जैसलमेर. जिले में पिछले कई वर्षों में ऐसी तेज आंधी और उसके बाद का ऐसा मंजर लोगों ने नहीं देखा होगा. जैसलमेर शहर सहित पूरे जिले में पाकिस्तान की तरफ से आए इस रेतीले तूफान ने सबको हिलाकर रख दिया. देखते ही देखते आसमान में धूल के गुब्बार के साथ 60 से 70 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने लगी, जिससे जिले के भूमि पुत्रों को काफी नुकसान हुआ है और उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया.
नहरी क्षेत्र के किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले सिंचाई पानी की कमी से फसलें जल चुकी थी और अब आंधी के कहर ने समूची फसलों को चौपट कर किसानों के मुंह आया निवाला छीन लिया. जिले में 24 घंटों के बीच 2 बार आए तेज तूफानी आंधी ने नहरी क्षेत्र में खड़ी और काटकर रखी गई फसलों पर जमकर कहर बरपाया और तूफानी आंधी ने चन्द पलों में किसानों के पूरे साल की मेहनत पर पानी फेर दिया. फसलें खराब होने से किसानों में निराशा का माहौल है, वहीं क्षेत्र के एक किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का भी प्रयास किया था.
फिलहाल रामगढ़ , मोहनगढ़ और नाचना के समूचे नहरी क्षेत्र के किसान पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. किसानों ने बताया कि पूर्व में पानी की कमी से फसलें प्रभावित हुई थी फिर गर्मी की मार पड़ी और अब तूफानी आंधी की वजह से रही सही फसलें भी नष्ट हो गई. नहरी क्षेत्र में ईसबगोल, चना, सरसों, जीरा फसलें मुरब्बों में काट कर एकत्र की हुई थी.
तूफानी आंधी की वजह से फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई है. किसानों ने फसलों में हुए खराबे का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है. नहरी क्षेत्र के अलावा डेढा, बडोड़ा गांव, मूलाना, दवाड़ा, रासला, भागू का गांव सहित सभी ट्यूबवैल क्षेत्र प्रभावित हुआ है. मोहनगढ़ उपनिवेशन के तहसीलदार भैराराम ने बताया कि कल तेज आंधी और तूफान ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है. उनके ओर से सभी पटवारियों को आदेश निकाल कर दिया गया कि जल्द ही सभी पटवारी फसल खराबे की रिपोर्ट बना कर तहसील में जमा करवाए, ताकि उसे राज्य सरकार को प्रेषित की जा सके और किसानों को उचित मुआवजा मिल सके.