आहोर (जालोर). उपखंड क्षेत्र के सराणा गांव के खेतों में से भटक कर गांव की तरफ आया राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा के छोटे बच्चे पर कुत्तों ने हमला कर दिया. जिसमें चिंकारे के शरीर पर काफी जगह पर घाव लग गए.
जानकारी मिलने पर गांव के युवाओं ने चिंकारा के पास पहुंचकर उसे कुत्तों से बचाया. बाद में घायल चिंकारा को गांव के पशु चिकित्सक के पास ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार कर बिटाडिन और सिपलाडिन की पट्टी बांधी. स्थानीय पशु प्रेमी जितेन्द्र दवे सराणा ने जालोर वन विभाग के रेंजर और भाद्राजून वन विभाग नाका चौकी को इस घटना की जानकारी दी.
सूचना पर भाद्राजून वन विभाग के प्रकाश चौधरी पहुंचे. गांव के मनोज दवे, रेवंतसिंह, भवानी शंकर चुण्डावत, दिपक सरकार, लाखाराम हिरागर, जुंजाराम समेत वन्य जीव प्रेमीयों और वन विभाग के अधिकारी ने मिलकर चिंकारा को सुरक्षित वाहन में जालोर भेज दिया.
स्थानीय युवाओं ने बताया कि वन्य जीव की रक्षा लिये पहले भी कई प्रयास किये जा चुके हैं. राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा प्रजाति वर्तमान में लुप्त होती जा रही है. इस हेतु राजस्थान सरकार को इसके संरक्षण के लिए उचित प्रबंध करने की आवश्यकता है. नहीं तो भविष्य में इस प्रजाति का अस्तित्व पश्चिम राजस्थान समाप्त हो सकता है.
सड़क मार्ग नवीनीकरण को लेकर सौंपा ज्ञापन
आहोर उपखंड के सराणा गांव से देबावास बदहाल मार्ग को लेकर पिछले लम्बे समय से स्थानीय ग्रामीण नवीनीकरण की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय व सर्वाजनिक निर्माण विभाग में ज्ञापन सौंप कर मार्ग का वर्तमान में चल रहा पैचवर्क के स्थान पर नवीनीकरण के करने की मांग रखी. साथ ही लम्बे समय से बदहाल मार्ग से होने वाले सड़क हादसों के बारे में भी अवगत करवाया.
ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि यह जालोर से जोधपुर वाया धुन्धाड़ा मार्ग बिना टोल रोड़ है. जो लम्बे अर्से से जर्जर अवस्था में है. वहीं जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालय तक जाने के लिए ग्रामीणों के लिए मात्र एक ही सड़क सुविधा है जो सराणा से देबावास मात्र 6.50 किलोमीटर है. जिसकी वर्तमान स्थति बदहाल हो चुकी है.