जालोर. जिले के सायला उपखण्ड क्षेत्र में बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर खुलासा करने और नए व्यवस्थापक को चार्ज दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से मिलकर जांच की मांग की है. ग्रामीणों ने कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को दिए गए ज्ञापन में बताया कि बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में साल 2000 से आशाराम नाम का व्यवस्थापक कार्यरत था. उनके कार्यकाल में कई किसानों के नाम से फर्जी लोन उठाए गए और काफी राशि का गबन भी किया गया.
ग्रामीणों ने तत्कालीन व्यवस्थापक आशाराम पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकाल में किसी भी किसान को उसके खाते की पासबुक या चेकबुक नहीं दी गई थी. इसके अलावा उन्होंने साल 2018 और 2019 में सैकड़ों किसानों के नाम से फर्जी लोन उठा लिया था, जिसका कर्ज माफी के समय खुलासा हुआ. लेकिन आज तक जालोर सेंट्रल बैंक के अधिकारियों की ओर से व्यवस्थापक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्राम सेवा सहकारी समिति में व्यवस्थापक के तौर पर चंपालाल लगा हुआ है, लेकिन बैंक के उच्च अधिकारियों ने तत्कालीन व्यवस्थापक आशाराम से उसे चार्ज तक नहीं दिलवाया जा रहा है. वहीं, नए व्यवस्थापक को चार्ज नहीं देने के कारण किसानों के कार्य भी नहीं हो पा रहे है.
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पूर्व में 45 लाख का घोटाला हो चुका है उजागर...
जानकारी के अनुसार बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में घोटाले की राज्य सरकार को जालोर के विधायक जोगेश्वर गर्ग ने शिकायत की थी. उसके बाद राज्य सरकार की ओर से जांच करवाई गई, जिसमें सामने आया कि आशाराम मेघवाल ने अपने कार्यकाल में 45 लाख का घोटाला किया. लेकिन जालोर सेंट्रल बैंक के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, अब ग्रामीण में इस मामले में कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.