झालावाड़. जिले के झालरापाटन को ऐतिहासिक नगरी कहा जाता है. हाड़ौती की गंगा कही जाने वाली चंद्रभागा नदी भी झालरापाटन से ही बहती है. इस ऐतिहासिक नगरी से बहती चंद्रभागा नदी में कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र स्नान की परंपरा है. जिसमें आसपास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु यहां आकर नदी में पवित्र स्नान करते हैं. ऐसे में आगामी 12 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हजारों श्रद्धालु यहां पर आस्था की डुबकी लगाएंगे.
लेकिन कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रभागा नदी के जिन घाटों पर स्नान किया जाएगा, उन घाटों की हालात खराब है. जहां एक ओर झालावाड़ में बाढ़ की वजह से जिले की तमाम नदियां अभी भी पानी से लबालब है, वहीं घाटो पर चंद्रभागा नदी का जलस्तर इतना कम हो चुका है कि नदी में केवल गंदा पानी और कीचड़ ही नजर आता है.
बता दें कि चंद्रभागा नदी पर घाट का भी निर्माण हो रहा है. जिस वजह से उसकी गंदगी नदी में आ रही है. वहीं ठेकेदार गैर-जिम्मेदाराना तरीके से नदी के पानी की निकासी कर रहा है. जिसकी वजह से घाट पर पानी ही नहीं बचा है. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र स्नान को लेकर नगर पालिका की तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालु के सामने भी गंदे पानी की वजह से स्नान को लेकर बढ़ा धर्मसंकट रहेगा.
घाट पर नहा रहे लोगों ने बताया कि पिछली बार बहुत ऊपर तक पानी था. इस बार ज्यादा बारिश हुई उसके बावजूद नदी के घाट पर पानी नही है साथ ही पानी भी काफी गन्दा है. साफ सफाई नहीं होने की वजह से जगह जगह इसमें कूड़ा करकट जमा हो गया है. नगर पालिका ने नदी और घाट पर न तो साफ सफाई करवाई गई है और ना ही विसर्जन की गई मूर्तियां निकाली गई हैं. जिसकी वजह से नदी का पानी काफी गन्दा हो गया है.
नगर पालिका का कार्तिक पूर्णिमा से पहले साफ-सफाई का दावा-
चंद्रभागा नदी में कार्तिक पूर्णिमा को होने वाले स्नान को लेकर नगर पालिका का के चेयरमैन अनिल पोरवाल ने समय से घाट को व्यवस्थित करने का दावा किया है. चेयरमैन ने बताया कि पूर्णिमा पर स्नान से पहले नगर पालिका के सफाई कर्मी नदी के दोनों ओर घाटों की सफाई कर देंगे. साथ ही श्रद्धालुओं को घाट तक आने के रास्ते भी साफ-सुथरे मिलेंगे. साथ ही बताया कि स्नान के बाद भी घाटों को साफ करवा दिया जाएगा. वहीं घाट पर चल रहे निर्माण कार्यों को भी जल्द करवा दिया जाएगा.