रानीवाड़ा (जालोर). सोमवार को सावन महीने का पांचवा और आखिरी सोमवार है. यूं तो भगवान शिव को सोमवार का दिन प्रिय है ही, लेकिन आज के सोमवार के साथ श्रावण पूर्णिमा की तिथि भी जुड़ी हुई है. सावन में भोलेनाथ की पूजा और उपासना का विशेष महत्व होता है. जिसको लेकर रानीवाड़ा कस्बे सहित क्षेत्रभर के शिव मंदिरों में श्रावण के अंतिम सोमवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी.
इस दौरान श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर भगवान शिव से कोरोना मुक्ति की कामना की. शिवालयों के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा. सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही. हालांकि, अधिकतर श्रद्धालुओं ने मास्क के साथ भोलेनाथ के दर्शन किए.
सावन के अंतिम सोमवार को रानीवाड़ा सहित क्षेत्रभर के शिवालयों में सुबह से शाम तक हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे. सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही रक्षाबंधन का पर्व भी है. इसलिए श्रद्धालुओं का उत्साह और अधिक बढ़ गया. इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हुई और समाप्त भी सोमवार को हो रहा है. अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन का पर्व हर-हर, बम-बम के जयकारे से लगे. सुबह घरों पर श्रद्धालु पूजन-पाठ किया. शिवलिंग का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया. बेलपत्र, धतूरा और दूब चढ़ाई गई. श्रद्धालुओं ने शहर के छोटे मंदिरों में जाकर पूजन किया. सावन के अंतिम सोमवार के चलते श्रद्धालुओं ने व्रत भी रखाा.
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साथ ही जसवंतपुरा उपखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शिवालयों में सावण पांचवें और आखिरी सोमवार को सुबह से शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. शिव मंदिर के घंटे और घटियालों की मधुर झनकार सुनाई पड़ रही थी और हर हर महादेव का जयकारा गूंजायमान रहा. श्रद्धालुओं ने फल, फूल, घी, दूध, धतूरा आदि चढ़ावा कर मन्नौतियां और मनोकामना पूर्ण की प्रार्थना की.