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झालावाड़: प्राइवेट विद्युत कर्मचारी कर रहे वेतन बढ़ोतरी की मांग - वेतन बढ़ोतरी

झालावाड़ जिले में प्राइवेट विद्युत कर्मचारी काफी परेशान हैं. कर्मचारियों की माने तो उन्हें न तो अच्छा वेतन मिल रहा है और न ही मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स दिए गए हैं. इसके बावजूद भी वो रेड जोन और कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यही वजह है कि मंगलवार को कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी की मांग की. साथ संक्रमण से बचाव के लिए काम में आने वाले जरुरी उपकरणों की भी मांग की.

झालवाड़ की खबर, increase in salary
प्राइवेट विद्युत कर्मचारी
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Published : Apr 28, 2020, 8:51 PM IST

झालावाड़. जिले में प्राइवेट विद्युत कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. साथ ही कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स उपलब्ध करवाने की भी मांग कर रहे हैं.

जिले में जहां एक तरफ लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की वजह से प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ती जा रही है. पहले जहां प्लेसमेंट नर्सिंग स्टाफ ने इस्तीफे दिए. वहीं अब प्राइवेट विद्युत कर्मचारियों ने भी प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.

प्राइवेट विद्युत कर्मचारियों का कहना है कि वो कई वर्षों से विद्युत विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन उन्हें महज 6000 रुपये ही मासिक वेतन दिया रहा है. कोरोना महामारी के दौरान भी वो रेड जोन और कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जहां पर संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. उसके बावजूद उन्हें मास्क, सेनीटाइजर और ग्लव्स उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं.

पढ़ें:झालावाड़ः अस्पताल से 150 प्लेसमेंट नर्सिंग कर्मियों ने दिया इस्तीफा, सुविधा नहीं देने का आरोप

ऐसे में उनकी मांग है कि संक्रमण से बचने के लिए तमाम सुविधाएं उनको उपलब्ध करवाई जाए. साथ ही वेतन में बढ़ोतरी की जाए. कर्मचारियों ने इस दौरान जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी की अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो वे धरने पर बैठ जाएंगे और अपनी सेवाएं बंद कर देंगे. जिसके चलते जिले में विद्युत सेवाएं ठप्प हो सकती हैं.

झालावाड़. जिले में प्राइवेट विद्युत कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. साथ ही कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स उपलब्ध करवाने की भी मांग कर रहे हैं.

जिले में जहां एक तरफ लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की वजह से प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ती जा रही है. पहले जहां प्लेसमेंट नर्सिंग स्टाफ ने इस्तीफे दिए. वहीं अब प्राइवेट विद्युत कर्मचारियों ने भी प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.

प्राइवेट विद्युत कर्मचारियों का कहना है कि वो कई वर्षों से विद्युत विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन उन्हें महज 6000 रुपये ही मासिक वेतन दिया रहा है. कोरोना महामारी के दौरान भी वो रेड जोन और कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जहां पर संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. उसके बावजूद उन्हें मास्क, सेनीटाइजर और ग्लव्स उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं.

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ऐसे में उनकी मांग है कि संक्रमण से बचने के लिए तमाम सुविधाएं उनको उपलब्ध करवाई जाए. साथ ही वेतन में बढ़ोतरी की जाए. कर्मचारियों ने इस दौरान जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी की अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो वे धरने पर बैठ जाएंगे और अपनी सेवाएं बंद कर देंगे. जिसके चलते जिले में विद्युत सेवाएं ठप्प हो सकती हैं.

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