झालावाड़. प्रदेश में दिए जा रहे एसटी आरक्षण के 12% कोटे में से 6% विशेष आरक्षण कोटा भील समाज को दिए जाने की मांग को लेकर झालावाड़ के मिनी सचिवालय के सामने आमरण अनशन पर बैठे चार युवकों में से दो युवकों की बुधवार रात हालत बिगड़ गई. लेकिन प्रशासन ने इन युवकों की कोई सुध नहीं ली है. आखिर में हालत बिगड़ते देख इनके साथियों ने ही इन्हें उठाकर झालावाड़ के जिला एसआरजी अस्पताल ले जाकर भर्ती करवाया, जहां इनका उपचार जारी है.
आमरण अनशन पर बैठे छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद भील ने कहा कि बरसों से आदिवासी भील समाज अनुसूचित जनजाति में शामिल है. जिसको 70 सालों से आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन इसका पूरा लाभ केवल मीणा समाज उठा रहा है. जिसके चलते भील समाज के हालात जस के तस बने हुए हैं. ऐसे में आदिवासी भील समाज के विकास के लिए अब अनुसूचित जनजाति के मूल कोटे में से आधा भील समाज को दिया जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनजाति आयोग भारत सरकार द्वारा भेजी गई अनुशंसा रिपोर्ट को लागू किया जाए. जिस प्रकार बारां जिले में सहरिया आदिवासी जनजाति वर्ग में शामिल होते हुए भी सरकारी नौकरी में अलग से विशेष कोटा ले रहे हैं, उसी प्रकार से भील समाज को भी अलग कोटा दिया जाए. जिस प्रकार से गुर्जर समाज को 5% अलग से आरक्षण दिया गया, उसी प्रकार से मीणाओं को छोड़कर दूसरी जातियों को एसटी में शामिल कर राहत दी जाए. वहीं हरियाणा सरकार की तर्ज पर एसटी वर्ग में भी उप वर्ग बनाए जाएं. इन्ही सब मांगों को लेकर वे झालावाड़ के मिनी सचिवालय के सामने आमरण अनशन कर रहे हैं.