पोकरण (जैसलमेर). नाचना के इंदिरा गांधी नहर विभाग की घोर लापरवाही के कारण नाचना से 6 किलोमीटर दूर इंदिरा गांधी मुख्य नहर में मृत पशुओं के शव पड़े हैं. किसानों के लिए पानी की उपल्ब्धता के लिए बनाई गई इंदिरा गांधी नहर की स्थिति बद से बदतर हो गई है. नहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं, इसके साथ ही बबूल की झाड़ियां और सफेदे के पेड़ लगे होने के कारण नहर क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ रहा है, जिसके वजह से कभी भी नहर टूट सकती है.
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इंदिरा गांधी की मुख्य नहर विभाग की अनदेखी के कारण नहर की स्थिति खराब होती जा रही है. नहर के अंदर आए दिन मृत पशुओं के शव, कचरे, बबूल के पेड़, जमा हो जाने के कारण नहर की दशा बदहाल हो गई है. नहर की इतनी खराब स्थिति होने बावजूद भी इसकी कोई सफाई विभाग द्वारा नही जा रही है. बताया जाता है कि ठेकेदारों और विभाग की मिलीभगत के चलते नहर की सफाई नहीं की जाती.
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मीडिया से बात करते हुए विभाग के एक्शन मनोज कुमार ने बताया कि आगामी जनवरी में नहर की सफाई का काम शुरू किया जाएगा. जिसके लिए विभाग द्वारा नहर के सफाई के लिए प्रस्ताव बना दिया गया है. लेकिन जमीनी हकिकत कुछ और ही है. लोगों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण मूद्दे पर अक्सर मीडिया कर्मियों को आधी अधूरी जानकारी देकर गुमराह कर दिया जाता है. जानकारी के अनूसार नहर के सफाई के लिए करोड़ों रुपए के बजट का भुगतान करने के बाद भी नहर के सफाई का कार्य नही किया जाता है जिसके कारण अन्य गांव में पेयजल व्यवस्था भी दूषित हो जाती है.