झालावाड़. जिला कांग्रेस कमेटी ने मिनी सचिवालय के सामने पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में हो रही बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने सांकेतिक धरना देने के बाद राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लॉकडाउन के पिछले 3 महीने के दौरान पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क और कीमतों में बार-बार की गई अनुचित बढ़ोतरी ने पूरे देश की जनता के लिए परेशानियां खड़ी कर दी है. जहां एक ओर देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बार-बार बढ़ाकर इस मुश्किल वक्त में ज्यादा मुनाफा लेना चाहती है.
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कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2014 में जब बीजेपी ने केंद्र में सत्ता संभाली थी, तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.46 प्रति रुपये प्रति लीटर था. लेकिन, पिछले 6 साल में भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 23.78 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 28.37 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. इस तरह आम जनता के लिए पेट्रोल-डीजल लगातार महंगा होता जा रहा है और सरकार के द्वारा नागरिकों का लगातार शोषण किया जा रहा है.
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ऐसे में कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मांग की है कि 5 मार्च 2020 के बाद पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ ही उत्पादन शुल्क में की गई बढ़ोतरी तत्काल वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं, जिससे इस मुश्किल वक्त में आम जनता को राहत मिल सके.
23 दिनों में पेट्रोल का दाम 9.17 रुपये और डीजल का दाम 11.23 रुपये बढ़ा
देश में इस महीने लगातार 21 दिनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई. 22वें दिन यानी रविवार को ये सिलसिला थम गया और दाम स्थिर रहे, लेकिन सोमवार को फिर पेट्रोल-डीजल और महंगा हो गया है. पिछले 23 दिनों में पेट्रोल 9.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 11.23 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है.