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Jaisalmer Indian Army Exercise : भारतीय सेना ने साबित किया- कम समय में और सीमित स्थान पर बड़ा युद्ध लड़ने में हम सक्षम

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास जैसलमेर में पूरा हुआ. सेना ने ये प्रूव कर दिया कि भविष्य में लड़े जाने वाले युद्ध परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच कम समय में और सीमित स्थान पर लड़े जा सकते हैं.

Jaisalmer Indian Army Exercise
Jaisalmer Indian Army Exercise
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Published : Nov 27, 2021, 3:05 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 5:45 PM IST

जैसलमेर. भारतीय सेना की दक्षिण कमान के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का शुक्रवार को जैसलमेर में समापन हुआ. इस दौरान लगभग 400 पैराट्रूपर्स ने एक साथ हजारों फीट की ऊंचाई से पैरा जंप की.

पिछले शनिवार से चल रहे इस युद्धाभ्यास में ऐसा पहला मौका है जब पाकिस्तान से सटी सीमा पर नई टेक्नोलॉजी से वॉर एक्सरसाइज की गई. भारतीय सेना ने ये प्रूव कर दिया कि भविष्य में लड़े जाने वाले युद्ध परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच कम समय में और सीमित स्थान पर लड़े जा सकते हैं. शुक्रवार को समापन के मौके पर थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, सदन कमान जेओसी लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन, जेओसी बैटल एक्स डिवीजन मेजर जनरल अजित सिंह गहलोत मौजूद रहे.

जैसलमेर में भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

भारतीय सेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

दरअसल पड़ोसी देश से 80 किलोमीटर की दूरी पर जैसलमेर जिले के रेगिस्तानी इलाके में भारतीय सेना की दक्षिण कमान का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास चल रहा था. जिसका शुक्रवार को समापन हो गया. इस वॉर एक्ससाइज में भारतीय सेना के जवानों ने जिस तरह का जोश और जुनून दिखाया उससे परमाणु परीक्षणों को भी सहन करने वाली ये रेगिस्तानी धरती भी थर्रा गई.

कच्छ के रण से थार तक युद्धाभ्यास

भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाने की मौजूदगी में गुजरात में कच्छ के रण से लेकर राजस्थान के मरुस्थल तक चल रहे सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना ने अपनी पारंपरिक और मॉडर्न तकनीकी का बेहतरीन ढंग से धरातल पर प्रदर्शन किया. पहली बार युद्धाभ्यास मानवरहित भी किया जा रहा है. दरअसल बदलते समय के साथ भारतीय सेना भी कदमताल कर रही है और ये बात उभरकर सेना के तीनों अंग के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में सामने आ रही है.

पढ़ें- 'ध्रुव', 'रुद्र' और चेतक ने दिखाए आसमान में हैरतअंगेज कारनामे, स्वर्णिम विजय वर्ष पर भारतीय वायु सेना ने पेश किए कार्यक्रम

मानव रहित स्पेस टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी भारतीय सेना

दक्षिण शक्ति नाम के इस युद्धाभ्यास का एक सिरा गुजरात के कच्छ में है तो दूसरा जैसलमेर के सीमावर्ती रेगिस्तानी इलाके में. इसमें दोनों मोर्चों पर दुश्मनों पर हमले का अभ्यास किया गया. बताया जाता है कि कुल 20 सैनिक इसका हिस्सा बने हैं. पाकिस्तान सीमा के पास हो रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के दमखम की धमक सीमा पार तक सुनाई दे रही है.

युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना ने परंपरागत शैली के साथ आधुनिक युद्ध प्रणाली का समावेश किया है और पहली बार स्पेस टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में जोड़ा गया है. टी-72 और टी-90 का उपयोग में लाए जाने से रेगिस्तान में धूल के गुबार नजर आए. ऐसे ही वायुसेना के लड़ाकू विमान रुद्रा ध्रुव तथा जगुआर भी अभ्यास का हिस्सा बने.

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
थार में गरजे टी-72 और टी-90 टैंक

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
400 पैराट्रूपर्स ने एक साथ की पैरा जंप

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
सैनिक से बात करते थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने बढ़ाया सैनिकों का हौसला

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
आसमान में भारतीय पैरा ट्रूपर्स

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
पाकिस्तान से 80 किमी की दूरी पर सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

जैसलमेर. भारतीय सेना की दक्षिण कमान के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का शुक्रवार को जैसलमेर में समापन हुआ. इस दौरान लगभग 400 पैराट्रूपर्स ने एक साथ हजारों फीट की ऊंचाई से पैरा जंप की.

पिछले शनिवार से चल रहे इस युद्धाभ्यास में ऐसा पहला मौका है जब पाकिस्तान से सटी सीमा पर नई टेक्नोलॉजी से वॉर एक्सरसाइज की गई. भारतीय सेना ने ये प्रूव कर दिया कि भविष्य में लड़े जाने वाले युद्ध परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच कम समय में और सीमित स्थान पर लड़े जा सकते हैं. शुक्रवार को समापन के मौके पर थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, सदन कमान जेओसी लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन, जेओसी बैटल एक्स डिवीजन मेजर जनरल अजित सिंह गहलोत मौजूद रहे.

जैसलमेर में भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

भारतीय सेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

दरअसल पड़ोसी देश से 80 किलोमीटर की दूरी पर जैसलमेर जिले के रेगिस्तानी इलाके में भारतीय सेना की दक्षिण कमान का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास चल रहा था. जिसका शुक्रवार को समापन हो गया. इस वॉर एक्ससाइज में भारतीय सेना के जवानों ने जिस तरह का जोश और जुनून दिखाया उससे परमाणु परीक्षणों को भी सहन करने वाली ये रेगिस्तानी धरती भी थर्रा गई.

कच्छ के रण से थार तक युद्धाभ्यास

भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाने की मौजूदगी में गुजरात में कच्छ के रण से लेकर राजस्थान के मरुस्थल तक चल रहे सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना ने अपनी पारंपरिक और मॉडर्न तकनीकी का बेहतरीन ढंग से धरातल पर प्रदर्शन किया. पहली बार युद्धाभ्यास मानवरहित भी किया जा रहा है. दरअसल बदलते समय के साथ भारतीय सेना भी कदमताल कर रही है और ये बात उभरकर सेना के तीनों अंग के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में सामने आ रही है.

पढ़ें- 'ध्रुव', 'रुद्र' और चेतक ने दिखाए आसमान में हैरतअंगेज कारनामे, स्वर्णिम विजय वर्ष पर भारतीय वायु सेना ने पेश किए कार्यक्रम

मानव रहित स्पेस टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी भारतीय सेना

दक्षिण शक्ति नाम के इस युद्धाभ्यास का एक सिरा गुजरात के कच्छ में है तो दूसरा जैसलमेर के सीमावर्ती रेगिस्तानी इलाके में. इसमें दोनों मोर्चों पर दुश्मनों पर हमले का अभ्यास किया गया. बताया जाता है कि कुल 20 सैनिक इसका हिस्सा बने हैं. पाकिस्तान सीमा के पास हो रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के दमखम की धमक सीमा पार तक सुनाई दे रही है.

युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना ने परंपरागत शैली के साथ आधुनिक युद्ध प्रणाली का समावेश किया है और पहली बार स्पेस टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में जोड़ा गया है. टी-72 और टी-90 का उपयोग में लाए जाने से रेगिस्तान में धूल के गुबार नजर आए. ऐसे ही वायुसेना के लड़ाकू विमान रुद्रा ध्रुव तथा जगुआर भी अभ्यास का हिस्सा बने.

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
थार में गरजे टी-72 और टी-90 टैंक

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
400 पैराट्रूपर्स ने एक साथ की पैरा जंप

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
सैनिक से बात करते थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने बढ़ाया सैनिकों का हौसला

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
आसमान में भारतीय पैरा ट्रूपर्स

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

Jaisalmer Indian Army Exercise
पाकिस्तान से 80 किमी की दूरी पर सबसे बड़ा युद्धाभ्यास
Last Updated : Nov 27, 2021, 5:45 PM IST
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