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जालोर कलेक्टर की अपील: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आम जनता लॉक डाउन में सहयोग करे - covid 19

जालोर में लॉक डाउन के चलते 5वें दिन भी पूरी तरह से जनजीवन ठप रहा. जिले में बाहर से आने वाले रास्तों की सीमा को सील कर दिया. साथ में बाहर से आने वाले 30 हजार प्रवासियों के स्वास्थ्य की जांच की गई. जिसमें एक भी पॉजिटिव नहीं निकला. वहीं कलेक्टर ने लोगों से सहयोग की अपील की है.

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जालोर कलेक्टर ने की लोगों से अपील
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Published : Mar 26, 2020, 9:29 PM IST

जालोर. कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉक डाउन के आदेश के बाद जिले में गुरुवार को पांचवे दिन भी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. आवश्यक सामान के लिए लोग घरों से निकलें. साथ ही शहर के सड़को पर पुलिस के वाहन ही नजर आए.

जालोर कलेक्टर ने की लोगों से अपील

वहीं कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने भी बताया कि जिले में लॉक डाउन के दौरान आवश्यक सामान की पूरी उपलब्धता है. किसी जगह पर अभी तक कोई परेशानी सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि आम जनता सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इसी तरह प्रशासन का सहयोग करेगी तो करोना वायरस को फैलने से रोकने में हम सफल हो जाएंगे. साथ ही बताया कि लॉक डाउन के कारण आवागमन पूरी तरह से रोका हुआ है, लेकिन रबी की फसल सीजन अंतिम स्टेज पर चल रही है. जिसके चलते सरकार ने बारदानों की दुकानों को खुला रखवाया है. साथ में हनुमानगढ़, गंगानगर या पाली से कोई कृषि यंत्र लाना चाहता है, तो उसकी भी छूट दी गई है.

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30 हजार प्रवासी आये हैं राजस्थान

जिले में कोरोना संक्रमण बचाव और राहत की व्यापक स्तर पर व्यवस्थाएं की गई हैं. इसके लिए जिले में पर्याप्त संख्या में पुलिस, चिकित्सा, स्वास्थ्य और अन्य विभागों से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी संवेदनशील होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहें हैं. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन को जन हित में गंभीरता से लागू करने और व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के लिए मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन कार्य कर रहा है.

जिले की सीमाओं पर स्थित 14 चौकियों पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए आवश्यक प्रबन्ध हैं. अब तक लगभग जिले में लगभग 30 हजार से ज्यादा प्रवासी आये हैं. जिनकी स्वास्थ्य की जांच की गई. जिसमें कुछ संदिग्ध लोगों की जांच रिपोर्ट जोधपुर भेजी गई, लेकिन नेगेटिव आई है.

प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर टीम तैनात

कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रेपिड रेस्पोंस टीम कार्यरत है. ये टीम व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक टीम का गठन किया गया है, संदेहास्पद मरीजों की विशेष देखभाल और उन्हें आईसोलेट करने के जिले में उचित प्रबन्ध किये गए है.

जालोर. कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉक डाउन के आदेश के बाद जिले में गुरुवार को पांचवे दिन भी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. आवश्यक सामान के लिए लोग घरों से निकलें. साथ ही शहर के सड़को पर पुलिस के वाहन ही नजर आए.

जालोर कलेक्टर ने की लोगों से अपील

वहीं कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने भी बताया कि जिले में लॉक डाउन के दौरान आवश्यक सामान की पूरी उपलब्धता है. किसी जगह पर अभी तक कोई परेशानी सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि आम जनता सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इसी तरह प्रशासन का सहयोग करेगी तो करोना वायरस को फैलने से रोकने में हम सफल हो जाएंगे. साथ ही बताया कि लॉक डाउन के कारण आवागमन पूरी तरह से रोका हुआ है, लेकिन रबी की फसल सीजन अंतिम स्टेज पर चल रही है. जिसके चलते सरकार ने बारदानों की दुकानों को खुला रखवाया है. साथ में हनुमानगढ़, गंगानगर या पाली से कोई कृषि यंत्र लाना चाहता है, तो उसकी भी छूट दी गई है.

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30 हजार प्रवासी आये हैं राजस्थान

जिले में कोरोना संक्रमण बचाव और राहत की व्यापक स्तर पर व्यवस्थाएं की गई हैं. इसके लिए जिले में पर्याप्त संख्या में पुलिस, चिकित्सा, स्वास्थ्य और अन्य विभागों से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी संवेदनशील होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहें हैं. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन को जन हित में गंभीरता से लागू करने और व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के लिए मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन कार्य कर रहा है.

जिले की सीमाओं पर स्थित 14 चौकियों पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए आवश्यक प्रबन्ध हैं. अब तक लगभग जिले में लगभग 30 हजार से ज्यादा प्रवासी आये हैं. जिनकी स्वास्थ्य की जांच की गई. जिसमें कुछ संदिग्ध लोगों की जांच रिपोर्ट जोधपुर भेजी गई, लेकिन नेगेटिव आई है.

प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर टीम तैनात

कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रेपिड रेस्पोंस टीम कार्यरत है. ये टीम व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक टीम का गठन किया गया है, संदेहास्पद मरीजों की विशेष देखभाल और उन्हें आईसोलेट करने के जिले में उचित प्रबन्ध किये गए है.

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