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झालावाड़: कलेक्टर ने ली ब्लॉक स्तरीय जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों की बैठक, कोरोना संबंधी आगामी तैयारियों को लेकर चर्चा

झालावाड़ में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई. बैठक में कोविड-19 से संबंधित आगामी 2-3 माह की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई.

Collector took block level meeting, कलेक्टर ने ली ब्लॉक स्तरीय बैठक
कलेक्टर ने ली ब्लॉक स्तरीय बैठक
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Published : May 22, 2021, 2:16 PM IST

झालावाड़. जिले के भवानीमंडी और डग पंचायत समिति क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई. जिसमें जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने कोविड-19 से संबंधित आगामी 2-3 माह की तैयारियों को लेकर उनसे चर्चा की.

कलेक्टर ने ली ब्लॉक स्तरीय बैठक

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. जिला कलेक्टर ने कहा कि ऑक्सीजन के क्षेत्र में जिले को अग्रणी बनाने के लिए राज्य सरकार और भामाशाहों की ओर से संयुक्त रूप से प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से भवानीमंडी में 50 बेड, डग में 35 और चौमेहला में राजस्थान टेक्सटाइल मिल के सौजन्य से 35 बेड के ऑक्सीजन जनरेशन प्लान्ट आगामी दो से तीन महीनों में लगेंगे.

पढ़ें- हेमाराम चौधरी और डोटासरा के बीच फोन पर बातचीत, चौधरी ने कहा- मामले को बैठकर निपटा लेंगे

ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगने के साथ-साथ यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ऑक्सीजन सिलेण्डर, कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन रेगूलेटर सरकारी और भामाशाहों के सहयोग से पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.

सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दस बेड्स का बनाने के साथ-साथ उन्हें ऑक्सीजन सिलेण्डर से युक्त करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को गांव के मरीज का गांव में ही इलाज करने के लिए चलाए जा रहे डोर टू डोर सर्वे को बहुत इमानदारी और गंभीरता से करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि सर्वे का उद्देश्य खांसी, बुखार, जुकाम, बदन दर्द के लक्षण वाले मरीजों को चिन्हित कर उन्हें घर पर ही ठीक करना है. गंभीर रोगी को छोड़कर सभी का इलाज सीएचसी स्तर पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर रोगी गांव से ही गंभीर अवस्था में रेफर होकर जिला अस्पताल पर पहुंचता है, तो इसकी जिम्मेदारी कोर कमेटी की होगी. उन्होंने कहा कि डोर टू डोर सर्वे के दौरान मिले आईएलआई मरीजों को उपलब्ध कराए गए मेडिसीन किट की रेण्डमली मॉनिटरिंग करें कि मरीज को दी गई दवाईं उसने द्वारा ली गई है या नहीं.

पंचायत समिति भवानीमंडी में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि एस. के. अस्पताल, नून अस्पताल तथा सीएचसी भवानीमंडी आग से बचाव के सम्पूर्ण यंत्रों से एवं सुविधाओं से युक्त हैं, इसकी फॉयर एनओसी उक्त अस्पतालों को 21 मई तक जारी करने के निर्देश नगर पालिका भवानीमण्डी को दिए गए हैं. जिला कलेक्टर ने व्यापार संघ भवानीमंडी को अस्पताल के लिए 40 ऑक्सीजन सिलेण्डर, 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया.

पढ़ें- आसाराम के अरमान पर फिरा पानी, नहीं मिली जमानत...17वें दिन वापस भेजा गया जेल

इस दौरान जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीनिधि बीटी ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से कहा कि लॉक डाउन के पश्चात प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों के सहायतार्थ कोविड गाइड लाइन के अनुसार कार्य प्रारंभ कराया जाना सुनिश्चित करेंगे.

झालावाड़. जिले के भवानीमंडी और डग पंचायत समिति क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई. जिसमें जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने कोविड-19 से संबंधित आगामी 2-3 माह की तैयारियों को लेकर उनसे चर्चा की.

कलेक्टर ने ली ब्लॉक स्तरीय बैठक

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. जिला कलेक्टर ने कहा कि ऑक्सीजन के क्षेत्र में जिले को अग्रणी बनाने के लिए राज्य सरकार और भामाशाहों की ओर से संयुक्त रूप से प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से भवानीमंडी में 50 बेड, डग में 35 और चौमेहला में राजस्थान टेक्सटाइल मिल के सौजन्य से 35 बेड के ऑक्सीजन जनरेशन प्लान्ट आगामी दो से तीन महीनों में लगेंगे.

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ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगने के साथ-साथ यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ऑक्सीजन सिलेण्डर, कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन रेगूलेटर सरकारी और भामाशाहों के सहयोग से पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.

सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दस बेड्स का बनाने के साथ-साथ उन्हें ऑक्सीजन सिलेण्डर से युक्त करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को गांव के मरीज का गांव में ही इलाज करने के लिए चलाए जा रहे डोर टू डोर सर्वे को बहुत इमानदारी और गंभीरता से करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि सर्वे का उद्देश्य खांसी, बुखार, जुकाम, बदन दर्द के लक्षण वाले मरीजों को चिन्हित कर उन्हें घर पर ही ठीक करना है. गंभीर रोगी को छोड़कर सभी का इलाज सीएचसी स्तर पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर रोगी गांव से ही गंभीर अवस्था में रेफर होकर जिला अस्पताल पर पहुंचता है, तो इसकी जिम्मेदारी कोर कमेटी की होगी. उन्होंने कहा कि डोर टू डोर सर्वे के दौरान मिले आईएलआई मरीजों को उपलब्ध कराए गए मेडिसीन किट की रेण्डमली मॉनिटरिंग करें कि मरीज को दी गई दवाईं उसने द्वारा ली गई है या नहीं.

पंचायत समिति भवानीमंडी में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि एस. के. अस्पताल, नून अस्पताल तथा सीएचसी भवानीमंडी आग से बचाव के सम्पूर्ण यंत्रों से एवं सुविधाओं से युक्त हैं, इसकी फॉयर एनओसी उक्त अस्पतालों को 21 मई तक जारी करने के निर्देश नगर पालिका भवानीमण्डी को दिए गए हैं. जिला कलेक्टर ने व्यापार संघ भवानीमंडी को अस्पताल के लिए 40 ऑक्सीजन सिलेण्डर, 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया.

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इस दौरान जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीनिधि बीटी ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से कहा कि लॉक डाउन के पश्चात प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों के सहायतार्थ कोविड गाइड लाइन के अनुसार कार्य प्रारंभ कराया जाना सुनिश्चित करेंगे.

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