जैसलमेर. अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर ख्याति अर्जित कर चुके मरू महोत्सव-2023 का आयोजन आगामी 3 से 5 फरवरी तक (Maru Mahotsav to be held from 3 to 5 Feb) होगा. इस मरू महोत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों एवं सेलिब्रिटी की सांस्कृतिक सांझ आकर्षक होगी. जिला कलेक्टर टीना डाबी की नवीन पहल पर पहली बार मरू महोत्सव के आयोजन से लगभग एक माह से पूर्व मरू महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन तय कर एक नई शुरूआत हुई है.
सोनार दुर्ग स्थित अखे प्रोल में इस नवाचार की शुरूआत हुई, जिसमें जिला कलक्टर टीना डाबी, नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह ने जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तैयार किए गए मरू महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रमों के रंगीन पोस्टर का विमोचन किया. इस मौके पर राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल, पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर, पूर्व सभापति अशोक तंवर, अतिरिक्त जिला कलक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार, लोकपाल योगेश गज्जा, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े मयंक भाटिया, जितेन्द्र सिंह राठौड़, कैलाश व्यास सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं पर्यटन व्यवसायी उपस्थित थे.
टीना डाबी ने कहा कि मरू महोत्सव के आयोजन को लेकर उसकी तैयारी एवं कार्यक्रमों का निर्धारण एक माह पूर्व निर्धारित करने का मुख्य उद्देश्य मरू मेले में आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को इन कार्यक्रमों की समय पर जानकारी मिले. उन्होंने कहा कि इस महोत्सव की मुख्य थीम ऐतिहासिक, आधुनिक, काल्पनिक रखी गई है. यह मेला पर्यटकों का मेला होगा. उसी अनुरूप आयोजन की तैयारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम बेहतर से बेहतर हो उसके लिए सेलिब्रिटी को भी आमंत्रित किया गया है.
सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने जिला कलक्टर के इस नवाचार की तारीफ करते हुए कहा कि इससे मरू महोत्सव को और अधिक बढ़ावा मिलेगा एवं पूर्व जानकारी से अधिक से अधिक पर्यटक मरू महोत्सव को देखने आएंगे. पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह ने मरू महोत्सव के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि मरू वासियों का यह बहुत ही बड़ा उत्सव है. इसमें हम सबको अपनी भागीदारी निभानी चाहिए. उन्होंने यहां लोक संस्कृति, कला को अक्षुण्य बनाएं रखने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि पूर्व राज परिवार ने जो ऐतिहासिक धरोहर हमें दी है, वह हम सब के लिए गौरवशाली है.
पढ़ें: मरू महोत्सव: कलाकार नीरज आर्या की ईटीवी भारत से बातचीत, 'दो दिन की है जिन्दगी, दो दिन का मेला'
राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल ने कहा कि पूर्व राज घराने ने जो त्रिकूट सोनार दुर्ग हमें विरासत में दिया है, उसके लिए हम सब भाग्यशाली हैं. पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर ने कहा कि मरू महोत्सव की तैयारी एवं आयोजन को लेकर जो कार्यक्रम हुआ है, उससे लगता है कि इस बार का मेला अपने आप में अलग होगा. उन्होंने कहा कि पोकरण में मरू महोत्सव का आयोजन पूरी तैयारी के साथ करवाया जाएगा.
पोस्टर विमोचन के अवसर पर पैनल डिस्कशन का भी आयोजन हुआ, जिसमें पर्यटन विशेषज्ञ मयंक भाटिया ने कहा कि पर्यटकों की पहली पसन्द सोनार दुर्ग व सम के मखमली धोरे हैं. उन्होंने मखमली धोरों को संरक्षित करने की आवश्यकता जताई. पर्यटन विशेषज्ञ जितेन्द्र सिंह राठौड़ ने 'जैसलमेर का स्वर्णिम अतीत' विषय पर व्याख्यान दिया एवं कहा कि मरू महोत्सव की शुरूआत वर्ष 1979 में हुई थी. इस मेले की अलग पहचान रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार का मेला पर्यटकों के लिए यादगार रहेगा. उप निदेशक भानूप्रताप ने मरू महोत्सव के विभिन्न आयामों में हुए कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला.
पढ़ें: मरू महोत्सव में स्थानीय कलाकारों की अनदेखी और बाहरी कलाकारों को अधिक तवज्जो देना गलत- सालेह मोहम्मद
पैनल डिस्कशन में पर्यटन विशेषज्ञ कैलाश व्यास ने एडवेन्चर ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने पर बल दिया एवं कहा कि आज सम में कैमल, जीप सफारी के साथ ही हेलीकॉप्टर के माध्यम से जॉय राईडिंग की जो शुरूआत हुई है, वह पर्यटन क्षेत्र को ओर उंचाईयों तक ले जाएगा. इसके साथ ही बैंगलौर से आए मिस्टर जय ने एस्ट्रो ट्यूरिज्म पर व्याख्यान दिया, वहीं आई लव जैसलमेर की साहीन ने 'डा इन विथ जैसलमेर' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि हमें पर्यटकों को राजस्थानी एवं जैसलमेरी फूड के माध्यम से आवभगत करने की जरूरत है. मुम्बई से आए मिस्टर पृथवेश ने फॉक म्यूजिक को प्रमोट करने पर व्याख्यान दिया. वहीं खुहडी के पर्यटन विशेषज्ञ गजेन्द्र सिंह सोढ़ा ने खुहड़ी में भी पर्यटन को बढ़ावा मिले उस पर अपने विचार रखे.
इस मौके पर उप सभापति खीमसिंह, पुलिस उप अधीक्षक प्रियंका कुमावत, आयुक्त नगर परिषद लजपाल सिंह सोढ़ा, उपनिदेशक पर्यटन भानूप्रताप, लक्ष्मीनारायण खत्री, चन्द्रप्रकाश व्यास, विमल गोपा, घनश्याम गोस्वामी, राजस्व अधिकारी पवन कुमार के साथ ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग एवं नगरवासी व पर्यटक भी समारोह के साक्षी रहे. कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी.