-साथ मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है. घाटोली ग्राम पंचायत में कुल 4808 मतदाता हैं. जिनमें से 2500 वोट पुरुषों के और 2308 महिलाओं के हैं. इस ग्राम पंचायत में चार बड़े गांव आते हैं. जिनमें घाटोली, दुर्जनपुरा, नीमखेड़ा व गोरधनपुरा मुख्य है.
विकास कार्यों को लेकर सरपंच का दावा
पिछले 5 सालों में इस ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यो पर नजर डालें तो वर्तमान सरपंच का दावा है कि उनके कार्यकाल में घाटोली ग्राम पंचायत के स्वास्थ्य केंद्र, दुर्जनपुरा व गोरधनपुरा गांव में इंटरलॉकिंग करवाई गई है. साथ ही सभी गांवों में कुएं, ट्यूबवेल खुदवाए गए हैं. यहीं नहीं गांव में नालियों का निर्माण भी करवाया गया है. सरपंच का कहना है कि घाटोली, गोरधनपुरा व गुर्जर मोहल्ला में सामुदायिक भवन बनाये गए हैं और ग्राम पंचायत में 3 श्मशान घाट भी बनाये गए हैं.
पढ़ें- भीलवाड़ा: गागेडा पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...मॉडल तालाब से लेकर पार्क तक सब चकाचक
विपक्षी उम्मीदवार ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
वहीं सरपंच के विपक्षी उम्मीदवार का कहना है कि पंचायत में जो भी विकास कार्य हुए हैं, उनमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है, क्योंकि कुछ दिनों पहले ही बनाई शमशान घाट की दीवार, गांव की नालियां टूट गई है. वहीं जो भी सीसी सड़कें व इंटरलॉकिंग करवाई गई है, वो बीजेपी विधायक के द्वारा बनवाई गई है.
ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने क्या कहा, जानिए
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत में सड़क व नालियां तो बनी लेकिन कुछ दिनों बाद ही टूट गई. जिसके चलते सड़कों पर पानी भरा रहता है और नालियों में सफाई के अभाव में कीचड़ जमा हो गया है. गांव के एकदम बीच में से निकलने वाले नाले की सफाई नहीं होने की वजह से उसमें कीचड़ भर गया. जिसमें मच्छर पनप जाते हैं और बीमारियों होती रहती है.
पढ़ें- अजमेर: सोमलपुर पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...पानी, चिकित्सा और बिजली से ग्रामीण परेशान
पंचायत की सबसे बड़ी आवश्यकता
ग्रामीणों का कहना है कि केलखोयरा नदी के ऊपर पुल का निर्माण ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी आवश्यकता है. पुल का निर्माण नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में कई महीनों तक लोग कहीं आ जा नहीं पाते हैं और पढ़ने वाले बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं. पुल के अभाव में कई श्रद्धालु केलखोयरा महादेव मंदिर में भी नहीं जा पाते हैं.