जालोर. प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है. जिसमें अभी तक कोई बड़ा नाम सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ दिनों तक बाजार में सेनेटाइजेशन करवाने और कई सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने के दौरान सांचोर के विधायक और वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई खुद बीमार हो गए.
सर्दी जुखाम होने के कारण मंत्री ने चिकित्सकों की सलाह पर कोरोना वायरस की जांच करवाने का फैसला लिया. उसके बाद प्रशासनिक टीम ने मंत्री बिश्नोई का सैम्पल लेकर जांच के लिए जोधपुर के मेडिकल कॉलेज में भेजा हुआ था. जिससे परिजन भी परेशान थे, लेकिन रविवार की शाम को रिपोर्ट नेगेटिव आई तो मंत्री बिश्नोई और उसके परिवार जनों ने राहत की सांस ली है.
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन लागू करने से पहले मंत्री बिश्नोई सांचोर आ गए थे. उसके बाद लॉक डाउन लागू होने के बाद क्षेत्र में रहकर लोगों को कोरोना वायरस से जागरूक करने का कार्य कर रहे थे. 28 मार्च को बिश्नोई ने एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पैदल मार्च निकाल कर सांचोर शहर में लोगों से लॉक डाउन को पालना करने की अपील की थी.
उसके बाद 2 अप्रेल को सांचोर और चितलवाना में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली थी, लेकिन बाद में अचानक तबियत खराब होने के बाद चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की सलाह पर कोरोना वायरस की जांच करवाई थी जो नेगेटिव आई है.
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प्रशासनिक अधिकारी और परिजन से सबसे ज्यादा चिंतित-
लॉक डाउन के चलते बिश्नोई अपने विधानसभा क्षेत्र में थे और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हर वक़्त खड़े नजर आते थे. शहर में सैनिटाइजेशन करवाते या बॉर्डर सीमा पर प्रवासियों की स्क्रीनिंग करवाते समय मंत्री मौजूद थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के कारण मंत्री के सैम्पल लेने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो सकते में आ गए और सबने जांच रिपोर्ट पर निगाह टिका दी. जिसके बाद रविवार को रिपोर्ट नेगेटिव आई तो सबने राहत की सांस ली है.