जालोर. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को लेकर सरकार की ओर से किए जाने वाले बड़े-बड़े दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के भीनमाल में स्थित पुनासा गांव की एक बेटी संतोष ने मुख्यमंत्री गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट और प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों के सामने मदद की गुहार लगाई. लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
पुनासा गांव के राजकीय स्कूल में 12वीं छात्रा संतोष बिश्नोई अपने दम पर पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती थी. लेकिन, उसके परिवार वाले ही उसके दुश्मन बने बैठे हैं. पीड़ित छात्रा के चाचा, दादा और अन्य ने उसकी शादी करवा दी. जिसके बाद परिजनों ने उस पर ससुराल जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. वहीं, जब उसने ससुराल जाने से मना किया तो परिवार वालों ने उसकी मां को घर से निकाल दिया. जिसके बाद अब संतोष अपनी मां के साथ ननिहाल में रह रही है.
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संतोष ने बताया कि उसे ससुराल वालों की तरफ से जबरन उठा ले जाने की धमकी मिल रही है. जिसके चलते उसकी पढ़ाई रुक गई है. पीड़ित छात्रा ने बताया कि 12वीं की परीक्षा चल रही है, लेकिन उसकी 3 परीक्षाएं छूट गई है. इस पूरे मामले में संतोष ने परीक्षा सेंटर बदलने को लेकर सीएम गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, शिक्षा मंत्री डोटासरा, मंत्री सुखराम बिश्नोई को ट्वीट करके अपनी पीड़ा बताई.
लेकिन संतोष के ट्वीट का कोई जबाव नहीं आया. संतोष ने बताया कि उसने मंत्री सुखराम बिश्नोई के सामने परीक्षा सेंटर बदलवाने और पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग की थी. लेकिन इसे सामाजिक मामला बता कर मंत्री बिश्नोई ने अपना पल्ला झाड़ लिया.
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राजीनामे के लिए पुलिस बना रही दबाव
छात्रा संतोष ने बताया कि उसे स्कूल जाने से रोकने को लेकर घर में विवाद में हुआ. ससुराल भेजने के लिए उसके साथ मारपीट भी की गई. जिसके बाद पीड़ित छात्रा ने मां के साथ भीनमाल थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई करने की जगह पुलिस अब राजीनामा करने का दबाव बना रही है.
नाबालिग होने पर भी करवाई शादी, कार्रवाई से बच रही पुलिस
ये सभी को पता है कि नाबालिग की शादी करवाना गैर कानूनी है. लेकिन, संतोष के परिवार वालों ने संतोष की शादी जबरन बाडाभाडवी निवासी प्रकाश से कर दी. वहीं, अब पीड़ित छात्रा पर ससुराल भेजने का दबाव बनाया जा रहा है. इसे लेकर भी पीड़ित छात्रा ने मुख्यमंत्री और प्रदेश के तीन मंत्रियों को शिकायत दी, थाने में मामला भी दर्ज करवाया. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.