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यहां जो भी उम्मीदवार आए वैभव समझ कर जितानाः CM गहलोत

लोकसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है. इसके लिए गहलोत अभी से जालोर में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

CM गहलोत
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Published : Mar 10, 2019, 10:57 PM IST

जालोर. लोकसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है. इसके लिए गहलोत अभी से जालोर में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

बता दें, 8 फरवरी को गहलोत ने सुंधामाता स्थित चामुंडा मंदिर, विश्व की सबसे बड़ी गोशाला गोधाम पथमेड़ा और सांचोर स्थित मेघवाल के प्रमुख लोगों से मिल कर लंबी मंत्रणा की थी. इसके बाद 9 मार्च को वापस जालोर का रुख किया. इसमें भी गहलोत ने सभा करने के बाद जालोर के दो बड़े मंदिरों का रुख किया. जिसमें जालोर के भैरुनाथ अखाड़ा और लेटा के लोटेश्वर महादेव मठ प्रमुख थे.

इन दोनों मठों का स्थानीय लोगों में काफी प्रभाव है. दोनों मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बाद दोनों मंदिरों के महंत गंगानाथ महाराज और रणछोड़ भारती महाराज से लंबी मंत्रणा की. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत वैभव गहलोत का जालोर-सिरोही सीट से प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.

CM गहलोत

15 सालों से जालोर सीट पर कांग्रेस हार रही है
जालोर-सिरोही लोकसभा चुनावों में जालोर सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा था लेकिन, पिछले 15 साल से इसी सीट से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण इस बार गहलोत अपने बेटे के लिए इसी सीट पर हर संभव तैयारी में जुटे हुए हैं. सभी धड़ो को गहलोत एकजुट करने में लगे हुए हैं. उसी का परिणाम है कि गहलोत एक महीने में दूसरी बार जालोर के दौरे पर आए और लंबी मंत्रणा की.

कांग्रेसियों के आपसी मतभेद भी सीएम के लिए चिंता का विषय
कांग्रेस में आपसी विवाद के चलते ही विधानसभा में पांच में से जिले में सिर्फ एक सीट ही जीत पाए. जालोर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष और ऊमसिंह के बीच विवाद लंबे समय से चल रहा है. जिसके कारण कई बार कार्यकर्ता बड़े नेताओं के सामने एक दूसरे पर लात घुसे बरसा चुके हैं. ऐसे में अगर गहलोत यहां से अपने बेटे वैभव को मैदान में उतारते हैं तो स्थानीय नेताओं की तकरार और मनमुटाव को खत्म करने की मेहनत करनी पड़ेगी.

जालोर. लोकसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है. इसके लिए गहलोत अभी से जालोर में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

बता दें, 8 फरवरी को गहलोत ने सुंधामाता स्थित चामुंडा मंदिर, विश्व की सबसे बड़ी गोशाला गोधाम पथमेड़ा और सांचोर स्थित मेघवाल के प्रमुख लोगों से मिल कर लंबी मंत्रणा की थी. इसके बाद 9 मार्च को वापस जालोर का रुख किया. इसमें भी गहलोत ने सभा करने के बाद जालोर के दो बड़े मंदिरों का रुख किया. जिसमें जालोर के भैरुनाथ अखाड़ा और लेटा के लोटेश्वर महादेव मठ प्रमुख थे.

इन दोनों मठों का स्थानीय लोगों में काफी प्रभाव है. दोनों मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बाद दोनों मंदिरों के महंत गंगानाथ महाराज और रणछोड़ भारती महाराज से लंबी मंत्रणा की. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत वैभव गहलोत का जालोर-सिरोही सीट से प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.

CM गहलोत

15 सालों से जालोर सीट पर कांग्रेस हार रही है
जालोर-सिरोही लोकसभा चुनावों में जालोर सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा था लेकिन, पिछले 15 साल से इसी सीट से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण इस बार गहलोत अपने बेटे के लिए इसी सीट पर हर संभव तैयारी में जुटे हुए हैं. सभी धड़ो को गहलोत एकजुट करने में लगे हुए हैं. उसी का परिणाम है कि गहलोत एक महीने में दूसरी बार जालोर के दौरे पर आए और लंबी मंत्रणा की.

कांग्रेसियों के आपसी मतभेद भी सीएम के लिए चिंता का विषय
कांग्रेस में आपसी विवाद के चलते ही विधानसभा में पांच में से जिले में सिर्फ एक सीट ही जीत पाए. जालोर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष और ऊमसिंह के बीच विवाद लंबे समय से चल रहा है. जिसके कारण कई बार कार्यकर्ता बड़े नेताओं के सामने एक दूसरे पर लात घुसे बरसा चुके हैं. ऐसे में अगर गहलोत यहां से अपने बेटे वैभव को मैदान में उतारते हैं तो स्थानीय नेताओं की तकरार और मनमुटाव को खत्म करने की मेहनत करनी पड़ेगी.

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यहां जो भी उम्मीदवार आए वैभव समझ कर जितानाः CM गहलोत

जालोर. लोकसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है. इसके लिए गहलोत अभी से जालोर में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

बता दें, 8 फरवरी को गहलोत ने सुंधामाता स्थित चामुंडा मंदिर, विश्व की सबसे बड़ी गोशाला गोधाम पथमेड़ा और सांचोर स्थित मेघवाल के प्रमुख लोगों से मिल कर लंबी मंत्रणा की थी. इसके बाद 9 मार्च को वापस जालोर का रुख किया. इसमें भी गहलोत ने सभा करने के बाद जालोर के दो बड़े मंदिरों का रुख किया. जिसमें जालोर के भैरुनाथ अखाड़ा और लेटा के लोटेश्वर महादेव मठ प्रमुख थे.

इन दोनों मठों का स्थानीय लोगों में काफी प्रभाव है. दोनों मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बाद दोनों मंदिरों के महंत गंगानाथ महाराज और रणछोड़ भारती महाराज से लंबी मंत्रणा की. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत वैभव गहलोत का जालोर-सिरोही सीट से प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.



15 सालों से जालोर सीट पर कांग्रेस हार रही है

जालोर-सिरोही लोकसभा चुनावों में जालोर सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा था लेकिन, पिछले 15 साल से इसी सीट से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण इस बार गहलोत अपने बेटे के लिए इसी सीट पर हर संभव तैयारी में जुटे हुए हैं. सभी धड़ो को गहलोत एकजुट करने में लगे हुए हैं. उसी का परिणाम है कि गहलोत एक महीने में दूसरी बार जालोर के दौरे पर आए और लंबी मंत्रणा की.

कांग्रेसियों के आपसी मतभेद भी सीएम के लिए चिंता का विषय

कांग्रेस में आपसी विवाद के चलते ही विधानसभा में पांच में से जिले में सिर्फ एक सीट ही जीत पाए. जालोर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष और ऊमसिंह के बीच विवाद लंबे समय से चल रहा है. जिसके कारण कई बार कार्यकर्ता बड़े नेताओं के सामने एक दूसरे पर लात घुसे बरसा चुके हैं. ऐसे में अगर गहलोत यहां से अपने बेटे वैभव को मैदान में उतारते हैं तो स्थानीय नेताओं की तकरार और मनमुटाव को खत्म करने की मेहनत करनी पड़ेगी.


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