जयपुर/जैसलमेर. स्वदेशी रूप से विकसित एनएजी - थर्ड जनरेशन के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) ने पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में अपना परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है.
स्वदेशी रूप से विकसित नाग तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ने भारतीय सेना द्वारा 7-18 जुलाई 2019 के दौरान पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में कई बार परीक्षण किया है. सभी मिसाइलों ने अपने टारगेट को पूरा किया, जिसमें न्यूनतम और अधिकतम सीमाएं, प्रत्यक्ष हमले और साथ ही शीर्ष हमले शामिल थे.
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NAG-fire & forget anti tank missile uses imaging infrared seeker in lock-on-before-launch mode.The robust imaging algorithm has made the missile hit the target even in severe summer desert conditions which is unique in its class @PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @adgpi pic.twitter.com/FZ3dzIKAk2
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— DRDO (@DRDO_India) July 19, 2019NAG-fire & forget anti tank missile uses imaging infrared seeker in lock-on-before-launch mode.The robust imaging algorithm has made the missile hit the target even in severe summer desert conditions which is unique in its class @PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @adgpi pic.twitter.com/FZ3dzIKAk2
— DRDO (@DRDO_India) July 19, 2019
सभी मिसाइलों ने अपने लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया. NAG ATGM को DRDO द्वारा सभी मौसम की स्थिति में अत्यधिक दृढ़ दुश्मन टैंकों को संलग्न करने के लिए विकसित किया गया है. एनएजी-फायर एंड फॉरगेट एंटी टैंक मिसाइल लॉक-ऑन- बिफोर-लॉन्च मोड में इन्फ्रारेड से टारगेट को बना लेता है और अगर टारगेट इधर उधर हिलता भी है तो वह इंफ्रारेड के माध्यम से टारगेट को सही से हिट करती है. मजबूत इमेजिंग एल्गोरिथ्म ने मिसाइल को अत्यधिक गर्मी में भी सटीक काम करने की योग्यता दी है.