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स्पेशल: एक शख्स...कश्मीर से कन्याकुमारी तक स्वास्थ्य और पर्यावरण बचाने के लिए लोगों से कर रहे 'साइकिल' चलाने की अपील

दिल्ली के राकेश शर्मा कश्मीर से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकले हैं, जिसमें वो 12 राज्य से होते हुए 4 हजार किलोमीटर यात्रा करेंगे. अपनी इस यात्रा में वो लोगों को साइकिल चलाने के लिए अपील कर रहे हैं, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों का स्वास्थ्य भी सही रह रहे.

cycling for environment awareness, पर्यावरण जागरूकता के लिए साइकिल यात्रा
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Published : Nov 22, 2019, 2:17 PM IST

झालावाड़. पर्यावरण संरक्षण आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है. इस दौर में साइकिल पर्यावरण प्रदूषण से बचने का सबसे अच्छा माध्यम भी है. पर्यावरण का साइकिल से गहरा जुड़ाव भी रहा है. ऐसे में साइकिल और पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दिल्ली के राकेश शर्मा कश्मीर से कन्याकुमारी की सायकिल यात्रा पर निकले हैं, जिसमें वो 12 राज्यों से होते हुए 4 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा करेंगे.

पर्यावरण जागरूकता के लिए साइकिल यात्रा

शर्मा का कहना है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सायकिल से यात्रा करके वो ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलते हुए उनको साइकिल चलाने की अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम पहले हर कार्य के लिए साइकिल का सबसे ज्यादा उपयोग किया करते थे, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता था, पैसों की बर्बादी भी नहीं होती थी और प्रदूषण भी नहीं होता था. लेकिन जैसे-जैसे हमने साइकिल चलाना छोड़ा, वैसे-वैसे स्वास्थ्य भी खराब होता गया, पैसे भी बर्बाद होने लगे और प्रदूषण भी बहुत ज्यादा बढ़ गया. ऐसे में इस यात्रा के जरिए वो लोगों से मिलते हुए यही अपील कर रहे हैं कि हमें फिर से साइकिल का उपयोग शुरू करना चाहिए.

ये पढ़ेंः स्पेशल: जिनको Business का 'क' 'ख' 'ग' 'घ' नहीं आता, उन आदिवासी महिलाओं की 'गुलाबी गैंग' बनी कंपनियों की पहली पसंद

कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा में राकेश शर्मा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि इस दौरान वो मंदिरों और गुरुद्वारों में रुके. यात्रा के दौरान उनको लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोग उनकी अपील को सुनते भी हैं और अपनाते भी हैं. कई लोगों ने उनको देखते हुए साइकिल चलाना शुरू भी कर दिया है.

मिला पॉजिटिव रिस्पॉन्स...

साइक्लिस्ट राकेश ने बताया कि वे अपनी यात्रा के दौरान छोटे-बड़े शहरों में रुकते हैं. वहां के स्थानीय लोगों से पर्यावरण को लेकर चर्चा करते हैं. साथ ही उनसे साइकिल चलाने की अपील करते हैं. इसको लेकर उनका कहना है कि अधिकतर लोगों ने उनके पर्यावरण को बचाने के लिए साइकिल चलाने की अपील पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलता है. कई बार लोग उनसे प्रेरित होकर भी साइकिल चलाना शुरू करते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि लोग उनका खुले दिल से स्वागत करते हैं. साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी करते हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: देश भर से पुलवामा हमले में शहीद जवानों की मिट्टी इकठ्ठा कर रहा है उमेश

काठमांडू से दिल्ली तक कर चुके है साइकिल यात्रा...

बता दें कि दिल्ली के रहने वाले राकेश शर्मा पेशे से एक एस्ट्रोलॉजर हैं और वो इससे पहले भी काठमांडू से दिल्ली तक की यात्रा कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने करीब 3 हजार लोगों से बात करते हुए साइकिल से पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरुक किया था.

झालावाड़. पर्यावरण संरक्षण आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है. इस दौर में साइकिल पर्यावरण प्रदूषण से बचने का सबसे अच्छा माध्यम भी है. पर्यावरण का साइकिल से गहरा जुड़ाव भी रहा है. ऐसे में साइकिल और पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दिल्ली के राकेश शर्मा कश्मीर से कन्याकुमारी की सायकिल यात्रा पर निकले हैं, जिसमें वो 12 राज्यों से होते हुए 4 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा करेंगे.

पर्यावरण जागरूकता के लिए साइकिल यात्रा

शर्मा का कहना है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सायकिल से यात्रा करके वो ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलते हुए उनको साइकिल चलाने की अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम पहले हर कार्य के लिए साइकिल का सबसे ज्यादा उपयोग किया करते थे, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता था, पैसों की बर्बादी भी नहीं होती थी और प्रदूषण भी नहीं होता था. लेकिन जैसे-जैसे हमने साइकिल चलाना छोड़ा, वैसे-वैसे स्वास्थ्य भी खराब होता गया, पैसे भी बर्बाद होने लगे और प्रदूषण भी बहुत ज्यादा बढ़ गया. ऐसे में इस यात्रा के जरिए वो लोगों से मिलते हुए यही अपील कर रहे हैं कि हमें फिर से साइकिल का उपयोग शुरू करना चाहिए.

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कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा में राकेश शर्मा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि इस दौरान वो मंदिरों और गुरुद्वारों में रुके. यात्रा के दौरान उनको लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोग उनकी अपील को सुनते भी हैं और अपनाते भी हैं. कई लोगों ने उनको देखते हुए साइकिल चलाना शुरू भी कर दिया है.

मिला पॉजिटिव रिस्पॉन्स...

साइक्लिस्ट राकेश ने बताया कि वे अपनी यात्रा के दौरान छोटे-बड़े शहरों में रुकते हैं. वहां के स्थानीय लोगों से पर्यावरण को लेकर चर्चा करते हैं. साथ ही उनसे साइकिल चलाने की अपील करते हैं. इसको लेकर उनका कहना है कि अधिकतर लोगों ने उनके पर्यावरण को बचाने के लिए साइकिल चलाने की अपील पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलता है. कई बार लोग उनसे प्रेरित होकर भी साइकिल चलाना शुरू करते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि लोग उनका खुले दिल से स्वागत करते हैं. साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी करते हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: देश भर से पुलवामा हमले में शहीद जवानों की मिट्टी इकठ्ठा कर रहा है उमेश

काठमांडू से दिल्ली तक कर चुके है साइकिल यात्रा...

बता दें कि दिल्ली के रहने वाले राकेश शर्मा पेशे से एक एस्ट्रोलॉजर हैं और वो इससे पहले भी काठमांडू से दिल्ली तक की यात्रा कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने करीब 3 हजार लोगों से बात करते हुए साइकिल से पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरुक किया था.

Intro:स्पेशल रिपोर्ट -
दिल्ली के राकेश शर्मा कश्मीर से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकले हैं। जिसमें वो 12 राज्य से होते हुए 4000 किलोमीटर यात्रा करेंगे। अपनी इस यात्रा में वो लोगों को साइकिल चलाने के लिए अपील कर रहे हैं ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों का स्वास्थ्य भी सही रह रहे।




Body:पर्यावरण संरक्षण आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है।इस दौर में साइकिल पर्यावरण प्रदूषण से बचने का सबसे अच्छा माध्यम है। पर्यावरण का साइकिल से गहरा जुड़ाव भी रहा है। ऐसे में साइकिल और पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दिल्ली के राकेश शर्मा कश्मीर से कन्याकुमारी की सायकिल यात्रा पर निकले हैं। जिसमें वो 12 राज्यों से होते हुए 4 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा करेंगे।

राकेश शर्मा का कहना है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सायकिल से यात्रा करके वो ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलते हुए उनको सायकिल चलाने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम पहले हर कार्य के लिए साइकिल का सबसे ज्यादा उपयोग किया करते थे, जिससे स्वास्थ्य भी ठीक रहता था, पैसों की बर्बादी भी नहीं होती थी और प्रदूषण भी नहीं होता था लेकिन जैसे जैसे हमने साइकिल चलाना छोड़ा वैसे वैसे स्वास्थ्य भी खराब होता गया, पैसे भी बर्बाद होने लगे और प्रदूषण भी बहुत ज्यादा बढ़ गया। ऐसे में इस यात्रा के जरिए वो लोगों से मिलते हुए यही अपील कर रहे हैं कि हमें फिर से सायकिल का उपयोग शुरू करना चाहिए।

कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा में राकेश शर्मा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि इस दौरान वो मंदिरों व गुरुद्वारों में रुके। यात्रा के दौरान उनको लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। लोग उनकी अपील को सुनते भी हैं और अपनाते भी हैं। कई लोगों ने उनको देखते हुए साइकिल चलाना शुरू भी कर दिया है।

आपको बता दें कि दिल्ली के रहने वाले राकेश शर्मा पेशे से एक एस्ट्रोलॉजर हैं और वो इससे पहले भी काठमांडू से दिल्ली तक की यात्रा कर चुके हैं। जिसमें उन्होंने करीब 3 हजार लोगों से बात करते हुए सायकिल से पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक किया था।


Conclusion:बाइट - राकेश शर्मा (साइक्लिस्ट)
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