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किरोड़ी के आरोपों पर सरकार मौन, इससे साफ कि बजरी खनन में पूरी सरकार की मिलीभगत: डोटासरा - RAJASTHAN VIDHANSABHA

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार को कई मुद्दों पर आड़े हाथों लिया.

Rajasthan Vidhansabha
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 7:38 PM IST

Updated : Feb 3, 2025, 9:22 PM IST

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक, कानून-व्यवस्था, किरोड़ीलाल मीना के बयान और रोजगार व भर्तियों को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, नगरीय निकाय मंत्री कहते हैं कि पहले सफाई कर्मचारियों को संविदा पर रखा जाएगा. उनके काम के परीक्षण के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन प्रदेश की जनता ने क्या गुनाह किया था. मुख्यमंत्री और मंत्री परीक्षण कर क्यों नहीं लगाए गए. इन्हें सीधा ही स्थायी क्यों कर दिया?. मंत्री जोगाराम पटेल ने खड़े होकर कहा कि यदि आपने परीक्षण करके लगाया था तो आपको शिक्षा मंत्री के पद से क्यों हटाया था. इस बीच मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि आपने परीक्षण करके लगाया होता तो उपमुख्यमंत्री को निकम्मा नहीं कहना पड़ता.

कब पकड़े जाएंगे पेपर लीक के मगरमच्छ: डोटासरा ने सीएम से पूछा, पेपर लीक के बड़े मगरमच्छ कब पकड़े जाएंगे. आप भर्तियों और युवाओं के प्रति संवेदनशील है तो आरपीएससी का अध्यक्ष क्यों नहीं बना रहे. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष क्यों नहीं बना रहे. आरपीएससी के रिक्त पदों पर सदस्य क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं. कहीं ऐसा न हो कि चार साल बाद हमारी सरकार आए तब तक मगरमच्छ खा-खाकर इतने बड़े जाएं कि जेल के दरवाजे चौड़े करने पड़े. आप बड़ी बातें करते हैं, नवलगढ़ में आरएएस भर्ती परीक्षा के पेपर का लिफाफा खुला मिला है. यूनिवर्सिटी की परीक्षा के भी पेपर लीक हुए हैं.

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: राजस्थान विधानसभा में हंगामा, महंगा कोयला सप्लाई मामला और अधिकारियों के तबादले पर उठा सवाल

किरोड़ी कह रहे- पीठ में चाकू घोंपा: डोटासरा ने कहा किरोड़ी लाल मीणा को मैंने साढू बनाया है. आपको (सीएम को) उन्होंने दौसा में भाई बनाया है. वे कह रहे हैं कि उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया. एक कैबिनेट मंत्री यह कह रहे हैं कि रोजाना बीसलपुर में करोड़ों रुपए की बजरी का अवैध खनन हो रहा है. उसके बाद आप सब मौन धारण किए हुए हो. इसका मतलब पूरी सरकार लिप्त है. इस पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा. यह बात एक कैबिनेट मंत्री कह रहा है.

क्या यह गुड गवर्नेंस की निशानी है: डोटासरा बोले अगर मंत्री कोई बात बोलता है तो यह सरकार की साझा जिम्मेदारी होती है, लेकिन आपके मंत्री विधानसभा में नहीं आ रहे. यह साफ करना चाहिए कि बजरी खनन में किनकी मिलीभगत है. मंत्री कह रहे हैं कि इंटेलिजेंस भी फेल हैं. वे सीएम के गृह विभाग पर साजिश के आरोप लगा रहे हैं. यह हो क्या रहा है, क्या यही गुड गवर्नेंस की निशानी है?.

शिक्षकों के 1.25 लाख पद खाली: डोटासरा बोले, कॉलेज में विद्या संबल योजना बंद करके 2500 शिक्षकों को हटा दिया. सफाई कर्मचारियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्तियों के साथ सरकार को शिक्षकों की भर्ती पर ध्यान देना चाहिए. प्रदेश में शिक्षकों के 1.25 लाख पद खाली हैं. कंप्यूटर शिक्षक भी संविदा पर ले रहे हैं. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में शिक्षक के 14 प्रतिशत, दीया कुमारी के विधानसभा क्षेत्र में 18 फीसदी, वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र में 30 प्रतिशत और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के क्षेत्र में शिक्षकों के 21 फीसदी पद खाली हैं.

यह भी पढ़ें:अतिवृष्टि और मुआवजे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा विपक्ष, देवनानी ने किरोड़ी की छुट्टी मंजूर की, विपक्ष बोला मंत्री मजबूर

पिछली सरकार का काम देखकर आए सीएम: डोटासरा बोले, ईआरसीपी के तहत एक बांध 2024 में बनकर तैयार हो गया था. दूसरा बांध भी चालू है. मुख्यमंत्री पिछले दिनों हेलीकॉप्टर से इनका काम देखकर आए. जो पूर्ववर्ती कांग्रेस के समय शुरू हुए थे. प्रधानमंत्री ने कहा था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देंगे. आज प्रदेश की जनता पूछ रही है उसका क्या हुआ. केंद्र सरकार का दूसरा बजट आ गया, लेकिन ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिला.

सीएम भोले, इनके सलाहकार दूसरों से मिले हुए: डोटासरा बोले, मुख्यमंत्री भोले आदमी हैं, लेकिन इनके सलाहकार थोड़े बहुत गड़बड़ हैं. वह दूसरों से कहीं ना कहीं मिले हुए हैं. जब केंद्र का बजट आ रहा था तो इन्हें पेन और कागज लेकर बिठा दिया. केंद्र के बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं आया. इसके बाद वह फोटो भी वायरल कर दी. वे बोले, मैंने अधिकारियों की तबादला सूची का सवाल उठाया तो एक ही दिन में आईपीएस और आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी कर दी. जिस दिन राज्यपाल के अभिभाषण की खबरें छपनी चाहिए थी. उस दिन तबादले की खबरें छपी.

14 महीने में भी नहीं बनी डीपीआर: डोटासरा बोले, 1994 में हुए यमुना जल समझौते से राजस्थान को 1190 एमसीएम पानी मिलना था. हमने इसके लिए 2021 में डीपीआर बनाकर भेजी, लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया. आपने फरवरी 2024 में आनन-फानन में समझौता किया और चार महीने में डीपीआर बनवाने का दावा किया. आपने समझौता सार्वजनिक नहीं किया. उसमें राजस्थान को महज 527 एमसीएम पानी मिलेगा. इससे पहले 2400 क्यूसेक पानी हरियाणा लेगा. आप होर्डिंग लगाकर भागीरथ बनना चाहते हैं, लेकिन आपको एक लोटा पानी नहीं मिलेगा. आज 14 महीने बाद भी डीपीआर और संयुक्त टास्क फोर्स नहीं बनी.

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक, कानून-व्यवस्था, किरोड़ीलाल मीना के बयान और रोजगार व भर्तियों को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, नगरीय निकाय मंत्री कहते हैं कि पहले सफाई कर्मचारियों को संविदा पर रखा जाएगा. उनके काम के परीक्षण के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन प्रदेश की जनता ने क्या गुनाह किया था. मुख्यमंत्री और मंत्री परीक्षण कर क्यों नहीं लगाए गए. इन्हें सीधा ही स्थायी क्यों कर दिया?. मंत्री जोगाराम पटेल ने खड़े होकर कहा कि यदि आपने परीक्षण करके लगाया था तो आपको शिक्षा मंत्री के पद से क्यों हटाया था. इस बीच मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि आपने परीक्षण करके लगाया होता तो उपमुख्यमंत्री को निकम्मा नहीं कहना पड़ता.

कब पकड़े जाएंगे पेपर लीक के मगरमच्छ: डोटासरा ने सीएम से पूछा, पेपर लीक के बड़े मगरमच्छ कब पकड़े जाएंगे. आप भर्तियों और युवाओं के प्रति संवेदनशील है तो आरपीएससी का अध्यक्ष क्यों नहीं बना रहे. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष क्यों नहीं बना रहे. आरपीएससी के रिक्त पदों पर सदस्य क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं. कहीं ऐसा न हो कि चार साल बाद हमारी सरकार आए तब तक मगरमच्छ खा-खाकर इतने बड़े जाएं कि जेल के दरवाजे चौड़े करने पड़े. आप बड़ी बातें करते हैं, नवलगढ़ में आरएएस भर्ती परीक्षा के पेपर का लिफाफा खुला मिला है. यूनिवर्सिटी की परीक्षा के भी पेपर लीक हुए हैं.

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: राजस्थान विधानसभा में हंगामा, महंगा कोयला सप्लाई मामला और अधिकारियों के तबादले पर उठा सवाल

किरोड़ी कह रहे- पीठ में चाकू घोंपा: डोटासरा ने कहा किरोड़ी लाल मीणा को मैंने साढू बनाया है. आपको (सीएम को) उन्होंने दौसा में भाई बनाया है. वे कह रहे हैं कि उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया. एक कैबिनेट मंत्री यह कह रहे हैं कि रोजाना बीसलपुर में करोड़ों रुपए की बजरी का अवैध खनन हो रहा है. उसके बाद आप सब मौन धारण किए हुए हो. इसका मतलब पूरी सरकार लिप्त है. इस पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा. यह बात एक कैबिनेट मंत्री कह रहा है.

क्या यह गुड गवर्नेंस की निशानी है: डोटासरा बोले अगर मंत्री कोई बात बोलता है तो यह सरकार की साझा जिम्मेदारी होती है, लेकिन आपके मंत्री विधानसभा में नहीं आ रहे. यह साफ करना चाहिए कि बजरी खनन में किनकी मिलीभगत है. मंत्री कह रहे हैं कि इंटेलिजेंस भी फेल हैं. वे सीएम के गृह विभाग पर साजिश के आरोप लगा रहे हैं. यह हो क्या रहा है, क्या यही गुड गवर्नेंस की निशानी है?.

शिक्षकों के 1.25 लाख पद खाली: डोटासरा बोले, कॉलेज में विद्या संबल योजना बंद करके 2500 शिक्षकों को हटा दिया. सफाई कर्मचारियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्तियों के साथ सरकार को शिक्षकों की भर्ती पर ध्यान देना चाहिए. प्रदेश में शिक्षकों के 1.25 लाख पद खाली हैं. कंप्यूटर शिक्षक भी संविदा पर ले रहे हैं. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में शिक्षक के 14 प्रतिशत, दीया कुमारी के विधानसभा क्षेत्र में 18 फीसदी, वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र में 30 प्रतिशत और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के क्षेत्र में शिक्षकों के 21 फीसदी पद खाली हैं.

यह भी पढ़ें:अतिवृष्टि और मुआवजे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा विपक्ष, देवनानी ने किरोड़ी की छुट्टी मंजूर की, विपक्ष बोला मंत्री मजबूर

पिछली सरकार का काम देखकर आए सीएम: डोटासरा बोले, ईआरसीपी के तहत एक बांध 2024 में बनकर तैयार हो गया था. दूसरा बांध भी चालू है. मुख्यमंत्री पिछले दिनों हेलीकॉप्टर से इनका काम देखकर आए. जो पूर्ववर्ती कांग्रेस के समय शुरू हुए थे. प्रधानमंत्री ने कहा था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देंगे. आज प्रदेश की जनता पूछ रही है उसका क्या हुआ. केंद्र सरकार का दूसरा बजट आ गया, लेकिन ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिला.

सीएम भोले, इनके सलाहकार दूसरों से मिले हुए: डोटासरा बोले, मुख्यमंत्री भोले आदमी हैं, लेकिन इनके सलाहकार थोड़े बहुत गड़बड़ हैं. वह दूसरों से कहीं ना कहीं मिले हुए हैं. जब केंद्र का बजट आ रहा था तो इन्हें पेन और कागज लेकर बिठा दिया. केंद्र के बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं आया. इसके बाद वह फोटो भी वायरल कर दी. वे बोले, मैंने अधिकारियों की तबादला सूची का सवाल उठाया तो एक ही दिन में आईपीएस और आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी कर दी. जिस दिन राज्यपाल के अभिभाषण की खबरें छपनी चाहिए थी. उस दिन तबादले की खबरें छपी.

14 महीने में भी नहीं बनी डीपीआर: डोटासरा बोले, 1994 में हुए यमुना जल समझौते से राजस्थान को 1190 एमसीएम पानी मिलना था. हमने इसके लिए 2021 में डीपीआर बनाकर भेजी, लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया. आपने फरवरी 2024 में आनन-फानन में समझौता किया और चार महीने में डीपीआर बनवाने का दावा किया. आपने समझौता सार्वजनिक नहीं किया. उसमें राजस्थान को महज 527 एमसीएम पानी मिलेगा. इससे पहले 2400 क्यूसेक पानी हरियाणा लेगा. आप होर्डिंग लगाकर भागीरथ बनना चाहते हैं, लेकिन आपको एक लोटा पानी नहीं मिलेगा. आज 14 महीने बाद भी डीपीआर और संयुक्त टास्क फोर्स नहीं बनी.

Last Updated : Feb 3, 2025, 9:22 PM IST
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