जैसलमेर. थर्मल पावर प्रोजेक्ट में प्रस्तावित 160 मेगावाट की चौथी ईकाई में भी इस ऑयल गैस कंपनी द्वारा गैस आपूर्ति के संबंध में चल रहे विवाद से न तो यह यूनिट स्थापित हो पाई हैं. न ही किसी और गैस कंपनी से कोई नई गैस लेने की बात हो पाई है. इस परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था. जिसके लिए करीब 300 करोड़ रुपए की मशीनें भी मंगवा ली गई थी. लेकिन अब वे 6 साल से धूल फांक रही हैं.
चीफ इंजीनीयर बी. कुमार ने बताया कि इस कंपनी द्वारा इन तीनों इकाईयों को मिलाकर 9.50 लाख क्यूबिक घन मीटर गैस देने की बात कही थी. लेकिन संभवतः उनके गैस कुएं में कोई तकनीकी खराबी आने व कुछ कुओं में गैस खत्म होने के कारण मात्र 2 लाख क्यूबिक घन मीटर ही गैस दी जा रही है. इसके कारण 160 मेगावाट की तीसरी मजबूरन बंद करनी पड़ी है.
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कंपनी द्वारा गत वर्ष जून माह में ही गैस आपूर्ति घटा दी थी. जो दिसम्बर तक पूरी बंद कर दी गई. इसके कारण भारी मात्रा में सरकार को राजस्व की हानि हो रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि 160 मेगावाट की चौथी इकाई में कार्य शुरू नहीं हो पाया हैं. इसकी गैस दरों को लेकर कुछ मतभेद हैं. उक्त कंपनी द्वारा वर्तमान में पांच डॉलर से गैस गेल कंपनी को बेची जा रही हैं. अब यह कंपनी इस दरों में गैस आपूर्ति करने को राजी नहीं हैं. कंपनी ने गैस दर बढ़ाने की मांग की है.
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रामगढ़ स्थित थर्मल पावर प्रोजेक्ट के इस पूरे मामले के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि रामगढ़ की इस परियोजना में कुल 3 इकाईयां हैं. जिनमें वर्तमान में स्टेज फर्स्ट और स्टेज सेकेण्ड ही चल पा रही हैं. 110 मेगावाट की दोनों इकाईयों की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट में इन दिनों 90 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा हैं. 160 मेगावाट तीसरी इकाई में गत दिसम्बर माह से गैस आपूर्ति बिल्कुल बंद होने से यह तीसरी इकाई पूरी तरह ठप्प पड़ी है.