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'नो स्कूल, नो फीस' तो फिर शिक्षा मंत्री भी नहीं लें सैलरी : निजी स्कूल संचालक - Jhalawar Private School Association

झालावाड़ में निजी स्कूल संचालकों ने आरटीआई के भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर 'नो स्कूल, नो फीस' है तो फिर डोटासरा को भी शिक्षा मंत्री का वेतन नहीं लेना चाहिए.

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झालावाड़ में निजी स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन किया
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Published : Dec 28, 2020, 9:40 PM IST

झालावाड़. मिनी सचिवालय में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले निजी स्कूल संचालकों ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही 4 जनवरी तक मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते लगाया गया लॉकडाउन अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है. जिसके बाद से सभी क्षेत्र खोल दिए गए हैं.

झालावाड़ में निजी स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन किया

इसके अलावा सरकारें चुनाव भी करवा रही हैं, लेकिन अभी तक प्राइवेट स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. जिसकी वजह से निजी स्कूल संचालकों को भूखे मरने की स्थिति आ गई है. वहीं स्कूलें नहीं खुलने से स्कूल संचालकों के साथ-साथ विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिससे यह साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार निजी स्कूलों को पूरी तरह से बर्बाद करने का साजिश कर रही है.

स्कूल संचालकों का कहना है कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को अभी तक 2019 और 2020 सत्र के आरटीई का भुगतान नहीं किया है. जिससे स्कूल संचालकों की आर्थिक स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. इसके अलावा जब भी इसको लेकर राज्य सरकार से बात की जाती है तो उनका कहना होता है कि स्कूल नहीं तो फीस नहीं. ऐसे में जब स्कूल नहीं चल रहे हैं तो फिर गोविंद डोटासरा को शिक्षा मंत्री के रूप में मिलने वाला वेतन भी नहीं लेना चाहिए.

पढ़ें- झालावाड़ के इस मंदिर की नींव में भरा गया 11 हजार लीटर दूध, टैंकरों में भरकर लाए श्रद्धालु

प्रदर्शन के दौरान निजी स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दी. अगर 4 जनवरी तक अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर धरने की शुरुआत की जाएगी.

झालावाड़. मिनी सचिवालय में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले निजी स्कूल संचालकों ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही 4 जनवरी तक मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते लगाया गया लॉकडाउन अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है. जिसके बाद से सभी क्षेत्र खोल दिए गए हैं.

झालावाड़ में निजी स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन किया

इसके अलावा सरकारें चुनाव भी करवा रही हैं, लेकिन अभी तक प्राइवेट स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. जिसकी वजह से निजी स्कूल संचालकों को भूखे मरने की स्थिति आ गई है. वहीं स्कूलें नहीं खुलने से स्कूल संचालकों के साथ-साथ विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिससे यह साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार निजी स्कूलों को पूरी तरह से बर्बाद करने का साजिश कर रही है.

स्कूल संचालकों का कहना है कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को अभी तक 2019 और 2020 सत्र के आरटीई का भुगतान नहीं किया है. जिससे स्कूल संचालकों की आर्थिक स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. इसके अलावा जब भी इसको लेकर राज्य सरकार से बात की जाती है तो उनका कहना होता है कि स्कूल नहीं तो फीस नहीं. ऐसे में जब स्कूल नहीं चल रहे हैं तो फिर गोविंद डोटासरा को शिक्षा मंत्री के रूप में मिलने वाला वेतन भी नहीं लेना चाहिए.

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प्रदर्शन के दौरान निजी स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दी. अगर 4 जनवरी तक अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर धरने की शुरुआत की जाएगी.

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