रानीवाड़ा (जालोर). सांसद देवजी पटेल ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र से अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी योजना बनाने की मांग रखी. पटेल ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान योजना, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह से प्रश्न करते हुए कहा कि राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (एनआईएलईआरडी) के अनुसार कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) निकटतम गांवों को ही कवर कर पाने में सक्षम है. इसलिए सभी गांवों और किसानों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए. क्षेत्र के सभी किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र का लाभ मिले, इसके लिए जिले के प्रत्येक तहसील ब्लाॅक अथवा पंचायत स्तर पर उप केन्द्रों की स्थापना की जाए.
सांसद पटेल के प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान द्वारा आयोजित ‘उन्नत प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों के प्रसार पर केवीके का प्रभाव' पर अध्ययन की रिपार्ट के अनुसार केवीके द्वारा 80 प्रतिशत गांवों को कवर किया गया है. राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान द्वारा केवीके के निष्पादन और प्रभाव पर अध्ययन वर्ष 2015 और 2018 में दो बार किया गया. इन अध्ययनों के दौरान कई सुझाव प्राप्त हुए, जैसे- अधिकाधिक कर्मचारियों को जोड़कर केवीके को मजबूत किया जाए, केवीके को प्रभावी बनाने के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया जाए. नियमित बिजली की सुविधा उपलब्ध की जाए, केवीके को प्रिंट और इलेक्ट्राॅनीक मीडिया के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया जाए.
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ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन हो तथा प्रशिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषा में वितरित की जाने की आवश्यकता बताई गई. राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि केवीके एक जिला स्तरीय इकाई है, और तहसील/ब्लाॅक या पंचायत स्तर पर वर्तमान में स्थापित नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि केवीके राज्यों के विभिन्न विकास विभागों के विस्तार अधिकारियों को कृषक समुदाय में नई तकनीकों के प्रसार के लिए प्रशिक्षित करता है. ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को लाभान्वित करने के लिए पंचायत स्तर पर स्थापित सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के साथ जोड़ा जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र में सीएससी पर जाने वाले किसान केवीके विषेषज्ञों से इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से संपर्क कर सकते हैं और तकनीकी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं. इसके अतिरिक्त केवीके बड़ी संख्या में किसानों को सलाह और अलर्ट भेजने के लिए कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के एम-किसान पोर्टल की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. केवीके ने बड़ी संख्या में किसानों तक पहुंचने के लिए व्हाट्सपएप समूह भी बनाए हैं.