झालावाड़. जिले के एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश ने 5 साल पुराने बहुचर्चित उमेश वाल्मीकि हत्याकांड के मामले में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक आरोपी को बरी कर दिया गया है. एससी-एसटी कोर्ट के लोक अभियोजक भेरू लाल बंशीवाल ने बताया कि 6 मार्च 2015 को होली के दिन सुरेश कुमार ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
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रिपोर्ट में सुरेश कुमार बताया था कि उसका चाचा उमेश वाल्मीकि शहर के जीतमल जी की धर्मशाला के पास होली खेल रहा था. तभी वहां पर 3 गाड़ियों में नीलम मीणा, निक्की पारेता, कमल कश्यप, करीम बेग और हरि सिंह पटपड़िया आए और 12 बोर की बंदूक से फायर कर दिया. इस फायर में उमेश वाल्मीकि को गोली लग गई. साथ ही फायर में आकाश नाम के युवक को भी गोली लगी. इसके बाद घायल उमेश वाल्मीकि को एसआरजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
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ऐसे में पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में चालान पेश किया. लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में 36 गवाह पेश किए गए, जिसके आधार पर न्यायाधीश स्वाति शर्मा ने मुख्य आरोपी नीलम मीना, कमल कश्यप, निक्की पारेता और करीम बेग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और हरि सिंह पटपड़िया को बरी कर दिया.