ETV Bharat / state

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर कुक कम हेल्परों ने डीएम से की मुलाकात - कुक कम हेल्पर

सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करने वाले कुक कम हेल्परों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. साथ ही प्रत्येक माह 12 हजार रुपए सैलेरी करने की मांग की है.

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर कुक कम हेल्परों ने डीएम से की मुलाकात
author img

By

Published : Jul 16, 2019, 8:48 PM IST

जालोर. सरकारी स्कूलों में मिड-डे मिल बनाने वाले कुक कम हेल्पर मजदूर संघ की ओर से मंगलवार को प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर महेंद्र सोनी को ज्ञापन देकर मानदेय बढ़ाने की मांग की. इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में हेल्पर मौजूद रहे.

हेल्परों ने ज्ञापन में बताया कि सरकार की कुपोषण के विरुद्ध चलाई जा रही योजना का मुख्य घटक कुक कम हेल्पर है, जिसका मानदेय वर्तमान में 1320 रुपए मासिक है. यह उनके साथ अन्याय पूर्ण एवं भेदभाव पूर्ण कृत्य है.

उन्होंने कहा कि नरेगा मजदूर जो कुछ ही घंटे कार्य करते हैं. उन्हें भी लगभग महीने के छह हजार की राशि दी जाती है. जबकि कुक कम हेल्पर को नरेगा मजदूर से भी कम मानदेय दिया जा रहा है, जिसके कारण जिलेभर में कार्यरत कुक कम हेल्पर के घर को चलाना मुश्किल हो रहा है.

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर कुक कम हेल्परों ने डीएम से की मुलाकात

ज्ञापन में हेल्परों ने मांग की है कि उनको कुक कम हेल्पर के कार्य के अनुरूप और जिम्मेदारी पूर्व कार्य करने का सही मानदेय 12 हजार रुपए मासिक किया जाए. इस दौरान उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि मानदेय नहीं बढ़ाया गया तो प्रदेश भर में कुक कम हेल्पर हड़ताल करेंगे, जिससे सरकारी योजनाओं का संचालन ठप हो जाएगा. इस दौरान जिलेभर के कुक कम हेल्पर का काम करने वाली महिलाएं मौजूद रही.

जालोर. सरकारी स्कूलों में मिड-डे मिल बनाने वाले कुक कम हेल्पर मजदूर संघ की ओर से मंगलवार को प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर महेंद्र सोनी को ज्ञापन देकर मानदेय बढ़ाने की मांग की. इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में हेल्पर मौजूद रहे.

हेल्परों ने ज्ञापन में बताया कि सरकार की कुपोषण के विरुद्ध चलाई जा रही योजना का मुख्य घटक कुक कम हेल्पर है, जिसका मानदेय वर्तमान में 1320 रुपए मासिक है. यह उनके साथ अन्याय पूर्ण एवं भेदभाव पूर्ण कृत्य है.

उन्होंने कहा कि नरेगा मजदूर जो कुछ ही घंटे कार्य करते हैं. उन्हें भी लगभग महीने के छह हजार की राशि दी जाती है. जबकि कुक कम हेल्पर को नरेगा मजदूर से भी कम मानदेय दिया जा रहा है, जिसके कारण जिलेभर में कार्यरत कुक कम हेल्पर के घर को चलाना मुश्किल हो रहा है.

मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर कुक कम हेल्परों ने डीएम से की मुलाकात

ज्ञापन में हेल्परों ने मांग की है कि उनको कुक कम हेल्पर के कार्य के अनुरूप और जिम्मेदारी पूर्व कार्य करने का सही मानदेय 12 हजार रुपए मासिक किया जाए. इस दौरान उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि मानदेय नहीं बढ़ाया गया तो प्रदेश भर में कुक कम हेल्पर हड़ताल करेंगे, जिससे सरकारी योजनाओं का संचालन ठप हो जाएगा. इस दौरान जिलेभर के कुक कम हेल्पर का काम करने वाली महिलाएं मौजूद रही.

Intro:जिलेभर में कुक कम हेल्परों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया और प्रत्येक माह 12 हजार रुपये सेलेरी करने की मांग की।Body:कुक कम हेल्पर मजदूर संघ ने मानदेय बढ़ाने की मांग की
जालोर
कुक कम हेल्पर मजदूर संघ जालोर की ओर से मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर महेंद्र सोनी को ज्ञापन देकर मानदेय बढ़ाने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि सरकार की कुपोषण के विरुद्ध चलाई जा रही योजना का मुख्य घटक कुक कम हेल्पर है। जिसका मानदेय वर्तमान में 1320 रुपए मासिक हैं। यह उनके साथ अन्याय पूर्ण एवं भेदभाव पूर्ण कृत्य है। उन्होंने बताया कि नरेगा मजदूर जो मात्र तीन चार घंटे कार्य करते हैं उन्हें भी लगभग महीने के 6 हजार की राशि दी जाती हैं। जबकि कुक कम हेल्पर को नरेगा मजदूर से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। जिसके कारण जिलेभर में कार्यरत कुक कम हेल्पर के घर को चलाना मुश्किल हो रहा है। ज्ञापन में हेल्परों व मांग की है कि उनको कुक कम हेल्पर के कार्य के अनुरूप व जिम्मेदारी पूर्व कार्य करने का सही मानदेय 12 हजार रुपये मासिक किया जाए। इस दौरान उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि मानदेय नहीं बढ़ाया गया तो प्रदेश भर में कुक कम हेल्पर हड़ताल करेंगे, जिससे सरकारी योजनाओं का संचालन ठप हो जाएगा। इस दौरान जिलेभर के कुक कम हेल्पर का काम करने वाली महिलाएं मौजूद रही।Conclusion:null
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.