जैसलमेर. जिले के भाडली गांव के निवासी ख्यातनाम अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार दपू खान मिरासी जिनका 13 मार्च शनिवार को जोधपुर स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया था, आज उन्हें पैतृक गांव भाड़ली में नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई और उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. दपु खान की अंतिम यात्रा में ग्रामीण, लोक कलाकारों सहित उनके कई प्रशंसक भी शामिल हुए.
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार दपु खान मूमल गीत से मशहूर हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान कबीर यात्रा, कोक स्टूडियो सहित कई मंचों पर अपनी लोक कला का प्रदर्शन किया था. दपु खान पिछले कई वर्षों से जैसलमेर के सोनार दुर्ग में आने वाले सैलानियों का उनका मनोरंजन करते थे.
गुणसार लोक संगीत संस्थान जैसलमेर के अध्यक्ष बख्श खान ने बताया कि दपु खान लोक वाद्य यंत्र कमायचा जो विलुप्त हो रहा है, उसे स्वयं ही बनाते और उसे बजाते थे. साथ ही उन्होंने कई कलाकारों को इसे बनाना और बजाना भी सिखाया था. उन्होंने कहा कि दपु खान का निधन जैसलमेर के साथ ही प्रदेशभर की लोक कला के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है.
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गौरतलब है कि लोक कलाकार बाबू खान के निधन पर प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत सहित कई प्रदेश स्तरीय जनप्रतिनिधियों ने स्वीट कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की थी और इसे प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति बताया था.