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राजा से संत बने पीपाजी महाराज की 700वीं जयंती पर धूमधाम से निकली शोभायात्रा - पीपाजी महाराज की 700वीं जयंती

संत श्री पीपाजी महाराज की 700वीं जयंती पर झालावाड़ में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में साधु-संत और उनके अनुयायी शामिल हुए.

700th birth anniversary of Pipa Ji Maharaj
राजा से संत बने पीपाजी महाराज की 700वीं जयंती पर धूमधाम से निकली शोभायात्रा
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Published : Apr 6, 2023, 9:19 PM IST

झालावाड. संत श्री पीपाजी महाराज की 700वीं जयंती पर उनके अनुयायियों द्वारा गुरुवार को शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इसमें देशभर से साधु-संत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. शोभायात्रा के दौरान महिला व पुरुष भजनों पर जमकर झूमते नजर आए. वहीं शोभायात्रा का विभिन्न समुदाय से जुड़े लोगों के द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

झालावाड़ में संत पीपाजी महाराज के समाधि स्थल पीपा धाम पर गत 2 अप्रैल से उनकी 700वीं जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसके तहत भक्त माला, साधु संतों के प्रवचन एवं शाम के समय वृंदावन से आए कलाकारों के द्वारा रासलीला का आयोजन प्रतिदिन किया जा रहा है. इस आयोजन में देशभर से आए साधु-संत शामिल हुए. जयंती महोत्सव के आखिरी दिन आज झालावाड़ शहर के पंचमुखी बालाजी से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें पीपा पीठाधीश्वर संत श्री झंकारेश्वर जी महाराज सहित बड़ी संख्या में दूरदराज से आए साधु-संत और श्रद्धालु शामिल रहे.

पढ़ेंः Special : शायद ही सुनी हो हनुमान-जन्म की ये रोचक कथा, परम शिव भक्त थीं हनुमान जी की माता, इस जगह करती थीं पूजा

शोभायात्रा झालावाड़ शहर के मंगलपुरा बड़ा बाजार होती हुई शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर पीपा धाम पहुंची. यहां महाप्रसादी के साथ शोभायात्रा का समापन होगा. बता दें कि संत पीपा जी गागरोन के प्रतापी शासक थे, जिन्होंने काशी के सर्वश्रेष्ठ गुरु रामानंदचार्य से शिक्षा प्राप्त की तथा गागरोन का राजसी राजपाट छोड़ संत जीवन को अपना लिया. इनके बचपन का नाम प्रतापराव खींची था. वे चौहान गोत्र की खींची वंश शाखा के प्रतापी राजा माना जाते थे. ऐसा कहा जाता है कि प्रतापराव खींची की बचपन से अध्यात्म की में रूचि थी.

झालावाड. संत श्री पीपाजी महाराज की 700वीं जयंती पर उनके अनुयायियों द्वारा गुरुवार को शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इसमें देशभर से साधु-संत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. शोभायात्रा के दौरान महिला व पुरुष भजनों पर जमकर झूमते नजर आए. वहीं शोभायात्रा का विभिन्न समुदाय से जुड़े लोगों के द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

झालावाड़ में संत पीपाजी महाराज के समाधि स्थल पीपा धाम पर गत 2 अप्रैल से उनकी 700वीं जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसके तहत भक्त माला, साधु संतों के प्रवचन एवं शाम के समय वृंदावन से आए कलाकारों के द्वारा रासलीला का आयोजन प्रतिदिन किया जा रहा है. इस आयोजन में देशभर से आए साधु-संत शामिल हुए. जयंती महोत्सव के आखिरी दिन आज झालावाड़ शहर के पंचमुखी बालाजी से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें पीपा पीठाधीश्वर संत श्री झंकारेश्वर जी महाराज सहित बड़ी संख्या में दूरदराज से आए साधु-संत और श्रद्धालु शामिल रहे.

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शोभायात्रा झालावाड़ शहर के मंगलपुरा बड़ा बाजार होती हुई शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर पीपा धाम पहुंची. यहां महाप्रसादी के साथ शोभायात्रा का समापन होगा. बता दें कि संत पीपा जी गागरोन के प्रतापी शासक थे, जिन्होंने काशी के सर्वश्रेष्ठ गुरु रामानंदचार्य से शिक्षा प्राप्त की तथा गागरोन का राजसी राजपाट छोड़ संत जीवन को अपना लिया. इनके बचपन का नाम प्रतापराव खींची था. वे चौहान गोत्र की खींची वंश शाखा के प्रतापी राजा माना जाते थे. ऐसा कहा जाता है कि प्रतापराव खींची की बचपन से अध्यात्म की में रूचि थी.

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