जयपुर: राजस्थान विधानसभा में गतिरोध बरकरार है. 'दादी' शब्द को लेकर शुरू हुए हंगामे के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित कांग्रेस विधायकों को सस्पेंड करने से शुरू हुआ गतिरोध तीन दिन बाद भी जारी है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस गतिरोध का जिम्मेदार भी सरकार को ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार खुद ही नहीं चाहती कि गतिरोध खत्म हो. वहीं, अब सोमवार को कांग्रेस विधानसभा का घेराव करेगी.
सदन में 'दादी' शब्द बोलने के बाद शुरू हुआ विवाद धमने का नाम नहीं ले रहा. सदन में कांग्रेस के विधायक मंजीरे बजाते हुए रामधुनी कर अपना धरना जारी रखे हुए हैं. हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम कांग्रेस विधायकों से वार्ता करने पहुंचे, लेकिन सहमति नहीं बन पाई और अब कांग्रेस सोमवार को विधायकों के निलंबन के खिलाफ हल्ला बोल करते हुए विधानसभा का घेराव करने की तैयारी कर रही है. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि ये सरकार की हठधर्मिता है. सरकार नहीं चाहती कि गतिरोध टूटे. उन्होंने तीन दिन दिखावे के अलावा कोई प्रयास नहीं किया.
यहां उनके मिनिस्टर आते हैं, वार्ता करते हैं, बाहर मीडिया में बोलते हैं, अखबार में फोटो छपाते हैं कि हम वार्ता करने गए थे और प्रतिपक्ष हमारी बात को नहीं मान रहा. जबकि कांग्रेस विधायकों ने पहले ही दिन कहा था कि वो गतिरोध तोड़ने के लिए तैयार है. सिर्फ इतनी सी डिमांड है कि जो इंदिरा गांधी जी के लिए व्यंग्यात्मक लहजे में मंत्री ने कहा कि उसे हटा दिया जाए और सदस्यों का निलंबन वापस हो. इसके अलावा और कोई डिमांड नहीं है और ये ऐसी डिमांड भी नहीं है कि सत्ता पक्ष को करने में कोई गुरहेज हो, लेकिन बीजेपी का रवैया ऐसा है कि पूरी बीजेपी यहां तक कि प्रदेश प्रभारी भी मंत्री को बचाने में जुट गए ये अच्छा नहीं है.
उन्होंने कहा कि आज संसदीय लोकतंत्र में परंपराओं के साथ वो यहां बैठे हैं. उन्हें भी उनके क्षेत्र की जनता ने चुनकर यहां भेजा है. उन्हें भी संविधान के तहत अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन अपनी बात नहीं कह सके, सरकार उनके सवालों का जवाब ना दे, मंत्री का व्यवहार ऐसा लगता है मानो बहुत बड़ी लड़ाई हो रही हो. जबकि यहां लड़ाई वैचारिक है. कांग्रेस अपने विचार रखेगी, बीजेपी अपने विचार रखे, लेकिन सत्ता पक्ष हठधर्मिता, घमंड, अहंकार से भरा हुआ है. मात्र दिखावा कर रहे हैं, क्योंकि बजट में कुछ है नहीं. यहां चर्चा होगी तो बजट की चीज जनता के सामने आएंगी. उससे उन्हें नुकसान होगा. पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि सत्ता पक्ष नहीं चाहता कि सदन चले.
आपको बता दें कि शुक्रवार को विधानसभा में एक सवाल का जवाव देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर एक टिप्पणी कर दी थी, जिसके विरोध में कांग्रेस विधायक स्पीकर की डायस की तरफ बढ़ गए. हंगामा बढ़ता देख सदन में मार्शल बुलाई गई. विपक्ष के आचरण को स्पीकर ने अमर्यादित मान कर कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा सहित 6 विधायकों को निलंबित कर दिया था. स्पीकर के इस एक्शन से बाद से कांग्रेस विधायकों ने सदन में ही रात गुजारी और रामधुनी भी की.