जालोर: राज्य सरकार के एक साल पूरा होने पर कांग्रेस ने बुधवार को शहर के राजीव गांधी भवन में प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता को पूर्व विधायक सिरोही संयम लोढ़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को जिन वायदों के आधार पर जनादेश मिला है, उसकी पूर्ति पर काम करें, न कि पांच साल जिनके लिए प्रलाप किया, उनको ही आगे बढ़ाने का काम न करें.
लोढ़ा ने कहा कि हाल ही में नगर निकायों में प्रशासक लगा दिए जो एक दिन भी नगर पालिकाओं में नहीं जाते हैं. जबकि सरकार को अगर एक साथ चुनाव कराना ही है, तो इन्ही जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दे देते ताकि लोगों का काम नहीं रुकता. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने नौकरशाही के भरोसे राजस्थान की जनता को छोड़ा है. इसकी आने वाले समय में कीमत चुकानी पड़ेगी.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार की नहीं थी तैयारी: लोढ़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक जैसलमेर में हुई. इससे राजस्थान को क्या प्राप्त हुआ? मैं तो कहूंगा कि इस बैठक के लिए राजस्थान सरकार की कोई तैयारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि सरकार का कोई विजन नहीं है. दो बार इस सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाई है. इसकी क्या जरूरत आन पड़ी. राजस्व खर्चा बढ़ा रहे हो और रेवेन्यू घट रही है. लोढ़ा ने कहा कि इस सरकार ने नए काम तो कोई शुरू किए नहीं और पिछली गहलोत सरकार के कार्यों को रोक दिया.
पेपर लीक पर सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?: राइजिंग राजस्थान के तहत एक व्यक्ति को सारी धन संपदा लुटाने के लिए यह आयोजन किया. इसका परिणाम आने वाले समय में मालूम पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भर्तियों को लेकर खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि 17 भर्तियों के पेपर लीक कांग्रेस सरकार में हुए और हम कार्रवाई करेंगे, तो उन्होंने कहा कि आपकी सरकार है कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? लोढ़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार में रामूराम राईका आरपीएससी का मेम्बर बना, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद असमंजस की स्थिति है. पहले कहते थे मगरमच्छों को पकड़ेंगे, लेकिन कोई चूहा भी नहीं पकड़ पाए. लोढ़ा ने किसान सम्मान निधि में केवल दो हजार रुपए बढ़ाने, सफाईकर्मियों की भर्ती रोकने, सीनियर सिटीजन की पेंशन नहीं बढ़ाने, डीएलसी रेट बढ़ाने, पेट्रोल डीजल की एक दर नहीं करने व पेट्रोल डीजल व शराब को भी जीएसटी के दायरे में लाने सहित कई मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरा.
गलत नीतियों की वजह से स्कूलों की स्थिति खराब हुई: लोढ़ा ने कहा कि सबसे चिंता का विषय यह है कि शिक्षा मंत्री का इतना बड़बोलेपन है कि स्कूलों के काम में ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अधिशेष शिक्षकों की सूचियां निकाली और शिक्षकों को दूर फेंक दिया. जबकि पास के ही स्कूलों में जगह खाली थी. गलत नीतियों की वजह से स्कूलों की स्थिति खराब हुई, नामांकन घटा.
भाजपा से जुड़े संगठन को धरने पर बैठने की नौबत क्यों आई?: लोढ़ा ने जालोर में हाल ही में दिए गए किसान धरने पर कहा कि यह आरएसएस का संगठन है और प्रदेश में सरकार आरएसएस चला रहा है, तो धरने की नौबत क्यों आई. क्या सरकार से काम नहीं करवा सकते थे? और धरना दिया तो ऐसा क्या मिला कि इतने दिन बाद धरना उठाना पड़ा. लोढ़ा ने कहा माही का पानी जालोर-सिरोही और बाड़मेर को अब मिल जाना चाहिए था, जो समझौता 1966 में हुआ था. उसके मुताबिक गुजरात के खेड़ा जिले में आज से 9 साल पहले पानी पहुंच गया, तो अब पानी जालोर को क्यों नहीं दिया जा रहा है?
इस दौरान संगठन जिला प्रभारी मोहन डागर ने कहा कि सक्रिय कार्यकर्ता को आने वाले समय में जरूर मौका मिलेगा. पुखराज पाराशर ने कहा कि जिले में गहलोत सरकार के समय कई कार्य हुए. मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति के बावजूद जिन अधिकारियों ने इसमें कमी को छुपाया, उन पर कार्रवाई हो. इस दौरान जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल, सवाराम पटेल, नैनसिंह राजपुरोहित, रमिला मेघवाल, सरोज चौधरी, प्रवक्ता योगेंद्र सिंह, भेरूपाल सिंह दासपा, बसंत सुथार, लक्ष्मण सांखला, कॄष्ण कुमार वणिका समेत कई कांग्रेसी मौजूद रहे.