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जालोर: लॉकडाउन की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के व्यापार में 70 प्रतिशत की कमी

गर्मी के सीजन के दौरान बाजारों में इलेक्ट्रॉनिक समान जैसे फ्रीज, कूलर, एसी सहित अन्य समानों की भारी डिमांड बढ़ जाती है. हर साल इस सीजन में करोड़ों रुपये का व्यापार होता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण यह सीजन मंदी के दौर से गुजर रहा है. हलांकि, लॉकडाउन 4.0 में सरकार ने कुछ शर्तों के साथ छूट भी दी है लेकिन बाजारों में पहले जैसी रौनक नहीं है. पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट.....

Electronic business, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
इलेक्ट्रॉनिक सामान के व्यापार में 70 प्रतिशत कमी आई
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Published : May 25, 2020, 8:56 PM IST

जालोर. जिले में लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान के व्यापार को करीब 70 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. जालोर जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 24 मार्च को पूरे देश के साथ ही लॉकडाउन लागू हो गया था और सभी को घरों में रहने की हिदायत दी थीं. उसके बाद लंबे समय तक बाजारों में बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था. शहर और सड़कें पूरी तरह से सुनसान हो गई थी.

इलेक्ट्रॉनिक सामान के व्यापार में 70 प्रतिशत कमी आई

अब सरकार देश की रुकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ने के बावजूद कुछ नियमों के साथ बाजारों को खोलने का फैसला लिया है. अब बाजार तो खुलने शुरू हो गए हैं लेकिन कई ऐसे सेक्टर है जो इस लॉकडाउन में पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. बात करें इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की तो सीजन के दौरान भी फ्रीज, कूलर, एसी सहित अन्य ऐसे सामना की खरीददारी नहीं होने से भारी नुकसान हुआ है.

इलेक्ट्रॉनिक आइटम के जानकारों ने बताया कि गर्मी के मौसम में हर बार भारी तादाद में फ्रीज, कूलर, एससी सहित अन्य उत्पादक बिकते हैं. ऐसे में व्यापारियों ने करोड़ों रुपयों का इन्वेस्टमेंट करके माल मंगवा कर गोदाम भर दिए. बाद में अचानक कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू हो गया. अब गोदामों में माल भरा हुआ पड़ा है और सीजन खत्म होने को है, इक्का-दुक्का ही खरीददार बाजार में आ रहे हैं.

50 से 70 फीसदी हुआ नुकसान:

व्यापारियों का कहना है कि 50 से 70 फीसदी तक का नुकसान जिले हो चुका है. हर साल की तरह इस बार भी हमने गर्मी से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक सामना स्टोर कर लिया था. उन्होंने कहा कि प्रवासियों और किसानों हमारा व्यवसाय ज्यादातर टिक्का हुआ है. हर बार गर्मी के मौसम में प्रवासी अन्य राज्यों से जालोर में आते हैं तो ऐसे आइटम खरीद कर ले जाते हैं लेकिन इस बार कोरोना ने इन पर पाबंदी लगा दी है.

ये भी पढ़ें: पढ़ें- जयपुर एयरपोर्ट से 13 शहरों के लिए शुरू हुईं 20 फ्लाइटें

बाजार से किसान मजदूर गायब:

हालांकि, ज्यादातर प्रवासियों को प्रशासन ने उनके घरों में ही क्वारेंटाइन कर रखा है. जिसके कारण यह पूरा वर्ग इस बार बाजार से गायब है. रही बात किसानों की तो रबी का सीजन निकलने के बाद गर्मी का मौसम शूरू होता है ऐसे में किसानों के पास फसल बेचने के बाद पैसों की जबरदस्त आवक होती है तो लोग बाजार में इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी खरीदते हैं लेकिन इस बार किसानों की रबी की फसल भी लॉकडाउन के कारण नहीं बिक पाई है. ऐसे में अब प्रवासी और किसान वर्ग के लोगों ने बाजार से दूरी बना रखी है. जिसके कारण अब बाजारों में रौनक नजर नहीं आ रही है.

ये भी पढ़ें: डूंगरपुरः लॉकडाउन में मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही मनरेगा योजना, 2.36 लाख लोगों को मिला रोजगार

स्टोर किए गए सामान को लेकर चिंता:

व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक आइटम के व्यापारियों ने बताया कि सीजन से पहले भारी मात्रा में व्यापारियों ने गर्मी का सीजन देखते हुए फ्रीज, कूलर सहित इस प्रकार के आइटम का स्टॉक जमा कर लिया था. बाद में लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण अब व्यापारियों के गोदामों में करोड़ों रुपये का माल स्टॉक में पड़ा हुआ है जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि इस साल अब सीजन के 15 दिन बचे हैं दुकाने खोलने से भी डर लगता है क्योंकि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव केस मिलता है तो कंटेनमेंट जोन घोषित करके बाजारों को बंद करवा दिया जाएगा. डर इस बात का भी है कि स्टॉक किया गया माल इस सीजन में नहीं बिका तो अगले साल तक रोकना पड़ेगा.

जालोर. जिले में लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान के व्यापार को करीब 70 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. जालोर जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 24 मार्च को पूरे देश के साथ ही लॉकडाउन लागू हो गया था और सभी को घरों में रहने की हिदायत दी थीं. उसके बाद लंबे समय तक बाजारों में बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था. शहर और सड़कें पूरी तरह से सुनसान हो गई थी.

इलेक्ट्रॉनिक सामान के व्यापार में 70 प्रतिशत कमी आई

अब सरकार देश की रुकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ने के बावजूद कुछ नियमों के साथ बाजारों को खोलने का फैसला लिया है. अब बाजार तो खुलने शुरू हो गए हैं लेकिन कई ऐसे सेक्टर है जो इस लॉकडाउन में पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. बात करें इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की तो सीजन के दौरान भी फ्रीज, कूलर, एसी सहित अन्य ऐसे सामना की खरीददारी नहीं होने से भारी नुकसान हुआ है.

इलेक्ट्रॉनिक आइटम के जानकारों ने बताया कि गर्मी के मौसम में हर बार भारी तादाद में फ्रीज, कूलर, एससी सहित अन्य उत्पादक बिकते हैं. ऐसे में व्यापारियों ने करोड़ों रुपयों का इन्वेस्टमेंट करके माल मंगवा कर गोदाम भर दिए. बाद में अचानक कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू हो गया. अब गोदामों में माल भरा हुआ पड़ा है और सीजन खत्म होने को है, इक्का-दुक्का ही खरीददार बाजार में आ रहे हैं.

50 से 70 फीसदी हुआ नुकसान:

व्यापारियों का कहना है कि 50 से 70 फीसदी तक का नुकसान जिले हो चुका है. हर साल की तरह इस बार भी हमने गर्मी से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक सामना स्टोर कर लिया था. उन्होंने कहा कि प्रवासियों और किसानों हमारा व्यवसाय ज्यादातर टिक्का हुआ है. हर बार गर्मी के मौसम में प्रवासी अन्य राज्यों से जालोर में आते हैं तो ऐसे आइटम खरीद कर ले जाते हैं लेकिन इस बार कोरोना ने इन पर पाबंदी लगा दी है.

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बाजार से किसान मजदूर गायब:

हालांकि, ज्यादातर प्रवासियों को प्रशासन ने उनके घरों में ही क्वारेंटाइन कर रखा है. जिसके कारण यह पूरा वर्ग इस बार बाजार से गायब है. रही बात किसानों की तो रबी का सीजन निकलने के बाद गर्मी का मौसम शूरू होता है ऐसे में किसानों के पास फसल बेचने के बाद पैसों की जबरदस्त आवक होती है तो लोग बाजार में इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी खरीदते हैं लेकिन इस बार किसानों की रबी की फसल भी लॉकडाउन के कारण नहीं बिक पाई है. ऐसे में अब प्रवासी और किसान वर्ग के लोगों ने बाजार से दूरी बना रखी है. जिसके कारण अब बाजारों में रौनक नजर नहीं आ रही है.

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स्टोर किए गए सामान को लेकर चिंता:

व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक आइटम के व्यापारियों ने बताया कि सीजन से पहले भारी मात्रा में व्यापारियों ने गर्मी का सीजन देखते हुए फ्रीज, कूलर सहित इस प्रकार के आइटम का स्टॉक जमा कर लिया था. बाद में लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण अब व्यापारियों के गोदामों में करोड़ों रुपये का माल स्टॉक में पड़ा हुआ है जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि इस साल अब सीजन के 15 दिन बचे हैं दुकाने खोलने से भी डर लगता है क्योंकि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव केस मिलता है तो कंटेनमेंट जोन घोषित करके बाजारों को बंद करवा दिया जाएगा. डर इस बात का भी है कि स्टॉक किया गया माल इस सीजन में नहीं बिका तो अगले साल तक रोकना पड़ेगा.

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