पोकरण (जैसलमेर). देश भर में जहां भारत सरकार की ओर से CAA को लागू करने के विरोध में सभी प्रदेशों में जगह-जगह आंदोलन हो रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को 5 साल पहले पाकिस्तान से हिन्दुस्तान आई 2 बहनें न्याय की गुहार और सुरक्षा की मांग को लेकर अपने 2 बच्चों के साथ पोकरण के उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंची. पीड़िता ने उपखण्ड अधिकारी को गृह मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा के साथ ही सहायता की गुहार लगाई है.
2015 में पाकिस्तान से भारत आई लक्ष्मी पुत्री बुधाराम भील ने बताया कि वह जोधपुर जिले के देचू थानाक्षेत्र के लोडता गांव के पास निवास करते हैं. उन्होंने बताया कि वे 2 परिवार यहां आए थे. पूर्व में आए रिश्तेदारों के पास ही वे निवास करने लगे. उन्होंने बताया कि रिश्तेदारों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू किया और उन दोनों बहनों को बेचने का प्रयास किया. जब उन्होंने इनकार किया, तो उन्हें धमकियां भी दी गई. साथ ही उनका अपहरण का भी प्रयास हुआ और मारपीट की गई.
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उन्होंने बताया कि वह किसी तरह वहां से तो भाग गई, लेकिन कोई सहायता नहीं मिलने से दर-दर की ठोकरें खा रही है. देचू के बाद वे जोधपुर पहुंची और पुलिस को गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि रिश्तेदार उनका पीछा करने लगे, तो वे किसी तरह भागकर मंगलवार को पोकरण आ गई. उसने बताया कि वे अपने रिश्तेदारों से बचते हुए भाग रही है और पोकरण क्षेत्र में उनका कोई ठिकाना नहीं है.
बता दें कि मंगलवार को लक्ष्मी, उसकी बहन मलूकी और 2 बच्चे जहन व दयाल पोकरण उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने उपखण्ड अधिकारी की अनुपस्थिति मे लिपिक को एक ज्ञापन सुपुर्द किया. उन्होंने बताया कि वे सहायता के लिए मंडोर पुलिस थाना और कमिश्नरेट भी पहुंची, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला. साथ ही उन्होंने पुलिस पर भी धमकियां देने का आरोप लगाया. उन्होंने अपने करीब 12 रिश्तेदारों के नाम लिखकर उन पर परेशान और प्रताड़ित करने आरोप लगाते हुए उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है. लक्ष्मी ने उपखंड अधिकारी से सहायता, सुरक्षा और न्याय दिलाने की मांग की है.