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बागोड़ा में भारतमाला एक्सप्रेस-वे भूमि अवाप्ति का विरोध, 7वें दिन भी धरना जारी - बागोड़ा

किसानों की ओर से मांगों को लेकर बागोड़ा उपखंड मुख्यालय पर सातवें दिन भी धरना जारी है. अधिकारियों की ओर से किसानों की मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. किसानों का कहना है, कि लंबे समय से उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. जिसके चलते ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

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भारतमाला एक्सप्रेस-वे भूमि अवाप्ति का विरोध
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Published : Dec 13, 2019, 1:55 PM IST

बागोड़ा (जालोर). उपखंड मुख्यालय पर क्षेत्र के किसान पिछले 7 दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर भारतमाला एक्सप्रेस-वे भूमि अवाप्ति का विरोध किया.

भारतमाला एक्सप्रेस-वे भूमि अवाप्ति का विरोध

ज्ञापन में बताया गया है, कि कृषि भूमि अवाप्ति से कई किसानों के खेत टुकड़ों में बंट रहे हैं, जिससे जमीन बेकार हो रही है. किसानों ने बताया, कि भारतमाला परियोजना को नेशनल हाइवे पर निकालने से सैकड़ों किसानों की समस्या का समाधान हो सकता है.

आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दे पाए जनप्रतिनिधि

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई दिनों तक धरना दिया था. जिसके बाद उन्हें सांसद देवजी पटेल की ओर से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया गया. किसानों का कहना है, कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो खेत टुकड़ों में बंट जाएंगे, जिस पर ना तो वे खेती कर पाएंगे और ना ही जमीन की कोई कीमत रह जाएगी.

पढ़ेंः ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर: मिलने लगी हर्ष को मदद, इलाज के लिए जुटे साढ़े नौ लाख रुपए

किसानों का आरोप है, कि सरकार उन्हें बर्बाद करने का प्रयास कर रही है. इस मामले को लेकर वे पहले भी दिल्ली जाकर सांसद पटेल सहित कई लोगों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन परिणाम शून्य रहा. अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके चलते किसान चिंतित हैं.

बागोड़ा (जालोर). उपखंड मुख्यालय पर क्षेत्र के किसान पिछले 7 दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर भारतमाला एक्सप्रेस-वे भूमि अवाप्ति का विरोध किया.

भारतमाला एक्सप्रेस-वे भूमि अवाप्ति का विरोध

ज्ञापन में बताया गया है, कि कृषि भूमि अवाप्ति से कई किसानों के खेत टुकड़ों में बंट रहे हैं, जिससे जमीन बेकार हो रही है. किसानों ने बताया, कि भारतमाला परियोजना को नेशनल हाइवे पर निकालने से सैकड़ों किसानों की समस्या का समाधान हो सकता है.

आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दे पाए जनप्रतिनिधि

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई दिनों तक धरना दिया था. जिसके बाद उन्हें सांसद देवजी पटेल की ओर से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया गया. किसानों का कहना है, कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो खेत टुकड़ों में बंट जाएंगे, जिस पर ना तो वे खेती कर पाएंगे और ना ही जमीन की कोई कीमत रह जाएगी.

पढ़ेंः ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर: मिलने लगी हर्ष को मदद, इलाज के लिए जुटे साढ़े नौ लाख रुपए

किसानों का आरोप है, कि सरकार उन्हें बर्बाद करने का प्रयास कर रही है. इस मामले को लेकर वे पहले भी दिल्ली जाकर सांसद पटेल सहित कई लोगों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन परिणाम शून्य रहा. अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके चलते किसान चिंतित हैं.

Intro:किसानों की ओर से मांगों को लेकर बागोड़ा उपखंड मुख्यालय पर सातवें दिन भी धरना जारी है। दूसरी तरफ अधिकारियों की ओर से किसानों की मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां तक की धरने को 7 दिन हो जाने के बाद भी अधिकारी धरना स्थल पर सुध लेने नहीं आए किसानों का कहना है कि लंबे समय से हमारी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है जिसके चलते ग्रामीणों में काफी आक्रोश है उन्होंने बताया कि समय पर हमारी मांग नहीं सुनी गई तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।Body:बागोड़ा उपखंड मुख्यालय पर क्षेत्र के किसान पिछले 7 दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर है। किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर भारतमाला एक्सप्रेस भूमि अवाप्ति का विरोध किया। ज्ञापन में बताया कि खेतों की कृषि भूमि और व्याप्त करने का सरकार ने जो निर्णय लिया है। उससे कई किसानों के खेत टुकड़ों में बटकर जमीन नकारा हो रही है। किसानों ने बताया कि भारतमाला परियोजना को नेशनल हाइवे पर निकालने से सैकड़ों किसानों की समस्या का समाधान हो सकता है।

आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दे पाए जनप्रतिनिधि :
पूर्व में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कई दिनों तक धरना दिया था। जिसके बाद उन्हें सांसद देवजी पटेल की ओर से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया गया। किसानों का कहना है कि अगर हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो हमारे खेत टुकड़ों में बढ़ जाएंगे और जिस पर ना तो हम खेती कर पाएंगे और ना ही उनकी कीमत रह जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार हमें बर्बाद करने का प्रयास कर रही है उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वह पूर्व में भी दिल्ली जाकर सांसद पटेल सहित कई लोगों से मुलाकात की थी मगर उसका परिणाम शून्य रहा अभी तक इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है जिसके चलते किसान चिंतित हैं।Conclusion:बाईट 1- जैसाराम, ग्रामीण
बाईट 2- पीराराम, ग्रामीण
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