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SPECIAL: राजस्थान के 70 लोग कर्नाटक में फंसे, सरकार से की घर पहुंचाने की अपील - कोरोना वायरस का असर

पापी पेट के लिए कुछ युवा प्रवास में मजदूरी करने गए, लेकिन लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री मालिकों ने काम से निकाल दिया. ऐसे में वापस गांव की ओर पलायन किया, तो लॉकडाउन के कारण बीच में रोक दिया. जिसके कारण पिछले 20 दिनों से 70 लोग कर्नाटक के कोपल जिले में फंसे हुए हैं.

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प्रवासियों की भी सुन ले सरकार
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Published : Apr 14, 2020, 12:26 PM IST

जालोर. कोरोना वायरस के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश को संबोधित करते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले या प्रवास में जाकर फैक्ट्रियों में मजदूरी करने वाले सैकड़ों लोगों ने प्रवास से अपने गांव की ओर पलायन कर दिया.

प्रवासियों की भी सुन ले सरकार

वहीं केंद्र के आदेश के बाद सैकड़ों प्रवासियों को बीच में राज्य सरकारों ने सरकारी भवनों में रुकवा दिया. इसमें जालोर और बाड़मेर जिले के करीबन 70 लोग कर्नाटक के कोपल जिले की सरकारी स्कूल में रुक गए. इन लोगों के लिए सबंधित सरकारी प्रशासन द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिसके चलते यह लोग परेशान हो रहे है.

प्रवासियों ने ईटीवी भारत को बताया कि दोनों जिलों के 70 लोग एक ट्रक में आ रहे थे. इस दौरान कर्नाटक में हमें रोक दिया गया. पहले तो बोला गया कि लॉकडाउन खत्म होने तक आपको इसी जगह रहना होगा. सब लोग इस उम्मीद से रुके रहे कि 14 अप्रेल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद यहां से घर रवाना कर देंगे.

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प्रशासन ने घर पहुंचाने की अपील

यह भी पढ़ें- EXCLUSIVE: राजस्थान पुलिस के मुखिया DGP भूपेंद्र सिंह से ETV Bharat की विशेष बातचीत

लॉकडाउन की बढ़ा दी गई अवधि

अब 14 अप्रैल आ चुकी है, लेकिन लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. जिसके कारण इन प्रवासियों ने राज्य और केंद्र सरकार से अपने घर तक पहुंचाने की मांग की है.प्रवासियों का कहना है कि जिस जगह प्रशासन ने रोका था उसके बाद किसी से सुध तक नहीं ली, ना ही किसी प्रकार की सुविधा दी जा रही है.

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अव्यवस्थओं का है अंबार

गांव के लोग खिलाते हैं चावल दाल

प्रवासियों ने बताया कि करीबन 70 लोग कर्नाटक के कोपल जिले में रुके हुए हैं. इन सभी लोगों के लिए सरकारी तरफ से कोई खाने की व्यवस्था नहीं की गई है. गांव वाले कुछ लोग चावल-दाल लेकर आते हैं. उससे ही खाना पड़ रहा है. इसके अलावा पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं है.

महिलाएं और छोटे बच्चे हैं साथ में

प्रवासियों में पलायन शुरू हुआ, तो कई लोग परिवार सहित वहां थे वे भी निकल गए थे. लेकिन बीच में फंस कर रह गए. कोपल जिले में रुके 70 लोगों में कई महिलाएं और छोटे बच्चे भी हैं, जो परेशान हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- SPECIAL: लॉकडाउन के चलते 500 बच्चे कर रहे ऊंटनी के दूध का इंतजार

हमारी कब सुनेगी सरकार

देश में लॉकडाउन के चलते लोगों को यह हिदायत दी गई की जो जिस जगह है. उसी जगह रुका रहे. इसी हिदायत के चलते यह लोग कर्नाटक के कोपल जिले में रुक गए. लेकिन अब लॉकडाउन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं आया है. ऐसे में अब सवाल खड़ा हो रहा है इन प्रवासियों को आखिर कितने दिन तक बीच में रुकना होगा. साथ में यह भी सवाल खड़ा हो रहा है संबंधित सरकार ने रोकने के बाद खाने पीने का उचित प्रबंध क्यों नहीं किया.

प्रवासियों ने बताया कि राजस्थान और केंद्र सरकार से अपील कर रहे है कि हमारी पीड़ा को सुनो और हमें इस जगह से निकाल कर घर तक पहुंचा दें.

जालोर. कोरोना वायरस के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश को संबोधित करते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले या प्रवास में जाकर फैक्ट्रियों में मजदूरी करने वाले सैकड़ों लोगों ने प्रवास से अपने गांव की ओर पलायन कर दिया.

प्रवासियों की भी सुन ले सरकार

वहीं केंद्र के आदेश के बाद सैकड़ों प्रवासियों को बीच में राज्य सरकारों ने सरकारी भवनों में रुकवा दिया. इसमें जालोर और बाड़मेर जिले के करीबन 70 लोग कर्नाटक के कोपल जिले की सरकारी स्कूल में रुक गए. इन लोगों के लिए सबंधित सरकारी प्रशासन द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिसके चलते यह लोग परेशान हो रहे है.

प्रवासियों ने ईटीवी भारत को बताया कि दोनों जिलों के 70 लोग एक ट्रक में आ रहे थे. इस दौरान कर्नाटक में हमें रोक दिया गया. पहले तो बोला गया कि लॉकडाउन खत्म होने तक आपको इसी जगह रहना होगा. सब लोग इस उम्मीद से रुके रहे कि 14 अप्रेल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद यहां से घर रवाना कर देंगे.

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प्रशासन ने घर पहुंचाने की अपील

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लॉकडाउन की बढ़ा दी गई अवधि

अब 14 अप्रैल आ चुकी है, लेकिन लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. जिसके कारण इन प्रवासियों ने राज्य और केंद्र सरकार से अपने घर तक पहुंचाने की मांग की है.प्रवासियों का कहना है कि जिस जगह प्रशासन ने रोका था उसके बाद किसी से सुध तक नहीं ली, ना ही किसी प्रकार की सुविधा दी जा रही है.

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अव्यवस्थओं का है अंबार

गांव के लोग खिलाते हैं चावल दाल

प्रवासियों ने बताया कि करीबन 70 लोग कर्नाटक के कोपल जिले में रुके हुए हैं. इन सभी लोगों के लिए सरकारी तरफ से कोई खाने की व्यवस्था नहीं की गई है. गांव वाले कुछ लोग चावल-दाल लेकर आते हैं. उससे ही खाना पड़ रहा है. इसके अलावा पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं है.

महिलाएं और छोटे बच्चे हैं साथ में

प्रवासियों में पलायन शुरू हुआ, तो कई लोग परिवार सहित वहां थे वे भी निकल गए थे. लेकिन बीच में फंस कर रह गए. कोपल जिले में रुके 70 लोगों में कई महिलाएं और छोटे बच्चे भी हैं, जो परेशान हो रहे हैं.

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हमारी कब सुनेगी सरकार

देश में लॉकडाउन के चलते लोगों को यह हिदायत दी गई की जो जिस जगह है. उसी जगह रुका रहे. इसी हिदायत के चलते यह लोग कर्नाटक के कोपल जिले में रुक गए. लेकिन अब लॉकडाउन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं आया है. ऐसे में अब सवाल खड़ा हो रहा है इन प्रवासियों को आखिर कितने दिन तक बीच में रुकना होगा. साथ में यह भी सवाल खड़ा हो रहा है संबंधित सरकार ने रोकने के बाद खाने पीने का उचित प्रबंध क्यों नहीं किया.

प्रवासियों ने बताया कि राजस्थान और केंद्र सरकार से अपील कर रहे है कि हमारी पीड़ा को सुनो और हमें इस जगह से निकाल कर घर तक पहुंचा दें.

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