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जालोर: बिना एसडीएम और तहसीलदार के काम पड़ा ठप, ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी - राजस्थान न्यूज

जालोर जिले के चितलवाना उपखण्ड एक ऐसा मुख्यालय है जिसको सरकार ने उपखंड मुख्यालय का दर्जा तो दिया है, लेकिन आज तक वहां पर कोई सक्षम अधिकारी नहीं लगाया गया. ऐसे में इस उपखंड मुख्यालय पर आने वाले ग्रामीणों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Aug 5, 2019, 9:27 AM IST

जालोर. जिले के चितलवाना उपखण्ड एक ऐसा मुख्यालय है जिसको 2013 में कांग्रेस की सरकार ने उपखंड का दर्जा तो दिया, लेकिन आज तक वहां पर उपखंड अधिकारी की नियुक्ति ही नहीं की गई. वहीं पिछले लंबे समय से तहसीलदार का पद भी रिक्त है. ऐसे में इस उपखंड मुख्यालय पर आने वाले ग्रामीणों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है.

ना एसडीएम और ना तहसीलदार फिर कैसे होगा कार्य

जानकारी के अनुसार जब जिले के सांचोर उपखंड मुख्यालय का परिसीमन करके चितलवाना को अलग उपखण्ड मुख्यालय बनाया गया था. तब ग्रामीणों के मन में एक नई उम्मीद जगी थी कि यहां पर एसडीएम स्तर के अधिकारी बैठेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करगें. जिससे उनको सांचोर या जालोर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, लेकिन वक़्त के साथ ग्रामीणों का यह सपना चकनाचूर होता गया.

ग्रामीणों के मुताबिक 2013 में उपखंड बनने के बाद 2016 में चितलवाना में प्रशिक्षु आरएएस अधिकारी राजेन्द्र सिंह सिसोदिया को 15 मई से 15 जुलाई तक एसडीएम के पद पर नियुक्त किया गया था. उसके बाद प्रशिक्षु आरएएस रमेश कुमार को 1 मई 2018 को नियुक्त किया गया और 30 जून 2018 को पद से हटा दिया गया था. उसके बाद आजतक यहां का चार्ज सांचौर एसडीएम के पास में है. जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

1577 प्रकरण पेंडिंग है चितलवाना उपखंड में

आम जनता ने अपने राजस्व प्रकरण को इस उम्मीद में दर्ज करवाया था कि उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन सक्षम अधिकारी की पोस्टिंग नहीं होने के कारण आज तक चितलवाना उपखंड में 1577 राजस्व प्रकरण पेंडिंग चल रहे है.

सांचोर एसडीएम के पास है चार्ज, वहां का एसडीएम पद भी रिक्त

चितलवाना उपखंड मुख्यालय का चार्ज सांचोर एसडीएम को सौंपा गया है, लेकिन सांचोर में भी प्रकरण ज्यादा होने के कारण यहां का कार्य पूरा नहीं हो पाता है. वहीं अभी पिछले दो माह से सांचोर में भी एसडीएम का पद रिक्त है. जिसके कारण जालोर कलेक्टर ने सांचोर के तहसीलदार को चार्ज दे रखा है.

यह भी पढ़े: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पर फंसा पेच, 40 दिन से खाली है पद

तहसीलदार का पद भी रिक्त

चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर एसडीएम के पद के साथ तहसीलदार का पद भी रिक्त है. लम्बे समय से यह दोनों पद रिक्त होने के कारण गांवों से सरकारी कार्यों के लिये आने वाले ग्रामीणों का प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिलने पर मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.

जालोर. जिले के चितलवाना उपखण्ड एक ऐसा मुख्यालय है जिसको 2013 में कांग्रेस की सरकार ने उपखंड का दर्जा तो दिया, लेकिन आज तक वहां पर उपखंड अधिकारी की नियुक्ति ही नहीं की गई. वहीं पिछले लंबे समय से तहसीलदार का पद भी रिक्त है. ऐसे में इस उपखंड मुख्यालय पर आने वाले ग्रामीणों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है.

ना एसडीएम और ना तहसीलदार फिर कैसे होगा कार्य

जानकारी के अनुसार जब जिले के सांचोर उपखंड मुख्यालय का परिसीमन करके चितलवाना को अलग उपखण्ड मुख्यालय बनाया गया था. तब ग्रामीणों के मन में एक नई उम्मीद जगी थी कि यहां पर एसडीएम स्तर के अधिकारी बैठेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करगें. जिससे उनको सांचोर या जालोर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, लेकिन वक़्त के साथ ग्रामीणों का यह सपना चकनाचूर होता गया.

ग्रामीणों के मुताबिक 2013 में उपखंड बनने के बाद 2016 में चितलवाना में प्रशिक्षु आरएएस अधिकारी राजेन्द्र सिंह सिसोदिया को 15 मई से 15 जुलाई तक एसडीएम के पद पर नियुक्त किया गया था. उसके बाद प्रशिक्षु आरएएस रमेश कुमार को 1 मई 2018 को नियुक्त किया गया और 30 जून 2018 को पद से हटा दिया गया था. उसके बाद आजतक यहां का चार्ज सांचौर एसडीएम के पास में है. जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

1577 प्रकरण पेंडिंग है चितलवाना उपखंड में

आम जनता ने अपने राजस्व प्रकरण को इस उम्मीद में दर्ज करवाया था कि उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन सक्षम अधिकारी की पोस्टिंग नहीं होने के कारण आज तक चितलवाना उपखंड में 1577 राजस्व प्रकरण पेंडिंग चल रहे है.

सांचोर एसडीएम के पास है चार्ज, वहां का एसडीएम पद भी रिक्त

चितलवाना उपखंड मुख्यालय का चार्ज सांचोर एसडीएम को सौंपा गया है, लेकिन सांचोर में भी प्रकरण ज्यादा होने के कारण यहां का कार्य पूरा नहीं हो पाता है. वहीं अभी पिछले दो माह से सांचोर में भी एसडीएम का पद रिक्त है. जिसके कारण जालोर कलेक्टर ने सांचोर के तहसीलदार को चार्ज दे रखा है.

यह भी पढ़े: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पर फंसा पेच, 40 दिन से खाली है पद

तहसीलदार का पद भी रिक्त

चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर एसडीएम के पद के साथ तहसीलदार का पद भी रिक्त है. लम्बे समय से यह दोनों पद रिक्त होने के कारण गांवों से सरकारी कार्यों के लिये आने वाले ग्रामीणों का प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिलने पर मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.

Intro:जालोर जिले में चितलवाना उपखण्ड मुख्यालय एक ऐसा मुख्यालय है। जिसमें आज तक कभी उपखण्ड अधिकारी नहीं लगाया गया है। तहसीलदार का पद भी रिक्त है। ज्यादातर समय सांचोर एसडीएम के पास इसका चार्ज रहता है। जिसके कारण यहां पर आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


Body:बिना अधिकारियों का उपखंड, एसडीएम व तहसीलदार के पद पर नहीं अधिकारी, ग्रामीण हो रहे है परेशान
जालोर
जिले में सबके दुरस्त एक ऐसा उपखण्ड मुख्यालय है। जिसको सरकार ने उपखंड मुख्यालय का दर्जा तो दे दिया, लेकिन वहां पर सक्षम अधिकारी नहीं लगाया। हम बात कर रहे है चितलवाना उपखंड मुख्यालय की। जिसको 2013 में कांग्रेस की सरकार ने उपखंड बनाया, लेकिन आज दिन तक सरकार ने यहां पर उपखंड अधिकारी की नियुक्ति ही नहीं की। वहीं पिछले लंबे समय से तहसीलदार का पद भी रिक्त है। ऐसे में इस उपखंड मुख्यालय पर आने वाले ग्रामीणों को निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। जानकारी के अनुसार जिले के सांचोर उपखंड मुख्यालय का परिसिमन करके चितलवाना को अलग उपखण्ड मुख्यालय बनाया गया था। तब ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि यहां पर एसडीएम स्तर के अधिकारी बैठेंगे तो उनको उनकी समस्याओं का समाधान करवाने के लिए सांचोर या जालोर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, लेकिन वक़्त के साथ ग्रामीणों का यह सपना चकनाचूर होता गया। 2013 में उपखंड बनने के बाद 2016 में चितलवाना में प्रशिक्षु आरएएस अधिकारी राजेन्द्र सिंह सिसोदिया को 15 मई से 15 जुलाई एसडीएम के पद पर लगाया था। उसके बाद प्रशिक्षु आरएएस रमेश कुमार को 1 मई 2018 को लगाया और 30 जून 2018 को हटा दिया था। उसके बाद आज दिन तक यहां का चार्ज सांचौर एसडीएम के पास अतिरिक्त में है। जिसके कारण आम जनता के काम नहीं हो पा रहे है।
1577 प्रकरण पेंडिंग है चितलवाना उपखंड में
आम जनता ने अपने राजस्व प्रकरण इस उम्मीद में दर्ज करवाये थे कि न्याय मिलेगा, लेकिन सक्षम अधिकारी की पोस्टिंग नहीं होने के कारण आज तक चितलवाना उपखंड में 1577 राजस्व प्रकरण पेंडिंग चल रहे है। इस प्रकरणों में लोग न्याय की उम्मीद लगाए बैठे है।
सांचोर एसडीएम के पास है चार्ज, वहां का एसडीएम पद भी रिक्त
चितलवाना उपखंड मुख्यालय का चार्ज सांचोर एसडीएम के पास अतिरिक्त में दिया हुआ है, लेकिन सांचोर में भी प्रकरण ज्यादा होने के कारण यहां का कार्य पूरा नहीं हो पाता है। वहीं अभी पिछले दो माह से सांचोर में भी एसडीएम का पद रिक्त चल रहा है। जिसके कारण जालोर कलेक्टर ने सांचोर के तहसीलदार को चार्ज दे रखा है।
तहसीलदार का पद भी रिक्त
चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर एसडीएम के पद के साथ तहसीलदार का पद भी रिक्त है। लम्बे समय से यह दोनों पद रिक्त होने के कारण गांवों से सरकारी कार्यों के लिये आने वाले ग्रामीणों का प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिलने पर मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।


बाईट- गंगा राम धंतरवाल, ग्रामीण
बाईट - मोहन लाल जाखड़, ग्रामीण


Conclusion:
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