झालावाड़. ऑक्सीजन का दबाव जैसे ही कम हुआ तो अस्पताल में भर्ती मरीजों में से कुछ के परिजन स्थिति को भांप गए और आनन-फानन में उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया. जिससे अस्पताल के कोविड-19 वार्ड सहित अन्य आपातकालीन और गहन चिकित्सा इकाइयों में अफरा-तफरी मच गई.
इसके बाद सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी आईएएस मोहम्मद जुनेद और झालरापाटन तहसीलदार गोपाल सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे. जिसके बाद सीधे झालावाड़ अस्पताल के दोनों ऑक्सीजन प्लांटों पर जाकर स्थिति को देखा. इस दौरान प्लांट से तकनीशियनों की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई पुनः दुरुस्त कर दिए जाने की बात बताए जाने के बाद उपखंड अधिकारी ने अस्पताल के वार्डों में घूमकर स्थिति को देखा. साथ ही मरीजों के तीमारदारों से बात की.
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उपखंड अधिकारी मोहम्मद जुनैद ने इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक से भी बातचीत की. झालावाड मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन प्लांट का संचालन संभालने वाले तकनीशियनों ने बताया कि यहां पर ऑटोमेटिक ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं. जिनका सभी कार्य ऑटोमेटिक होता है. ऐसे में शनिवार को दोपहर एक प्लांट अचानक से सर्विस की डिमांड करते हुए ट्रिप हो गया. किंतु तकनीशियन ने तुरंत प्रभाव से दूसरे प्लांट की सप्लाइ को गहन चिकित्सा इकाइयों और कोविड-19 वार्ड की तरफ डायवर्ट किया और आनन-फानन में मैनुअली सर्विस करते हुए ट्रिप प्लांट को पुनः चालू किया गया. जिसके चलते कोई बड़ी घटना नहीं हो पाई.
इसी बीच कुछ मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के घटते दबाव की स्थिति को देखकर घबरा गए. जिनकी की ओर से आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया गया. जिसपर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थितियों को संभाला. वहीं एसडीएम मोहम्मद जुनैद का कहना है कि एक प्लांट के बाद दूसरे प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू करते हैं तो कुछ समय के लिए ऑक्सीजन सप्लाई रूकती है, लेकिन मरीजों के परिजनों में इसको लेकर अफरा-तफरी मच गई. साथ ही ऑक्सीजन खत्म होने जैसी कोई बात नहीं है.