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जैसलमेर: महिला सशक्तिकरण और लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर ऑनलाइन वेबिनार प्रशिक्षण का हुआ आयोजन - gender sensitivity

जैसलमेर में दो दिवसीय महिला सशक्तिकरण और लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र में महिला समानता दूत के रूप में कार्य करने के लिए लोगों का हौसला अफजाई किया गया.

Women empowerment webinar in Jaisalmer
ऑनलाइन वेबिनार प्रशिक्षण का हुआ आयोजन
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Published : Apr 24, 2021, 9:48 PM IST

जैसलमेर. नेहरू युवा केंद्र जैसलमेर और सीकर के बैनर तले यूनाइटेड नेशनल वालंटियर इंडिया के सहयोग से दो दिवसीय महिला सशक्तिकरण और लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशंस वॉलंटियर टीम की नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर देबजानी ने युवाओं से बात करते हुए प्रशिक्षण उपरांत ग्रामीण क्षेत्र में महिला समानता दूत के रूप में कार्य करने के लिए हौसला अफजाई किया.

कार्यक्रम में सरिता मौर्य स्टेट कंसलटेंट एफ एन एच डब्ल्यू कार्यक्रम राजीविका और यूनिसेफ राजस्थान ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के होने वाले भेदभाव पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि समाज में महिलाओं को परिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि सभी क्षेत्रों में पुरूषों की तरह समान अवसर दिया जाए.

समाज में सभी को मिलकर सकारात्मक माहौल बनाना होगा. ताकि महिलाएं भी अपने सर्वांगीण विकास के साथ राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे पाएं. साथ ही दिया संस्थान जैसलमेर की सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा छंगाणी ने इतिहास से लेकर वर्तमान तक महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की.

पढ़ें: कोरोना के चलते जैसलमेर का पर्यटन व्यवसाय लॉक

उन्होंने बताया कि वैदिक काल में महिलाओं और पुरुषों के कार्यों में कोई भेद नहीं था. महिलाएं भी विदुषियों का कार्य करती थीं. इसके साथ ही कवि विजय गोयल ने कविता के माध्यम से लैंगिक संवेदनशीलता की बात कही. जैसलमेर के जिला युवा समन्वयक फतेहलाल भील ने समाज में महिलाओं की सामाजिक स्थिति को समझाने के लिए विभिन्न तथ्यों और आंकड़ों पर ध्यान आकर्षित किया.

जैसलमेर. नेहरू युवा केंद्र जैसलमेर और सीकर के बैनर तले यूनाइटेड नेशनल वालंटियर इंडिया के सहयोग से दो दिवसीय महिला सशक्तिकरण और लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशंस वॉलंटियर टीम की नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर देबजानी ने युवाओं से बात करते हुए प्रशिक्षण उपरांत ग्रामीण क्षेत्र में महिला समानता दूत के रूप में कार्य करने के लिए हौसला अफजाई किया.

कार्यक्रम में सरिता मौर्य स्टेट कंसलटेंट एफ एन एच डब्ल्यू कार्यक्रम राजीविका और यूनिसेफ राजस्थान ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के होने वाले भेदभाव पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि समाज में महिलाओं को परिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि सभी क्षेत्रों में पुरूषों की तरह समान अवसर दिया जाए.

समाज में सभी को मिलकर सकारात्मक माहौल बनाना होगा. ताकि महिलाएं भी अपने सर्वांगीण विकास के साथ राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे पाएं. साथ ही दिया संस्थान जैसलमेर की सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा छंगाणी ने इतिहास से लेकर वर्तमान तक महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की.

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उन्होंने बताया कि वैदिक काल में महिलाओं और पुरुषों के कार्यों में कोई भेद नहीं था. महिलाएं भी विदुषियों का कार्य करती थीं. इसके साथ ही कवि विजय गोयल ने कविता के माध्यम से लैंगिक संवेदनशीलता की बात कही. जैसलमेर के जिला युवा समन्वयक फतेहलाल भील ने समाज में महिलाओं की सामाजिक स्थिति को समझाने के लिए विभिन्न तथ्यों और आंकड़ों पर ध्यान आकर्षित किया.

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