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जालोर : CORONA के मद्देनजर चिकित्सा विभाग सतर्क, निजी अस्पतालों से की सहयोग की अपील

कोरोना वायरस के मद्देनजर जालोर में चिकित्सा विभाग सतर्कता बरत रहा है. इसके तहत गुरुवार को जालोर, भीनमाल और सांचोर के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से सहयोग की अपील करते हुए आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने की बात कही गई. साथ ही निजी चिकित्सकों और निजी चिकित्सालय के प्रतिनिधियों को कोरोना के इलाज का प्रशिक्षण दिया.

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Published : Mar 20, 2020, 8:09 AM IST

Jalore News, चिकित्सकों का प्रशिक्षण
जालोर में कोरोना वायरस के मद्देनजर चिकित्सा विभाग सतर्क

जालोर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को जालोर, भीनमाल और सांचोर के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से सहयोग की अपील कर उनको कोरोना के इलाज का प्रशिक्षण दिया. सांचोर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निजी चिकित्सकों और निजी चिकित्सालय के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का आयोजन उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के चौहान की अध्यक्षता में किया गया.

जालोर में कोरोना वायरस के मद्देनजर चिकित्सा विभाग सतर्क

प्रशिक्षण के दौरान डॉ. चौहान ने निजी चिकित्सकों को कोरोना वायरस की रोकथाम में सहयोग देने का आह्वान करते हुए निजी चिकित्सालय में कार्यशील आईसोलेशन वार्ड और बेड बनाने पर जोर दिया, जिससे आवश्यकता होने पर उसका उपयोग किया जा सके. निजी चिकित्सालय में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे शिकायत वाले रोगियों की स्क्रिनिंग कर कोरोना वायरस की जानकारी देते हुए जन जागरूकता कार्य करने के लिए प्रेरित किया.

पढ़ें: कोरोना का असर: राजस्थान Shutdown, 50 प्रतिशत कर्मचारियों की छुट्टी

डॉ. चौहान ने कहा कि अस्पताल में अगर ऐसा व्यक्ति आता है, जो पिछले 15 दिनो में विदेश यात्रा करके आया है तो निर्धारित प्रपत्र में उसकी सूचना प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग को भेजवाई जाए. साथ ही निजी चिकित्सालय के परिसर को स्वच्छ रखने के साथ सोडियम हायपो क्लोराईडस का छीड़काव किया जाए. इसके अलावा निजी चिकित्सालय परिसर में 50 से अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित ना हों, ऐसी व्यवस्था की जाए.

इस दौरान ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश सुथार ने कोरोना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस एक वायरस जनित संक्रामक रोग है, जो कि वर्तमान में विशेषकर चीन, हांगकांग, जापान, ईटली, ईरान, सिंगापुर, मलेशिया देशों से फैला है. कोरोना संक्रमण फैलने की दर अधिक है. वहीं, कोरोना संक्रमण से मुत्युदर कम है. कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु निजी चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड अथवा बेड की व्यवस्था करें. आईसोलेशन वार्ड में ईसीजी मशीन और ऑक्सीजन सप्लाई की उपलब्धता सुनिश्चित करें. साथ ही निजी चिकित्सालय में संक्रमण नियंत्रण समिति का गठन करें, जिसमें एक नोडल चिकित्सक को नियुक्त किया जाए. संदिग्ध मरीज को ही आगे रेफर करें.

पढ़ें: स्पेन से लौटे दपंत्ति Corona पॉजिटिव, राजस्थान में मरीजों की संख्या पहुंची 9

प्रशिक्षण में चिकित्सा अधिकारी डॉ. चौहान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से निजी चिकित्सालय में सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों को संभावित कोरोना मरीज मानकर सरकारी चिकित्सालय में रेफर किया जा रहा है. इससे सरकारी चिकित्सालय में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. साथ ही मरीज और उसके परिजनों में भय की स्थिति बन जाती है. सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार वाले रोगी अगर उपचार के लिये निजी चिकित्सालय आते है तो उनका उपचार वहीं करें.

इस मौके पर डॉ. सुरेश सागर, डॉ. मानाराम विश्नोई, डॉ. केके चौधरी, डॉ. मानसिंगा राम चौधरी, निंबाराम, डॉ. सुमेर सिंह, जिला पीसीपीएनडीसी समन्वयक शंकर सुथार, दिनेश पुरोहित, डॉ. चेलाराम और डॉ. सऊराम विश्नोई सहित निजी चिकित्सालय के प्रतिनिधि मौजूद थे.

जालोर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को जालोर, भीनमाल और सांचोर के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से सहयोग की अपील कर उनको कोरोना के इलाज का प्रशिक्षण दिया. सांचोर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निजी चिकित्सकों और निजी चिकित्सालय के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का आयोजन उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के चौहान की अध्यक्षता में किया गया.

जालोर में कोरोना वायरस के मद्देनजर चिकित्सा विभाग सतर्क

प्रशिक्षण के दौरान डॉ. चौहान ने निजी चिकित्सकों को कोरोना वायरस की रोकथाम में सहयोग देने का आह्वान करते हुए निजी चिकित्सालय में कार्यशील आईसोलेशन वार्ड और बेड बनाने पर जोर दिया, जिससे आवश्यकता होने पर उसका उपयोग किया जा सके. निजी चिकित्सालय में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे शिकायत वाले रोगियों की स्क्रिनिंग कर कोरोना वायरस की जानकारी देते हुए जन जागरूकता कार्य करने के लिए प्रेरित किया.

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डॉ. चौहान ने कहा कि अस्पताल में अगर ऐसा व्यक्ति आता है, जो पिछले 15 दिनो में विदेश यात्रा करके आया है तो निर्धारित प्रपत्र में उसकी सूचना प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग को भेजवाई जाए. साथ ही निजी चिकित्सालय के परिसर को स्वच्छ रखने के साथ सोडियम हायपो क्लोराईडस का छीड़काव किया जाए. इसके अलावा निजी चिकित्सालय परिसर में 50 से अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित ना हों, ऐसी व्यवस्था की जाए.

इस दौरान ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश सुथार ने कोरोना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस एक वायरस जनित संक्रामक रोग है, जो कि वर्तमान में विशेषकर चीन, हांगकांग, जापान, ईटली, ईरान, सिंगापुर, मलेशिया देशों से फैला है. कोरोना संक्रमण फैलने की दर अधिक है. वहीं, कोरोना संक्रमण से मुत्युदर कम है. कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु निजी चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड अथवा बेड की व्यवस्था करें. आईसोलेशन वार्ड में ईसीजी मशीन और ऑक्सीजन सप्लाई की उपलब्धता सुनिश्चित करें. साथ ही निजी चिकित्सालय में संक्रमण नियंत्रण समिति का गठन करें, जिसमें एक नोडल चिकित्सक को नियुक्त किया जाए. संदिग्ध मरीज को ही आगे रेफर करें.

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प्रशिक्षण में चिकित्सा अधिकारी डॉ. चौहान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से निजी चिकित्सालय में सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों को संभावित कोरोना मरीज मानकर सरकारी चिकित्सालय में रेफर किया जा रहा है. इससे सरकारी चिकित्सालय में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. साथ ही मरीज और उसके परिजनों में भय की स्थिति बन जाती है. सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार वाले रोगी अगर उपचार के लिये निजी चिकित्सालय आते है तो उनका उपचार वहीं करें.

इस मौके पर डॉ. सुरेश सागर, डॉ. मानाराम विश्नोई, डॉ. केके चौधरी, डॉ. मानसिंगा राम चौधरी, निंबाराम, डॉ. सुमेर सिंह, जिला पीसीपीएनडीसी समन्वयक शंकर सुथार, दिनेश पुरोहित, डॉ. चेलाराम और डॉ. सऊराम विश्नोई सहित निजी चिकित्सालय के प्रतिनिधि मौजूद थे.

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