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जालोर: मनरेगा कार्य में घोटाले को लेकर ग्रामीणों ने SDM को सौंपा ज्ञापन - मनरेगा फर्जीवाड़ा का मामला

रानीवाड़ा में मनरेगा के कार्य में फर्जीवाड़ा करने वाले दोषियों के खिलाफ लाखावास क्षेत्र के निवासी ने जांच की मांग करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. शख्स ने दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है.

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मनरेगा कार्य में घोटाले का मामला
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Published : Sep 5, 2020, 7:33 PM IST

रानीवाड़ा(जालोर). जिले के रानीवाड़ा उपखंड क्षेत्र के लाखावास निवासी बलवंत सिंह राजपूत ने मनरेगा कार्य में फर्जीवाड़ा करने के मामले में एसडीएम प्रकाश चंद्र अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

जानकारी के अनुसार लाखवास गांव के रहने वाले बलवंत सिंह के नाम से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा कार्य में नाम चलाने और उसके नाम से फर्जी खाता खोलकर पैसे उठाने का मामला सामने आया है. वहीं बलवंत की पत्नि गवरी देवी ने बताया कि बलवंत सिंह मुंबई में व्यापार कार्य करते हैं, जो कई सालों से बाहर रहते हैं.

पढ़ें: जैसलमेर में बारिश ने बिगाड़े हालात, ग्रामीण इलाकों में कच्चे आशियानें हुए धराशायी, फसलें भी हुईं चौपट

वहीं इस पूरे मामले की जानकारी बलवंत सिंह को लॉकडाउन के दौरान मिली. बता दें कि उक्त जॉब कार्ड के अलावा तत्कालीन लाखवास सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी और सहायक ने इस पूरे मामले की पड़ताल की. जॉब कार्ड आईडी की पड़ताल में 6 जून 2015 से 3 जुलाई 2015 और लगातार 3 जनवरी 2016 तक अलग-अलग मस्टररोल में फर्जी तरीके से नाम चलाकर पैसे लेने का मामला सामने आया है. जिसके बाद दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

रानीवाड़ा(जालोर). जिले के रानीवाड़ा उपखंड क्षेत्र के लाखावास निवासी बलवंत सिंह राजपूत ने मनरेगा कार्य में फर्जीवाड़ा करने के मामले में एसडीएम प्रकाश चंद्र अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

जानकारी के अनुसार लाखवास गांव के रहने वाले बलवंत सिंह के नाम से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा कार्य में नाम चलाने और उसके नाम से फर्जी खाता खोलकर पैसे उठाने का मामला सामने आया है. वहीं बलवंत की पत्नि गवरी देवी ने बताया कि बलवंत सिंह मुंबई में व्यापार कार्य करते हैं, जो कई सालों से बाहर रहते हैं.

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वहीं इस पूरे मामले की जानकारी बलवंत सिंह को लॉकडाउन के दौरान मिली. बता दें कि उक्त जॉब कार्ड के अलावा तत्कालीन लाखवास सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी और सहायक ने इस पूरे मामले की पड़ताल की. जॉब कार्ड आईडी की पड़ताल में 6 जून 2015 से 3 जुलाई 2015 और लगातार 3 जनवरी 2016 तक अलग-अलग मस्टररोल में फर्जी तरीके से नाम चलाकर पैसे लेने का मामला सामने आया है. जिसके बाद दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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