जालोर. पिछले 15 दिनों से जिले के विभिन्न गांवों में टिड्डी किसानों के खेतों में खड़ी बाजरे सहित अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा रही है. जिसके कारण जिले को अभावग्रस्त घोषित करके शुक्रवार को जिला प्रभारी मुक्तानन्द अग्रवाल ने जिले के अधिकारियों की बैठक ली.
इसके लिए जिला स्तर पर बनाई गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस बैठक में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष जिले में टिड्डी दल के आगमन और इसके प्रकोप से हुई रबी फसल को हानि और अनुभवों को देखते हुए जिले को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि इस वर्ष के लिए टिड्डी दल के नियंत्रण और प्रबन्धन के लिए जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर उपखंड, तहसील और ग्राम पंचायत स्तर तक टिड्डी दल नियंत्रण समितियां गठित की जा चुकी हैं. राजस्व एवं कृषि विभाग के कार्मिकों के लिए तहसील स्तर पर विंडी एप्प उपयोग और प्रयोग के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
कीटनाशक रसायन और स्प्रे वर्कर्स की पर्याप्त व्यवस्था है. जिला स्तर पर तीन सर्वेक्षण दल और प्रत्येक तहसील स्तर पर एक-एक और ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण दल गठित किए गए हैं. उप निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह ने बताया कि जिले में 9 से 19 मई तक बाड़मेर जिले की सीमा से जिले की चितलवाना तहसील के वेडिया ग्राम, आहोर के गुडाबालोतान, भंवरानी, रायथल और गुडारामा, बागोड़ा के जैसावास तथा सायला तहसील के खेतलावास और ओटवाला ग्राम में जवाई नदी क्षेत्र में टिड्डी दल का आगमन हो चुका है.
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ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में समय पर टिड्डियों पर सफलतापूर्वक नियंत्रण किया जा चुका है. वहीं जिले में टिड्डी मंडल कार्यालय में नियंत्रण कक्ष संचालित किया गया है. जिससे टिड्डी की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.