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जैसलमेर: प्राचीन सोनार किला में स्थानीय लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम - नगरपरिषद जुटी समाधान में

देश-दुनिया के सैलानियों के लिए पहली पसंद सैकड़ों वर्ष प्राचीन सोनार किला, जो अपनी बनावट लिए विश्व विख्यात है, लेकिन यहां रहने वाले वाशिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं.

ancient Sonar Fort in Jaisalmer, स्थानीय लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम
प्राचीन सोनार किला में स्थानीय लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम
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Published : Jan 17, 2020, 8:44 PM IST

जैसलमेर. देश-दुनिया के सैलानियों के लिए पहली पसंद सैकड़ों वर्ष प्राचीन सोनार किला, जो अपनी बनावट लिए विश्व विख्यात है, लेकिन यहां रहने वाले वाशिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. शहर सहित दुर्ग में निवास कर रहे लोगों के लिए कई कार्य विगत सालों में हुए हैं, लेकिन उससे कहीं अधिक विफलता उनकी खाते में हैं.

प्राचीन सोनार किला में स्थानीय लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम

सोनार किला भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है. ऐसे में किले में रह रहे लोगों को बिजली-पानी के कनेक्शन के लिए महीनों तक कई कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं और उसके बाद भी उनके हाथ लगती है, तो केवल निराशा. नगर परिषद का नया बोर्ड जो हाल ही में चुनकर आया है. इसके नवनिर्वाचित सभापति हरीवल्लभ कल्ला की प्राथमिकताओं में दुर्ग के दोनों वार्डों में बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति में आड़े आने वाली दिक्कतों को दूर करना है.

नगरपरिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला ने बताया कि आगामी दिनों में होने वाली बोर्ड की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर सोनार दुर्ग के दोनों वार्ड वासियों के लिए बिजली-पानी की व्यवस्था में आने वाली समस्याओं के निवारण के लिए जिला कलेक्टर सहित बिजली विभाग और नगरपरिषद के अंतर्गत आने वाले पेयजल विभाग को पत्र लिखा जाएगा, जिससे दुर्गवासियों को आने वाली समस्याओं का समाधान होगा.

यह भी पढ़ें- हौसलों की उड़ान : भारत भ्रमण पर निकले दिव्यांग सचिन जैसलमेर पहुंचे

साथ ही सभापति कल्ला ने कहा कि चूंकि सोनार दुर्ग भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है और यह एक हेरिटेज है, ऐसे में वहां कोई भी कार्य बिना एएसआई की अनुमति के नहीं करवाया जा सकता, लेकिन फिर भी आम जरूरतों के अनुसार फर्श, पानी निकासी के लिए नाली और अन्य कार्य जो संभव है, वह करवाए जाएंगे.

जैसलमेर. देश-दुनिया के सैलानियों के लिए पहली पसंद सैकड़ों वर्ष प्राचीन सोनार किला, जो अपनी बनावट लिए विश्व विख्यात है, लेकिन यहां रहने वाले वाशिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. शहर सहित दुर्ग में निवास कर रहे लोगों के लिए कई कार्य विगत सालों में हुए हैं, लेकिन उससे कहीं अधिक विफलता उनकी खाते में हैं.

प्राचीन सोनार किला में स्थानीय लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम

सोनार किला भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है. ऐसे में किले में रह रहे लोगों को बिजली-पानी के कनेक्शन के लिए महीनों तक कई कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं और उसके बाद भी उनके हाथ लगती है, तो केवल निराशा. नगर परिषद का नया बोर्ड जो हाल ही में चुनकर आया है. इसके नवनिर्वाचित सभापति हरीवल्लभ कल्ला की प्राथमिकताओं में दुर्ग के दोनों वार्डों में बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति में आड़े आने वाली दिक्कतों को दूर करना है.

नगरपरिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला ने बताया कि आगामी दिनों में होने वाली बोर्ड की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर सोनार दुर्ग के दोनों वार्ड वासियों के लिए बिजली-पानी की व्यवस्था में आने वाली समस्याओं के निवारण के लिए जिला कलेक्टर सहित बिजली विभाग और नगरपरिषद के अंतर्गत आने वाले पेयजल विभाग को पत्र लिखा जाएगा, जिससे दुर्गवासियों को आने वाली समस्याओं का समाधान होगा.

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साथ ही सभापति कल्ला ने कहा कि चूंकि सोनार दुर्ग भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है और यह एक हेरिटेज है, ऐसे में वहां कोई भी कार्य बिना एएसआई की अनुमति के नहीं करवाया जा सकता, लेकिन फिर भी आम जरूरतों के अनुसार फर्श, पानी निकासी के लिए नाली और अन्य कार्य जो संभव है, वह करवाए जाएंगे.

Intro:देश-दुनिया के सैलानियों के लिए पहली पसंद बना सैकड़ों वर्ष प्राचीन सोनार किला जो अपनी बनावट और 99 भुर्जो के लिए विश्व विख्यात है लेकिन यहां रहने वाले वाशिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करते नजर आते है. शहर सहित दुर्ग में निवास कर रहे लोगों के लिए कई कार्य विगत सालों में हुए हैं, लेकिन उससे कहीं अधिक विफलता 'शहरी - सरकार' के खाते में है. सोनार किला भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है ऐसे में किले में रह रहे लोगों को बिजली-पानी के कनेक्शन के लिए महीनों तक कई कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं और उसके बाद भी उनके हाथ लगती है तो केवल निराशा. नगर परिषद का नया बोर्ड जो हाल ही में चुनकर आया है और इसके नवनिर्वाचित सभापति हरीवल्लभ कल्ला की प्राथमिकताओं में दुर्ग के दोनों वार्डों में बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति में आड़े आने वाली दिक्कतों को दूर करना है.


Body:नगरपरिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला ने बताया कि आगामी दिनों में होने वाली बोर्ड की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर सोनार दुर्ग के दोनों वार्ड वासियों के लिए बिजली-पानी की व्यवस्था में आने वाली समस्याओं के निवारण के लिए जिला कलेक्टर सहित बिजली विभाग व नगरपरिषद के अंतर्गत ही आने वाले पेयजल विभाग को पत्र भेजा जाएगा, जिससे दुर्गवासियों को आने वाली समस्याओं का समाधान होगा. साथ ही सभापति कल्ला ने कहा कि चूंकि सोनार दुर्ग भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है और यह एक हेरिटेज साइट है, ऐसे में वहां कोई भी कार्य बिना एएसआई की अनुमति के नहीं करवाया जा सकता, लेकिन फिर भी आम जरूरतों के अनुसार फर्श, पानी निकासी के लिए नाली व अन्य कार्य जो संभव है वह करवाए जाएंगे.


Conclusion:नगर परिषद के इस फैसले के बाद जैसलमेर आने वाले देशी-विदेशी सैलानी जो सोनार दुर्ग में बनी होटल में ठहरते हैं या इसे देखने आते हैं उनकी सुविधाओं में विस्तार हो सकेगा.

बाईट-1- हरिवल्लभ कल्ला, सभापति, नगरपरिषद जैसलमेर।
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