जालोर. लॉकडाउन की पालना करवाने के लिए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने धारा 144 के अन्तर्गत कोरोना वायरस संक्रमण से श्रमिकों के स्वास्थ्य की रक्षा और रोजगार की गारंटी प्रदान करने के संबंध में निषेधाज्ञा जारी की है.
इसके अन्तर्गत कोई भी नियोक्ता लाॅकडाउन की अवधि में किसी भी श्रमिक को नियोजन से विमुक्त नहीं कर सकेगा. इसके अलावा सभी नियोक्ता अपने यहां नियोजित श्रमिकों को नियत तिथि को पारिश्रमिक और वेतन देना सुनिश्चित करेंगे.
सभी नियोक्ता, इण्डस्ट्रीज, दुकान या वाणिज्यिक संस्थान अपने कार्मिकों को लाॅकडाउन के दौरान बिना किसी कटौती के पारिश्रमिक या वेतन देना सुनिश्चित करेंगे. यहां तक की कोई मकान मालिक लाॅकडाउन की अवधि के दौरान किसी श्रमिक से मकान खाली नहीं करवा सकेगा.
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जिला कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि पूरे जालोर जिले की राजस्व सीमा सील है, जिसके कारण किसी भी व्यक्ति का बाहर आना और जाना पूरी तरह से वर्जित है.
बिना अनुमति कोई वाहन नहीं कर सकेगा प्रवेश
कलेक्टर गुप्ता के अनुसार राजस्थान के अन्य जिलों या अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्ति और वाहन उपखंड मजिस्ट्रेट या तहसीलदार की अनुमति के बिना जिले की राजस्व सीमा में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. जिला और संबंधित उपखण्ड क्षेत्र में वाहन या आवश्यक सेवाओं के लिए संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट या तहसीलदार से अनुमति लेना जरूरी होगा.
भारी वाहनों के लिए होगी छुट
जिले में खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए किसी भी गुड्स (भारी वाहन) को नहीं रोका जाएगा. वह वाहन चाहे माल से भरा हो या खाली, लेकिन उक्त वाहन में ड्राईवर और उसके एक साथी के अलावा अन्य कोई व्यक्ति साथ में नहीं होगा.
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लाॅक डाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी नहीं कर सकेगा और ना ही एमआरपी से अधिक मूल्य पर सामग्री बेच सकेगा. सरकार द्वारा समय-समय पर एडवाईजरी और आदेश या डीएमसी के तहत जारी आदेशों की पूर्ण पालना करना आवश्यक किया गया है.