झालावाड़. जिले के निर्भय सिंह सर्किल पर युवाओं ने एकत्रित होकर शहीद दिवस मनाया. इस दौरान युवाओं ने 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'शहीद भगत सिंह अमर रहे' के नारे भी लगाए और सरकार से भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करने की मांग की.
23 मार्च 1931 को भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, जिसके चलते युवाओं ने शनिवार को शहीद दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान युवाओं ने 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'शहीद भगत सिंह अमर रहे' के नारे भी लगाए. इस मौके पर युवाओं ने जॉन पी सैंडर्स की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपीयों को भी जलाया जिसमें दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन इस मामले में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई. इस मामले में न्यायाधीशों ने भगत सिंह के वकीलों को जिरह करने का अवसर भी नहीं दिया था और 450 गवाहों को सुने बिना ही तीनों को फांसी की सजा सुना दी थी. ऐसे में युवाओं ने उस एफआईआर की कॉपी को जलाकर अपना विरोध प्रकट किया.
सचिन कश्यप का कहना है कि देश के महान क्रांतिकारी रहे भगत सिंह को अभी तक भी शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है ऐसे में हम मांग करते हैं कि भारत सरकार भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करें.