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जालोर में अजब कोरोना रिपोर्ट, बिना सैंपल लिया मनरेगा मजदूर को बताया पॉजिटिव

जालोर जिले में कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, चितलवाना इलाके में एक मनरेगा श्रमिक का सैम्पल लिए बिना ही उसे कोरोना पॉजिटिव बता दिया, जिसके बाद युवक को कोविड सेंटर ले जाने के लिए टीम भी घर पहुंच गई. इसके बाद युवक के मना के बाद टीम ने नया सैंपल लिया.

जालोर समाचार, jalore news
मनरेगा श्रमिक की रिपोर्ट में आई गड़बड़ी
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Published : Jul 13, 2020, 10:26 PM IST

जालोर. जिले में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. चितलवाना क्षेत्र के आकोली निवासी एक मनरेगा श्रमिक का सैम्पल लिए बिना ही उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने का मामला सामने आया है. जिसके बाद एक बार तो युवक को कोविड-19 केयर सेंटर भेजने के लिए चिकित्सा विभाग की टीम युवक के घर पहुंच गई. इसके बाद युवक ने टीम को बताया कि उसका सैम्पल लिया ही नहीं गया है, तो वह पॉजिटिव कैसे आ सकता है. इसके बाद आनन-फानन में टीम ने युवक के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे. ऐसे में अब विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.

मनरेगा श्रमिक की रिपोर्ट में आई गड़बड़ी

जानकारी के अनुसार बीते 6 जुलाई को आकोली गांव में पीएचसी से एक टीम मनरेगा श्रमिकों के सैम्पल लेने के लिए गई थी. इस दौरान टीम ने 85 लोगों के सैम्पल लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किया और नम्बर वाइज सैम्पल लिए. जबकि युवक का दावा है कि उसने नाम तो लिखवाया था, लेकिन भीड़ ज्यादा थी और नम्बर आने से पहले ही निकल गया था. ऐसे में उसका सैम्पल नहीं हो पाया था, जबकि रिपोर्ट में उसके नाम की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जा रही है. ऐसे में अब सवाल खड़ा हो रहा है कि पीड़ित व्यक्ति के नाम की जगह किसी ओर का सैम्पल लिया गया है या वह खुद पॉजिटिव है और झूठ बोल रहा है.

पढ़ें- जोधपुर में बड़ी लापरपवाही : बिना सैंपल लिए ही चिकित्सा विभाग ने भेज दी कोरोना जांच की रिपोर्ट...

डॉ. विक्रम बिश्नोई ने बताया कि युवक के दूसरी बार सैम्पल लिए गए है. जिसकी रिपोर्ट एक दो दिन में आ जाएगी. अगर आने वाली रिपोर्ट में युवक पॉजिटिव पाया जाता है, तो चिकित्सक सही बोल रहे है कि युवक का सैम्पल लिया गया है और युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो चिकित्स विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग जाएगा.

पॉजिटिव आई रिपोर्ट में सैम्पल किसका

इस बार लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट में अगर युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा कि जो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उसमें सैम्पल किसका था. उसको खोजना चिकित्सा विभाग के लिए भारी पड़ सकता है. जैसा कि युवक का दावा है वो नाम लिखवा कर निकाल गया था तो उसके नाम पर पीछे किसी अन्य श्रमिक का सैम्पल लिया गया हो और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो.

चिकित्सक का दावा है कि युवक झूठ बोल रहा है. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी टीम रविवार देर शाम को आकोली पहुंची तो पीएचसी पर चिकित्सक डॉ. विक्रम बिश्नोई तो नहीं मिले. लेकिन उनसे फोन पर बात हुई तो उन्होंने बताया कि युवक का सैम्पल लिया गया है. मनरेगा स्थल पर सैम्पल लिया गया है और युवक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है. लेकिन यह झूठ बोल रहा था कि उसका सैम्पल लिया नहीं है. वहीं, युवक को होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है.

जालोर. जिले में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. चितलवाना क्षेत्र के आकोली निवासी एक मनरेगा श्रमिक का सैम्पल लिए बिना ही उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने का मामला सामने आया है. जिसके बाद एक बार तो युवक को कोविड-19 केयर सेंटर भेजने के लिए चिकित्सा विभाग की टीम युवक के घर पहुंच गई. इसके बाद युवक ने टीम को बताया कि उसका सैम्पल लिया ही नहीं गया है, तो वह पॉजिटिव कैसे आ सकता है. इसके बाद आनन-फानन में टीम ने युवक के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे. ऐसे में अब विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.

मनरेगा श्रमिक की रिपोर्ट में आई गड़बड़ी

जानकारी के अनुसार बीते 6 जुलाई को आकोली गांव में पीएचसी से एक टीम मनरेगा श्रमिकों के सैम्पल लेने के लिए गई थी. इस दौरान टीम ने 85 लोगों के सैम्पल लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किया और नम्बर वाइज सैम्पल लिए. जबकि युवक का दावा है कि उसने नाम तो लिखवाया था, लेकिन भीड़ ज्यादा थी और नम्बर आने से पहले ही निकल गया था. ऐसे में उसका सैम्पल नहीं हो पाया था, जबकि रिपोर्ट में उसके नाम की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जा रही है. ऐसे में अब सवाल खड़ा हो रहा है कि पीड़ित व्यक्ति के नाम की जगह किसी ओर का सैम्पल लिया गया है या वह खुद पॉजिटिव है और झूठ बोल रहा है.

पढ़ें- जोधपुर में बड़ी लापरपवाही : बिना सैंपल लिए ही चिकित्सा विभाग ने भेज दी कोरोना जांच की रिपोर्ट...

डॉ. विक्रम बिश्नोई ने बताया कि युवक के दूसरी बार सैम्पल लिए गए है. जिसकी रिपोर्ट एक दो दिन में आ जाएगी. अगर आने वाली रिपोर्ट में युवक पॉजिटिव पाया जाता है, तो चिकित्सक सही बोल रहे है कि युवक का सैम्पल लिया गया है और युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो चिकित्स विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग जाएगा.

पॉजिटिव आई रिपोर्ट में सैम्पल किसका

इस बार लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट में अगर युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा कि जो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उसमें सैम्पल किसका था. उसको खोजना चिकित्सा विभाग के लिए भारी पड़ सकता है. जैसा कि युवक का दावा है वो नाम लिखवा कर निकाल गया था तो उसके नाम पर पीछे किसी अन्य श्रमिक का सैम्पल लिया गया हो और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो.

चिकित्सक का दावा है कि युवक झूठ बोल रहा है. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी टीम रविवार देर शाम को आकोली पहुंची तो पीएचसी पर चिकित्सक डॉ. विक्रम बिश्नोई तो नहीं मिले. लेकिन उनसे फोन पर बात हुई तो उन्होंने बताया कि युवक का सैम्पल लिया गया है. मनरेगा स्थल पर सैम्पल लिया गया है और युवक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है. लेकिन यह झूठ बोल रहा था कि उसका सैम्पल लिया नहीं है. वहीं, युवक को होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है.

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