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GNM डिप्लोमा धारकों ने गांवों में प्रैक्टिस करने का मांगा अधिकार, CM के नाम दिया ज्ञापन - गांवों में प्रैक्टिस का अधिकार

जालोर में शुक्रवार को आरएनसी में रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी युवाओं ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. जिसमें नर्सिंग भर्ती निकालने और स्पेशल आदेश जारी कर जीएनएम डिप्लोमा धारी युवाओं को गांव में प्रैक्टिस करने का अधिकार देने की मांग की है.

जीएनएम डिप्लोमा धारक मांग, GNM diploma holders demand
जीएनएम डिप्लोमा धारक मांग
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Published : Mar 6, 2020, 12:46 PM IST

जालोर. प्रदेश की राजस्थान नर्सिंग कॉउंसिल में रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी बेरोजगारों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम एडीएम छगन लाल गोयल को ज्ञापन दिया. जिसमें इन्होंने गांवों में स्वतंत्र रूप से प्रक्टिस करने का अधिकार देने की मांग की है.

ज्ञापन में उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज चिकित्सा सुविधा पूरी तरह से बिगड़ी हुई है. चिकित्सा सुविधा समय पर नहीं मिलने के कारण मजबूरी में किसी एएनएम या नीम-हकीम, बंगाली से अपना इलाज करवाना पड़ता है. जिसमें कई बार बीमार ग्रामीणों की जिंदगी भी दांव पर लग जाती है.

जीएनएम डिप्लोमा धारकों ने गांवों में प्रैक्टिस करने का मांगा अधिकार

ऐसे में राजस्थान नर्सिंग कॉउंसिल में रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी युवाओं को विशेष अधिकार देते हुए, गांवों में चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने का अधिकार दिया जाए. ताकि बीमार लोगों को एक बार प्राथमिक स्तर का उपचार देकर, बड़े अस्पताल में भर्ती करवाया जा सके.

पढ़ें: शेयर बाजार धड़ाम: सेंसेक्स 1400 अंक टूटा, यस बैंक के शेयर 80 फीसदी गिरे

उन्होंने ज्ञापन में बताया कि गांवों में आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही टीकाकरण करते हैं. जबकि जीएनएम होल्डर उनसे ज्यादा ट्रेंन्ड और योग्यता धारी है. लेकिन सरकार उनसे कार्य नहीं करवाती. उन्होंने बताया कि राज्य में नर्सिंग कर्मियों के हजारों पद रिक्त होने के बावजूद भर्ती नहीं निकाली जा रही है.

जिसके कारण रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी हजारों युवा बेरोजगार बैठे हैं. सरकार की ओर से मेडिकल लाइसेंस की तरह जीएनएम होल्डर युवाओं को गांव में प्रक्टिस करने का लाईसेंस दिया जाए. ताकि लोगों को गांवों में चिकित्सा सुविधा आसानी से मिल सके.

जालोर. प्रदेश की राजस्थान नर्सिंग कॉउंसिल में रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी बेरोजगारों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम एडीएम छगन लाल गोयल को ज्ञापन दिया. जिसमें इन्होंने गांवों में स्वतंत्र रूप से प्रक्टिस करने का अधिकार देने की मांग की है.

ज्ञापन में उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज चिकित्सा सुविधा पूरी तरह से बिगड़ी हुई है. चिकित्सा सुविधा समय पर नहीं मिलने के कारण मजबूरी में किसी एएनएम या नीम-हकीम, बंगाली से अपना इलाज करवाना पड़ता है. जिसमें कई बार बीमार ग्रामीणों की जिंदगी भी दांव पर लग जाती है.

जीएनएम डिप्लोमा धारकों ने गांवों में प्रैक्टिस करने का मांगा अधिकार

ऐसे में राजस्थान नर्सिंग कॉउंसिल में रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी युवाओं को विशेष अधिकार देते हुए, गांवों में चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने का अधिकार दिया जाए. ताकि बीमार लोगों को एक बार प्राथमिक स्तर का उपचार देकर, बड़े अस्पताल में भर्ती करवाया जा सके.

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उन्होंने ज्ञापन में बताया कि गांवों में आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही टीकाकरण करते हैं. जबकि जीएनएम होल्डर उनसे ज्यादा ट्रेंन्ड और योग्यता धारी है. लेकिन सरकार उनसे कार्य नहीं करवाती. उन्होंने बताया कि राज्य में नर्सिंग कर्मियों के हजारों पद रिक्त होने के बावजूद भर्ती नहीं निकाली जा रही है.

जिसके कारण रजिस्टर्ड जीएनएम डिप्लोमा धारी हजारों युवा बेरोजगार बैठे हैं. सरकार की ओर से मेडिकल लाइसेंस की तरह जीएनएम होल्डर युवाओं को गांव में प्रक्टिस करने का लाईसेंस दिया जाए. ताकि लोगों को गांवों में चिकित्सा सुविधा आसानी से मिल सके.

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